भारत के नंबर 1 बैडमिंटन सिंगल्स खिलाड़ी एच एस प्रणॉय ने 19वें एशियन गेम्स में पुरुष बैडमिंटन सिंगल्स का कांस्य पदक जीत लिया है। वहीं सात्विक साईंराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी पुरुष डबल्स के फाइनल में पहुंच गई है। पहली बार किसी डबल्स बैडमिंटन स्पर्धा में कोई भारतीय जोड़ी एशियाड फाइनल में पहुंची है।
प्रणॉय को सेमीफाइनल में चीन के शिफेंग ली ने 21-16, 21-9 से हराया। एक दिन पहले ही प्रणॉय कमर में तकलीफ के बावजूद क्वार्टरफाइनल में जीतने में कामयाब रहे थे। लेकिन सेमीफाइनल में पूरी तरह फिट नहीं होने के कारण प्रणॉय को जीत नहीं मिली और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। 41 सालों के बाद भारत को पुरुष सिंगल्स में कोई मेडल हासिल हुआ है।
पहले गोल्ड की उम्मीद
सात्विक और चिराग की जोड़ी ने पुरुष डबल्स सेमीफाइनल में मलेशिया के चिया ऐरन और वी सूह की जोड़ी को 21-17, 21-12 से मात दी और इसके साथ ही नई विश्व रैंकिंग में यह जोड़ी नंबर 1 बन जाएगी। भारत को आज तक एशियन गेम्स में बैडमिंटन में कोई गोल्ड मेडल नहीं मिला है। ऐसे में सात्विक और चिराग से फैंस अब गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहे हैं। भारतीय जोड़ी शनिवार को फाइनल में दक्षिण कोरिया के वोन्यो किम और सोल्ग्यू चोई का सामना करेगी।
हांगझाओ एशियन गेम्स से पहले भारत ने एशियाड में तक कुल 11 पदक जीते थे। साल 1982 में सैयद मोदी ने पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था। इसी साल भारत को पुरुष डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक मिले थे। इसके बाद अगले पदक साल 2018 में आए जहां महिला सिंगल्स में पीवी सिंधू को सिल्वर मिला तो साइना नेहवाल ने कांस्य जीता।
पुरुष टीम इवेंट में भारत ने 1974, 1982, 1986 में कांस्य पदक हासिल किए जबकि हांगझाओ एशियाड में पुरुष टीम सिल्वर मेडल जीत चुकी है। महिला टीम ईवेंट में साल 1982 और 2014 में भारत को कांस्य पदक मिले हैं।