भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत के साथ 19वें एशियन गेम्स के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। एच एस प्रणॉय और किदाम्बी श्रीकांत की अगुवाई में खेल रही टीम इंडिया ने सेमिफाइनल में दक्षिण कोरिया को 3-2 से हराया और एशियन गेम्स इतिहास में पहली बार इस टीम इवेंट के फाइनल में जगह बनाई। अब टीम ने कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया है। खास बात यह है कि बैडमिंटन के खेल में भारत को आखिरी बार पुरुष टीम मेडल साल 1986 में ब्रॉन्ज के रूप में मिला था और अब 37 सालों के बाद एक बार फिर भारत को इस स्पर्धा में मेडल प्राप्त होगा।
दक्षिण कोरिया की मजबूत टीम के खिलाफ हुए सेमीफाइनल के पहले मैच में भारत के टॉप सिंगल्स खिलाड़ी एच एस प्रणॉय ने 18-21, 21-16, 21-19 से जीत दर्ज कर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई। इसके बाद पुरुष डबल्स में सात्विक साईंराज-चिराग शेट्टी की जोड़ी को मात खानी पड़ी। हालांकि यह मैच काफी कड़ा रहा। तीसरे मैच में लक्ष्य सेन ने कोरिया के युंग्यू ली को आसानी से 21-7, 21-9 से हराया और भारत को 2-1 की बढ़त मिल गई। लेकिन चौथे मैच में एम आर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी हार गई।
सेमीफाइनल में पांचवा और निर्णायक मैच भारत के अनुभवी खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत और कोरिया के जियोनयोप चो से हुआ। सवा घंटे से भी लंबे समय तक चले मैच में श्रीकांत ने 12-21, 21-16, 21-14 से जीत दर्ज की और भारतीय टीम को 3-2 से जीत हासिल हो गई। अब रविवार के दिन भारतीय टीम का सामना मेजबान चीन की मजबूत टीम से होगा। चीन ने पिछले एशियन गेम्स में पुरुष टीम इवेंट का गोल्ड जीता था।
आज तक नहीं आया गोल्ड
भारत ने सबसे पहले साल 1974 के एशियन गेम्स में पुरुष टीम इवेंट का ब्रॉन्ज जीता था। इसके बाद साल 1982 और 1986 में भी टीम को ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ था। भारत ने आज तक एशियन गेम्स में बैडमिंटन की किसी भी स्पर्धा का गोल्ड नहीं जीता है। ऐसे में इस बार भारत से फैंस को गोल्ड की उम्मीद है। फिलहाल भारत पदक तालिका में 10 गोल्ड समेत कुल 38 पदक लेकर चौथे नंबर पर है।