ताइपे ओपन सुपर 300 बैडमिंट टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है। टूर्नामेंट के चौथे दिन पुरुष सिंगल्स के क्वार्टरफाइनल में भारत के परुपल्ली कश्यप हार गए। कश्यप के अलावा भारतीय खिलाड़ियों ने डबल्स के मुकाबले भी गंवाए और सभी टूर्नामेंट से बाहर हो गए। सिंधू, श्रीकांत, सेन जैसे खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में परुपल्ली कश्यप भारत की ओर से भाग ले रहे टॉप रैंकिंग वाले खिलाड़ी थे।
विश्व नंबर 40 और टूर्नामेंट में तीसरी सीड कश्यप को क्वार्टरफाइनल में विश्व नंबर 59 मलेशिया के सूंग जू वेन ने तीन सेट तक चले मुकाबले में 21-12, 12-21, 21-17 से हराया और सेमीफाइनल में स्थान पक्का किया। कश्यप ने अपने अनुभव का फायदा उठाने का पूरा प्रयास किया लेकिन तीसरे और निर्णायक सेट में वेन ने लंबी रैलियां खेलकर कश्यप को काफी थकाया और अंक जीते। कश्यप इससे पहले मार्च में इसी साल स्विस ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे। कश्यप आखिरी बार सितंबर 2019 में कोरिया ओपन के रूप में किसी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचे थे और उसके बाद से ही किसी भी टूर्नामेंट में क्वार्टरफाइनल से आगे बढ़ने में नाकामयाब रहे हैं।
महिला डबल्स के क्वार्टरफाइनल में भारत की तनीषा क्रास्टो और श्रुति मिश्रा को हार झेलनी पड़ी। भारतीय जोड़ी को हॉन्ग कॉन्ग की छठी सीड नाग से याउ-सांग ह्यू यान की जोड़ी ने 21-16, 20-22, 21-18 से हराया। एक घंटे तक चले मैच में भारतीय जोड़ी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरे सेट की शुरुआत में पिछड़ने के बाद वापसी कर दोनों ने सेट जीता। लेकिन तीसरे सेट में बेहद करीब आकर गेम गंवा दिया।
तनीषा मिक्स्ड डबल्स में भी क्वार्टरफाइनल में पहुंची थीं। यहां छठी सीड तनीषा और ईशान भटनागर की जोड़ी को मलेशिया के हू पांग रोन-तोह ई वेई ने 21-19, 21-12 से हराते हुए बाहर किया। पहले सेट में भारतीय जोड़ी ने फिर भी मलेशियाई जोड़ी को चुनौती दी, लेकिन दूसरा सेट में ज्यादा संघर्ष नहीं किया।
साल 2008 में पूर्व विश्व नंबर 1 भारत की साइना नेहवाल ने ताइपे ओपन महिला सिंगल्स का टाइटल जीता था और आज तक उनके अलावा कोई अन्य भारतीय खिलाड़ी यहां सिंगल्स खिताब नहीं जीत पाया है। वहीं साल 2009 में महिला डबल्स का खिताब भारत की वी डीजू-ज्वाला गुट्टा की जोड़ी ने जीता था।