पैरा बैडमिंटन चैंपियन मानसी जोशी बहुत उत्साहित हुईं जब उनसे प्रेरित होकर हाल ही में बार्बी डॉल मॉडल तैयार की गई। मानसी जोशी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'धन्यवाद बार्बी। यह अतुल्नीय है कि अूक बार्बी डॉल मुझसे प्रेरित होकर बनी है। मेरा मानना है कि समावेश और विविधता के आसपास की शिक्षा जल्दी शुरू होनी चाहिए और मुझे उम्मीद है कि मेरी कहानी युवा लड़कियों को उनकी वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए प्रोत्साहित करती है और जो भी वे बनना चाहती हैं, आप कुछ भी हो सकती हैं।'
यह मौका तब और खास बन गया जब मानसी को पहचान रविवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर मिली। इसलिए मानसी जोशी उन चुनिंदा महिलाओं के क्लब से जुड़ी, जिन्में बार्बी शिरोज भी कहा जाता है, यानी उनसे प्रेरित होकर बार्बी डॉल बनाई जाती है। भारतीयों में मानसी जोशी दूसरी महिला हैं, जिन्हें ऐसी पहचान मिली है। वैसे, मानसी जोशी देश की पहली पैरा एथलीट हैं, जिससे प्रेरित होकर बार्बी डॉल बनी। इससे पहले पिछले साल जिम्नास्ट दीवा करमाकर को यह उपलब्धि मिली थी।
मानसी जोशी बार्बी पहचान से बेहद खुश
मानसी जोशी अपने से प्रेरित बार्बी डॉल बनने से बेहद खुश हैं। मानसी जोशी ने कहा, 'बार्बी द्वारा इस तरह की बधाई से काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं और मुझसे प्रेरित होकर डॉल बनाई गई। इस तरह की पहचान से मुझे लोगों का दिव्यांग्ता के प्रति नजरिया बदलने में मदद मिलेगी।'
बार्बी की टैगलाइन आप कुछ भी हो सकती हैं के बारे में बात करते हुए मानसी जोशी ने कहा, 'जी हां यह मुझ पर बड़े स्तर तक लागू होती है। यह स्थितियों को आपके फायदे में तब्दील करने के लिए है।' पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी की हूबहू बार्बी डॉल तैयार की गई है।
चैंपियन शटलर मानसी जोशी खेल के लिए काफी समर्पित हैं। हालांकि, मानसी जोशी 2011 में एक सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा बैठीं थीं। इससे उनके करियर पर काफी गहरा असर पड़ा। दुर्घटना के कारण मानसी जोशी के बाएं पैर को काटना पड़ा। हालांकि, मानसी जोशी ने हिम्मत नहीं हारी और खेल के प्रति अपने जोश व जुनून को कायम रखा और पैरा बैडमिंटन में हिस्सा लिया। 31 साल की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी 2019 में बासेल में खेली गई विश्व चैंपियनशिप में चैंपियन बनीं। 2011 में गंभीर दुर्घटना के बाद मानसी जोशी अपनी पीड़ाओं से काफी ऊपर आ चुकी हैं।