पूर्व कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन पारुपल्ली कश्यप ने मंगलवार को हैदराबाद में जारी नेशनल कैंप में अपना नाम शामिल नहीं होने पर सवाल किया है। पारुपल्ली कश्यप ने कहा कि ओलंपिक आशा को ध्यान में रखते हुए नेशनल कैंप को आठ लोगों तक सीमित रखना तर्कहीन है। 33 साल के पारुपल्ली कश्यप ने जोर देकर कहा कि उनके पास टोक्यो गेम्स के लिए क्वालीफाई करने का एक बाहरी मौका है, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई जरिया नहीं मिल रहा है क्योकि वह कैंप में अभ्यास नहीं कर रहे हैं।
पारुपल्ली कश्यप ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'कैंप को लेकर मेरे कुछ सवाल हैं। मुझे यह तर्कहीन लगा कि सिर्फ 8 लोगों को ट्रेनिंग की अनुमति है। साथ ही ये 8 कैसे ओलंपिक आशा हुए क्योंकि मेरे ख्याल से लगभग सिर्फ तीन लोग ही अपनी जगह पक्की कर सके हैं और श्रीकांत व महिला डबल्स सहित अन्य के पास बाहरी मौका है। बी साई प्रणीत और किदांबी श्रीकांत के बाद मेरी विश्व रैंकिंग 23 है। तो मुझे फिर क्यों नहीं शामिल किया गया।'
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने साई पुलेला गोपीचंद एकेडमी में 1 अगस्त को तेलंगाना सरकार की स्वीकृति के बाद 7 अगस्त से ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने की अनुमति दी। पारुपल्ली कश्यप अपनी पत्नी और साथी शटलर साइना नेहवाल के साथ एकेडमी के पास निजी कोर्ट पर ट्रेनिंग कर रहे हैं। पारुपल्ली कश्यप ने कहा कि उन्होंने अपने विचार साई के समक्ष रखे, लेकिन उन्हें संतुष्टिभरा जवाब नहीं मिला।
पारुपल्ली कश्यप जवाब से संतुष्ट नहीं
पारुपल्ली कश्यप ने कहा, 'गोपी भैय्या (पुलेला गोपीचंद) ने मुझे साई से बात करने की सलाह दी क्योंकि उन्होंने लिस्ट बनाई है। इसलिए मैंने साई के डायरेक्टर जनरल से बात की और इसके पीछे का तर्क पूछा। मैं कैंप में क्यों नहीं हूं? किसने फैसला किया कि हमारे पास क्वालीफाई करने का मौका नहीं है जब 7-8 टूर्नामेंट बचे हैं। एक दिन बाद साई के सहायक निदेशक ने मुझे कॉल किया और कहा कि यह निर्देश ऊपर से आए हैं और उन्होंने बाई व साई से बात की है, जिनका मानना है कि इन लोगों के पास क्वालीफाई करने का मौका है, जो मुझे काफी अजीब लगा।'
पारुपल्ली कश्यप ने आगे कहा, 'मुझे कहा गया कि ये 8 लोग टोक्यो ओलंपिक्स तक ट्रेनिंग करेंगे ताकि ओलंपिक आशा सुरक्षित रहे। अभी कोई सेंटर पर नहीं है। सभी अलग सेंटर्स में जिम उपयोग कर रहे हैं। वो लोग बाहरी लोगों से मिल रहे हैं। तो मुझे उन्हें सुरक्षित रखने का विवरण समझ नहीं आया।' पारुपल्ली कश्यप ने कहा कि साई पुलेला गोपीचंद एकेडमी में पर्याप्त कोर्ट हैं कि ज्यादा खिलाड़ी अभ्यास कर सकें। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय सेंटर में 9 कोर्ट हैं और इस समय सिर्फ चार लोग ट्रेनिंग कर रहे हैं। चार खिलाड़ियों के लिए 9 कोच और दो फिजियो हैं, जो ज्यादा से ज्यादा दो या ढाई घंटे अभ्यास कर रहे हैं। तो बाकी समय तो कोर्ट खाली है। अन्य खिलाड़ियों को बाकी समय में अभ्यास क्यों नहीं करने दिया जा रहा है? मुझे यह कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।'