कहते हैं पूत के पग पालने में ही नजर आ जाते हैं कि वो किसी दिशा में आगे बढ़ने वाला है। योग्य माता-पिता की संतान में उनका कुछ हुनर जरूर देखने को मिलता है। इसी बात को सच साबित कर रही है गायत्री गोपीचंद। गायत्री देश के पूर्व महानतम बैडमिंटन प्लेयर पुलेला गोपीचंद की बेटी हैं।
गायत्री इस समय जूनियर स्तर पर अपने खेल से लगातार प्रभावित कर रही है। गायत्री सब-जूनियर स्तर से ही अपने खेल से अपने पिता और राज्य को गौरवान्वित महसूस करवा रही है। इससे पहले वह अंडर-15 वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुकी हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित हो रहे ऑल इंडिया जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में लगातार गायत्री का दमदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। गायत्री बालिका वर्ग की एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंच चुकी हैं और खिताब से एक कदम की दूरी पर खड़ी हैं।
गोपीचंद की बेटी होने के कारण गायत्री को लेकर दर्शकों में उनका एक अलग आकर्षण देखने को मिल रहा है। जब-जब गायत्री का मैच होता है दर्शक बड़ी संख्या में मैच देखने आते हैं। इसके अलावा गायत्री के दमदार खेल पर दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका मनोबल बढ़ाते हैं। इसके अलावा गोपीचंद, गोपीचंद की हूटिंग भी करते हैं।
सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित हो रहे इस टूर्नामेंट में गायत्री ने सीधे सेटों में जीत दर्ज कर सेमीफाइनल मुकाबला अपने नाम किया। सेमीफाइनल में गायत्री ने पुड्डुचेरी की कविप्रिया को 21-13, 21-10 से शिकस्त दी है।
फाइनल मुकाबले में गायत्री का सामना तेलंगाना की सामिया इमाम फारूखी से होगा। फारूखी ने सेमीफाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश की मानसी सिंह को तीन सेटों तक चले मुकाबले में 21-13, 18-21, 23-21 से हराया है। फारूखी ने यह मुकाबला एक घंटे और आठ मिनट में अपने नाम किया।
फारूखी के साथ मिलकर जीत चुकी हैं वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडलः
खास बात ये है कि जिस सामिया इमाम फारूखी के खिलाफ गायत्री को बालिका एकल वर्ग का फाइनल मुकाबला खेलना है, उसी फारूखी के साथ मिलकर उन्होंने अंडर-15 वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
गोपीचंदः नाम ही काफी है
गायत्री के पिता गोपीचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे अपने जमाने के शानदार बैडमिंटन प्लेयर रह चुके हैं। इसके अलावा वे वर्तमान में भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच हैं। साथ ही वे हैदराबाद में गोपीचंद एकेडमी भी संचालित करते हैं।
गोपीचंद एकेडमी से अब तक देश के कई जाने-माने बैडमिंटन खिलाड़ी निकल चुके हैं। गोपीचंद की कोचिंग में ही पीवी सिंधु जैसे होनहार शिष्य आज उनका नाम आगे बढ़ा रहे हैं।