भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब प्रदर्शन जारी है। सिंगापुर ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता के दूसरे दौर में भारत के खिलाड़ियों की हार के साथ भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है। पुरुष सिंगल्स के दूसरे दौर में पूर्व विश्व नंबर 1 किदाम्बी श्रीकांत की हार के साथ देश के खिलाड़ियों का अभियान खत्म हो गया।
विश्व नंबर 23 श्रीकांत को रैंकिंग में 42वें स्थान पर मौजूद ताईवान के चिया हाओ ली के हाथों सीधे सेटों में 21-15, 21-19 से हार मिली। श्रीकांत ने साल 2019 में इंडियन ओपन के रूप में अपना आखिरी BWF सिंगल्स खिताब जीता था। वहीं भारत के प्रियांशु राजावत को भी दूसरे दौर में हार झेलनी पड़ी। प्रियांशु को तीसरी सीड जापान के कोडाई नाराओका ने 21-17, 21-16 से हराने में कामयाबी हासिल की। नाराओका ने पहले दौर में एच एस प्रणॉय को हराकर बाहर किया था। लक्ष्य सेन भी पहले दौर में हारकर बाहर हो चुके हैं।
पुरुष डबल्स के दूसरे दौर में भारत के एमआर अर्जुन-ध्रुव कपिला की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी को इंग्लैंड के बेन लेन और शॉन वेन्डी की जोड़ी ने 21-15, 21-19 से मात दी। भारत की टॉप डबल्स जोड़ी सात्विक साईंराज-चिराग शेट्टी प्रतियोगिता के पहले दौर में हार चुकी है। ऐसे में पुरुष डबल्स में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है।
निराशाजनक परिणाम
भारत के लिए इस बार सिंगापुर ओपन में सभी परिणाम बेहद खराब रहे हैं। पिछले साल पीवी सिंधू टूर्नामेंट में महिला सिंगल्स चैंपियन बनीं थीं जबकि इस बार वह पहले ही दौर में हार गईं। पूर्व विश्व नंबर 1 साइना नेहवाल भी इस बार पहले राउंड से आगे नहीं बढ़ पाईं। पुरुष सिंगल्स में पिछले साल क्वार्टर-फाइनल तक पहुंचने वाले प्रणॉय इस बार एक भी मैच नहीं जीत पाए।
मौजूदा सीजन बैडमिंटन के लिहाज से देश के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए खास नहीं रहा है। पूरे साल में प्रियांशु राजावत, एच एस प्रणॉय ही BWF वर्ल्ड टूर लेवल का सिंगल्स खिताब जीत पाए हैं। वहीं डबल्स में सात्विक और चिराग की जोड़ी को एक ट्रॉफी हासिल हुई है।