बैडमिंटन खिलाड़ी शुभांकर डे इस समय थॉमस कप के लिए भारतीय टीम में शामिल हैं और वह चाहते हैं कि टूर्नामेंट पूरी आसानी के साथ हो ताकि खिलाड़ियों पर से आर्थिक दबाव कम हो। थॉमस एंड उबर कप कोरोना वायरस महामारी के बीच पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित होने जा रहा है। मार्च में ऑल इंग्लैंड ओपन के बाद कोरोना वायरस महामारी के कारण बैडमिंटन टूर्नामेंट ठप्प पड़े हैं। हालांकि, थॉमस एंड उबर कप पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि अब तक सात देश अपना नाम वापस ले चुके हैं। बता दें कि थॉमस एंड उबर कप 3-11 अक्टूबर तक डेनमार्क के आरहुस में आयोजित होना है।
शुभांकर ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, 'मैंने डेनमार्क में अपने कुछ दोस्तों से बात की है और उन्होंने कहा कि अगर चीन अपना नाम वापस लेगा तो दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया भी हट जाएंगे और फिर टूर्नामेंट रद्द हो जाएगा। मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि अगर थॉमस कप और अन्य टूर्नामेंट आयोजित होते हैं तो यह अच्छा होगा।'
शुभांकर डे ने आगे कहा, 'खिलाड़ी इस समय चिंतित हैं क्योंकि जब तक हम टूर्नामेंट नहीं खेलते तब तक रुपए नहीं मिलते हैं। स्पॉन्सरशिप नहीं आ रही है। इसलिए हम काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि भले ही अन्य टीमें नाम वापस भी ले लें पर थॉमस कप आयोजित होगा।'
शुभांकर डे ने आगे कहा, 'मैं समझता हूं कि वो भी स्पॉन्सरशिप के मामले में संघर्ष कर रहे होंगे। बस अच्छे की उम्मीद की जा सकती है। मैं सच में खेलना चाहता हूं और अपने जितने भी टीम साथियों से बात की जो उन्होंने भी खेलने की इच्छा जताई।'
टूर्नामेंट खेलने को बहुत उत्साहित हैं शुभांकर डे
शुभांकर डे ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लंबे ब्रेक के बाद खिलाड़ी मुकाबले खेलना चाहते हैं। शुभांकर ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट फरवरी में बार्सिलोना स्पेन मास्टर्स खेला था, जहां पहले राउंड में उनका मुकाबला हमवतन किदांबी श्रीकांत से हुआ था। शुभांकर डे ने कहा, 'एक खिलाड़ी के रूप में मैं यह कह सकता हूं कि हम टूर्नामेंट खेलने के लिए वाकई बहुत उत्साहित हैं। हमें प्रतिस्पर्धा पसंद है और एकसाथ होने की भावना बहुत अलग है। हमने प्रत्येक दिन कड़ी मेहनत की और अगर हम प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे, तो इसका कोई फायदा ही नहीं।'
शुभांकर डे के शब्दों ने खिलाड़ियों के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बदलाव को दर्शाया है क्योंकि मार्च से बैडमिंटन कैलेंडर ठहरा हुआ है और इससे बीडब्ल्यूएफ भी दबाव में है। शुभांकर डे ने कहा कि खिलाड़ी और अन्य स्टेकहोल्डर्स को अब वायरस के बारे में बेहतर पता है, जिसकी उस समय जानकारी नहीं थी।
शुभांकर डे ने कहा, 'जहां तक कोरोना वायरस की चिंता है। शुरूआत में हमारे दिमाग में चढ़ा था क्योंकि पता नहीं था कि किस तरह इसके साथ रहना है। मगर हमने अपनी क्षमता के मुताबिक ट्रेनिंग की और पिछले एक से डेढ़ महीने से एहसास नहीं हुआ कि यह हमारे लिए परेशानी का सबब है। हम साथ ही देख रहे हैं कि अन्य खेलों की प्रतिस्पर्धाएं भी शुरू हो चुकी हैं। टेनिस, फुटबॉल और अब आईपीएल होने जा रहा है। खेलों की धीमे से वापसी होगी तो हम प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने दिमाग को तैयार कर चुके हैं।'