विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सिंगल्स मुकाबलों में इस बार भारत खाली हाथ

पिछली बार  के सिल्वर मेडलिस्ट श्रीकांत इस बार दूसरे ही दौर में बाहर हो गए।
पिछली बार के सिल्वर मेडलिस्ट श्रीकांत इस बार दूसरे ही दौर में बाहर हो गए।

भारत को BWF विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप 2022 में पुरुष डबल्स में एक पदक मिलने जा रहा है। सात्विक साईंराज और चिराग शेट्टी की सांतवी सीड जोड़ी ने जापान की राजधानी टोक्यो में हो रही इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में प्रवेश कर एक पदक पक्का कर दिया है, लेकिन सिंगल्स में देश को इस बार भारी निराशा झेलनी पड़ी है। एच एस प्रणॉय की क्वार्टरफाइनल में हार के साथ ही सिंगल्स में इस बार भारत को कोई पदक नहीं मिलेगा।

भारत की ओर से पुरुष सिंगल्स में 4 और महिला सिंगल्स में 2 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। पुरुष सिंगल्स में 9वीं सीड लक्ष्य सेन और 12वीं सीड किदाम्बी श्रीकांत से भारी उम्मीदें थीं। श्रीकांत पिछली बार के उपविजेता थे और पुुरुष सिंगल्स में देश को विश्व चैंपियनशिप का पहला सिल्वर मेडल दिलाया था लेकिन वो इस बार दूसरे ही दौर में हारकर बाहर हो गए। लक्ष्य सेन ने पिछले साल ब्रॉन्ज मेडल जीता था, पर इस बार तीसरे दौर में उनका सामना हमवतन एच एस प्रणॉय से हुआ और प्रणॉय ने सेन को मात दी।

'Giant Killer' के नाम से मशहूर प्रणॉय ने चैंपियनशिप के दूसरे दौर में 2 बार के विश्व चैंपियन जापान के केंतो मोमोता को मात देकर सभी को चौंका दिया था। इसके बाद बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स का सिंगल्स गोल्ड जीतने वाले लक्ष्य को हराकर काफी प्रभावित किया। क्वार्टरफाइनल में उम्मीद की जा रही थी कि प्रणॉय जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में पहुंचेंगे और अपने करियर का पहला विश्व चैंपियनशिप मेडल जीत लेंगे। लेकिन विश्व नंबर 18 प्रणॉय को 23वीं रैंकिंग वाले चीन के झाओ जुन पेंग ने हरा दिया। प्रणॉय पहला सेट जीत गए थे लेकिन अगले दोनों सेटों में झाओ हावी हुए।

महिला सिंगल्स में तो प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पीवी सिंधू की गैर मौजूदगी में साइना नेहवाल पर जिम्मेदारी थी। साइना ने पहले दौर आसान जीत दर्ज की और दूसरे दौर में उन्हें वॉकओवर मिल गया। लेकिन तीसरे दौर में वो मात खा गईं। साइना पिछले काफी समय से खराब प्रदर्शन से जूझ रही हैं और विश्व चैंपियनशिप में भी फैंस को उनके परिणाम से निराशा हुई। साइना के अलावा मालविका बंसोड़ भी महिला सिंगल्स में भारत की ओर से खेल रही थीं, लेकिन पहले ही दौर में वो हारकर बाहर हो गईं।

भारत को विश्व चैंपियनशिप का पहला मेडल साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने ब्रॉन्ज के रूप में दिलाया था। पुरुष सिंगल्स में इसके बाद अगला मेडल 36 सालों के बाद 2019 में आया जब बी साईं प्रणीत ने ब्रॉन्ज जीता। 2021 में लक्ष्य सेन ने भी कांस्य पदक जीता तो श्रीकांत को सिल्वर मिला। महिला सिंगल्स में 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज जीता। साल 2015 में साइना नेहवाल सिल्वर जीतने में कामयाब रहीं। साइना ने साल 2017 में ब्रॉन्ज जीता। साल 2017 और 2018 में सिंधू ने सिल्वर जीता जबकि साल 2019 में गोल्ड जीतकर विश्व चैंपियन बनने वाली सिंधू पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनी।