खेलों को राजनीति से दूर रखने की बात कई मौकों पर होती है लेकिन कई बार इसका अमल होते हुए नहीं दिखता। ऐसे ही एक वाकये में आयरलैंड की महिला बास्केटबॉल टीम ने एक टूर्नामेंट के दौरान विरोधी इजराइली टीम के खिलाड़ियों के साथ मैच से पहले हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। लेकिन इजराइली टीम ने अपने खेल के जरिए आयरिश टीम को अपना दम दिखाया और बड़े अंतर से मैच जीत लिया।
यूरोपीय देश लात्विया में यूरोबास्केट 2025 प्रतियोगिता के क्वालीफ़ायर दौर का आयोजन किया जा रहा है। क्वालीफ़ायर टूर्नामेंट के जरिए टॉप 12 टीमों का चयन होगा जो 2025 में होने वाली यूरोपीय चैंपियनशिप में भाग लेंगी। ग्रुप ई में इजराइल, आयरलैंड, फ्रांस और लात्विया की टीमें हैं। इजराइली टीम क्वालीफ़ायर में अपना पहला मैच आयरलैंड के खिलाफ खेल रही थी। मुकाबला शुरु होने से ठीक पहले दोनों टीमों को अपने राष्ट्रगान के लिए कोर्ट के बीच में खड़ा होना था। इजराइली टीम कोर्ट के बीच में आई लेकिन आयरिश टीम इजराइली टीम के पास आकर खड़ी नहीं हुई। इसके साथ ही टीम ने इजराइली टीम से मुकाबला शुरु होने से पहले हाथ मिलाने से इंकार कर दिया।
आयरलैंड की टीम की इस हरकत के बाद इजराइली टीम ने अपने जबरदस्त खेल के सहारे मुकाबला 87-57 के अंतर से जीता। आमतौर पर मुस्लिम अरब देशों के खिलाड़ी कई मौकों पर इजराइल के खिलाड़ियों के खिलाफ मुकाबलों में वॉकओवर देते दिखे हैं, लेकिन इस बार यूरोप के एक देश की टीम की ओर से आई यह प्रतिक्रिया चौंकाने वाली है। माना जा रहा है कि पिछले दिनों में हमास के खिलाफ इजराइल की ओर से की गई कार्रवाई में हुए मानवीय नुकसान के कारण आयरलैंड ने यह कदम उठाया है, लेकिन कई खेल प्रेमी इसे खेल भावना के खिलाफ बता रहे हैं।
अब इजराइल और आयरलैंड की टीमों के बीच क्वालिफिकेशन दौर का एक और मुकाबला इस साल 10 नवंबर को खेला जाएगा। अब खेल प्रेमी यह देखना चाह रहे हैं कि पहले मैच में इजराइल के खिलाफ बुरी तरह हारने हाथ ना मिलाने के कारण हुए विवाद के बाद अगले मैच में आयरिश टीम की प्रतिक्रिया क्या रहती है। यह उल्लेखनीय है कि इजराइल एक देश के रूप में एशियाई महाद्वीप में है लेकिन मुस्लिम बाहुल्य कई देश एशिया में आते हैं, इस कारण उनके विरोध के चलते इजराइल अधिकतर खेलों में एशिया का प्रतिनिधित्व नहीं करता और यूरोपीय फेडरेशनों का हिस्सा है।