विश्व सिल्वर मेडलिस्ट अमित पंघाल (52 किग्रा) को अपनी फाइनल बाउट लड़े बिना ही गोल्ड मेडल मिल गया जबकि अनुभवी सतीश कुमार (+91 किग्रा) को सिल्वर मेडल से संतुष्ट होना पड़ा क्योंकि चोट के कारण वह शनिवार को जर्मनी में कोलोग्ने विश्व कप के फाइनल मुकाबले में हिस्सा नहीं ले सके। अमित पंघाल को जर्मनी के अर्गिस्टी तेरतेरयान ने वॉकओवर दे दिया।
फ्रांस के जामिली डिनी मोइंड्जे को पिछली रात सेमीफाइनल में मात देने के बाद फाइनल में पहुंचे सतीश कुमार को चोट के कारण जर्मनी के नेल्वी टियाफैक के खिलाफ आखिरी बाउट से हटना पड़ा। साक्षी और मनीषा ने महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह पक्की कर ली थी। अब इन दोनों महिला मुक्केबाजों को शनिवार की देर रात फाइनल में भिड़ना है।
जहां मनीषा ने दो बार की विश्व चैंपियनशिप सिल्वर मेडल विजेता हमवतन सोनिया लाथेर को 5-0 से मात दी, वहीं साक्षी ने जर्मनी की रमोना ग्राफ को 4-1 से रौंदा। हालांकि, एशियाई गेम्स की ब्रॉन्ज मेडल विजेता पूरा राय को नीदरलैंड्स की नोचका फोंटीजिन से शिकस्त झेलनी पड़ी और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा।
मोहम्मद हसामुद्दीन और गौरव सोलंकी को पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। हसामुद्दीन को स्थानीय हमसत सहदालोव से शिकस्त मिली। वहीं गौरव सोलंकी को फ्रांस के सैमुअल किस्टोहरी ने बाहर किया। बता दें कि मुक्केबाजी विश्व कप में मेजबान देश के अलावा बेल्जियम, क्रोएशिया, डेनमार्क, फ्रांस, मोल्दोवा, नीदरलैंड्स, पौलेंड और यूक्रेन के मुक्केबाज भी नजर आ रहे हैं।
अमित पंघाल ने विश्व कप के सेमीफाइनल में किया था धमाल
बता दें कि वॉकओवर के कारण गोल्ड मेडल हासिल करने वाले अमित पंघाल ने सेमीफाइनल में गजब का प्रदर्शन किया था। भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने फ्रांस के बिलाल बेनेमा, जो कि विश्व चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भी हैं, उन्हें 5-0 से मात दी। बता दें कि इसी विश्व चैंपियनशिप में अमित पंघाल ने सिल्वर मेडल जीता था। भारतीय खेल प्राधिकरण के सूत्र ने तब जानकारी दी थी, 'एक फिजियो रोहित कश्यप कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन अन्य मुक्केबाज ठीक हैं। सभी का दोबारा टेस्ट हुआ और उनका नतीजा निगेटिव निकला। फिजियो को पृथकवास में रखा है और वह ठीक हो रहे हैं।' पता हो कि भारतीय दल तब थोड़ा परेशान रहा जब चार बार के एशियाई मेडलिस्ट शिव थापा (63 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) को कम दर्द के कारण टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लेना पड़ा।