रियो ओलंपिक में भारतीय बॉक्सिंग दल का विश्लेषण

1- विकास कृषण (75 किलो)
vikas

24 वर्षीय विकास कृषण का यह दूसरा ओलंपिक हैं, इससे पहले वो 2010 एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल और 2011 वर्ल्ड एमैच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक के दम पर उन्होंने 2012 में हुए लंदन ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था। वहाँ पर उन्होंने पहले मैच में यूएसए के एरोल स्पेंस को 13-11 से हारा दिया था, लेकिन बाद में उनके विरोधी ने फैसले को चैलेंज किया और बाद में फैसले को बदल दिया गया और वो शुरुआती दौर से ही बाहर हो गए। JSW स्पोर्ट्स एक्सिलेंस प्रोग्राम के बॉक्सर ने उसके बाद अपना वर्ग बदला और वो मिडिलवेट वर्ग से खेलने लगे और उन्होंने 2014 एशियन गेम्स में ब्रॉज मैडल और 2015 एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उनके नाम सिल्वर मैडल जीता। उनकी चुस्ती और फुर्ती उन्हें उनके विरोधी के खिलाफ उन्हें खतरनाक बनाता है। अब रियो में उनका सामना होगा यूएसए के 18 वर्षीय चार्लस कोनवेल जूनियर के साथ, जिन्हें की काफी रेट भी किया जाता है। कृषण उस मैच में कोववेल जोकि अच्छे पंच मारते है, उनके खिलाफ अपने अनुभव का इस्तेमाल करना चाहेंगे। क्वार्टर फ़ाइनल में उनका सामना बेकटेमीर मेलीकूजेव से हो सकता है।