दो बार कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज जीत चुके भारतीय मुक्केबाज मोहम्मद हुसामुद्दीन ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आगाज जीत के साथ किया है। पुरुषों की 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के पहले दौर में हुसामुद्दीन ने मेसिडोनिया के ऐलेन रुस्तमोवस्की को एकतरफा मैच में 5-0 से हराया।
उजबेकिस्तान के ताशकंद में हो रही चैंपियनशिप के अपने मैच की शुरुआत में हुसामुद्दीन ने खुद को स्थापित करने के लिए समय लिया। लेकिन इसके बाद अपनी तकनीकी क्षमता का इस्तेमाल कर हुसामुद्दीन ने सही पंच लगाते हुए निर्णायकों की ओर से ज्यादा अंक बटोरे। लेकिन 60 किलोग्राम भार वर्ग में भारत के वरिंदर सिंह को हार झेलनी पड़ी। वरिंदर को उजबेकिस्तान के मुजिबिलो तुरसुनोव ने 5-0 से हराया।
आशीष चौधरी ने 80 किलोग्राम भार वर्ग के पहले दौर में 4-1 से जीत दर्ज की।आशीष ने 2019 की एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था और 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों में भी भाग ले चुके हैं। लेकिन 86 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भारत के हर्ष को ऑस्ट्रेलिया के बिली मैकएलिस्टर ने 5-0 के अंतर से मात दी।
विश्व चैंपियनशिप में कुल 107 देशों के 530 से अधिक मुक्केबाज अलग-अलग भार वर्ग में भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता का आयोजन 14 मई तक होगा जिसमें भारत की ओर से 13 मुक्केबाज भाग लेंगे। भारत ने विश्व चैंपियनशिप में कुल सात बार पदक जीते हैं। पिछली बार चैंपियनशिप का आयोजन 2021 में बेलग्रेड, सर्बिया में हुआ था। तब आकाश कुमार ने भारत के लिए ब्रॉन्ज के रूप में इकलौता पदक जीता था। 2019 में विश्व चैंपियनशिप में अमित पंघाल ने सिल्वर और मनीष कौषिक ने ब्रॉन्ज हासिल किया था।
2017 में गौरव बिधूड़ी ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहे थे। शिवा थापा ने 2015 में हुई प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया था। उससे पहले 2011 में विकास कृष्णन ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब हुए थे। साल 2009 में ओलंपिक मेडलिस्ट विजेंदर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था और यह पुरुष बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप में देश का पहला पदक था।