भारत ने नई दिल्ली में हो रही IBA विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीत लिए हैं। देश के लिए पहला गोल्ड 22 साल की नीतू घंघास ने जीता जबकि स्वीटी बूरा ने दूसरा गोल्ड दिलाया। अब रविवार को भारतीय मुक्केबाज निखत ज़रीन और लोवलीना बोर्गोहिन अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में गोल्ड के लिए दावेदारी पेश करेंगी।
22 साल की नीतू घंघास ने 48 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में मंगोलिया की लुतसाइखान अल्तांतसेतसेग को 5-0 के अंतर से आसानी से हराया। नीतू पहली बार विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई हैं। नीतू ने पिछले साल बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में भी गोल्ड जीता था और तभी से उन्हें विश्व चैंपियनशिप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। जीत के बाद नीतू ने बताया कि उन्होंने पहले ही ठान लिया था कि वह आक्रामक खेल दिखाएंगी। उन्होंने कहा,
मैं गोल्ड जीतने के बाद काफी खुश हूं। पिछली बार मैं गोल्ड नहीं ला पाई थी, इसलिए इस बार पुरानी गलतियों को ठीक करने का प्रयास किया। मैंने एक दिन पहले ही अपने कोच और सपोर्ट स्टाफ के साथ यह चर्चा की थी कि मुझे आक्रामक खेलना होगा। पहले ही राउंड से मैंने आक्रामक खेल दिखाया और अधिक अंक अर्जित करने की कोशिश की। मैं पिछले कई सालों से मेहनत कर रही हू्ं, और यह पदक मेरे लिए काफी मायने रखता है।
स्वीटी को दूसरी बार में सफलता
महिलाओं की 81 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भी भारत को गोल्ड जीतने को मिला। स्वीटी बूरा ने कड़े फाइनल मैच में चीन की वांग ली ना को 4-3 से हराते हुए पहली बार विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड अपने नाम किया।
इससे पहले वह विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल कर चुकी हैं। जीत के बाद स्वीटी ने विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा,
मैं विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा करने के बाद से ही काफी उत्साहित हूं। बाउट काफी अच्छी रही और मैं अपनी स्ट्रेटेजी के हिसाब से खेलने में कामयाब रही। मैं सभी फैंस का उनके सपोर्ट के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त करती हूं।
विश्व चैंपियन बनने पर नीतू और स्वीटी, दोनों को ही इनामी राशि के तौर पर एक लाख अमेरिकी डॉलर यानी करीब 82.70 लाख रूपए की धनराशि दी गई है।