19वें एशियन गेम्स में दो सिल्वर मेडल और हासिल करते हुए भारतीय दल का पूरा अभियान समाप्त हो गया है। भारत को चेस में महिला और पुरुष, दोनों ही टीमों ने रजत पदक दिलाने में कामयाबी हासिल की।
पुरुष टीम इवेंट के निर्णायक 9वें दौर में भारत ने फिलीपींस को हराया। इसी के साथ प्रग्नानंदा बाबू, विदित गुजराती, अर्जुन कुमार और हरि कृष्णा की टीम ने दूसरा स्थान हासिल कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। ईरान की टीम ने गोल्ड मेडल जीता जबकि उजबेकिस्तान को तीसरा स्थान हासिल हुआ।
वहीं भारतीय महिला टीम ने आखिरी दिन 9वें राउंड में दक्षिण कोरिया को मात दी और दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक जीता। भारतीय टीम में हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेश बाबू, कोनेरू हम्पी, वंतिका अग्रवाल और सविता भास्कर शामिल थे। चीन की टीम ने गोल्ड मेडल जीता जबकि कजाकिस्तान को कांस्य पदक मिला।
साल 2006 में पहली बार चेस को एशियाड में जगह दी गई थी। 2006 और 2010 में चेस की एकल स्पर्धाएं रखी गई थीं जबकि 2023 में हुए एशियाड में एकल और टीम इवेंट, दोनों शामिल रहे। कोनेरू हम्पी ने 2006 के दोहा खेलों में महिला रैपिड चेस में गोल्ड जीता था और इसी साल टीम इवेंट में भारतीय महिलाओं ने भी गोल्ड जीता था। जबकि 2010 में हरिका द्रोणावल्ली कांस्य पदक पाने में कामयाब रही थीं। साल 2010 में भारत को पुरुष टीम इवेंट में कांस्य पदक प्राप्त हुआ था।
शानदार अभियान समाप्त
हांगझाओ एशियन गेम्स में केवल दो खेलों - कराटे और आर्टिस्टिक स्विमिंग के इवेंट बचे हैं जो 8 अक्टूबर को आयोजित होंगे, इसके अलावा सभी स्पर्धाएं समाप्त हो गई हैं। भारतीय दल की समस्त स्पर्धाएं पूरी हो गई हैं और देश ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस बार एशियाड में किया है।
भारत ने 28 गोल्ड, 38 सिल्वर और 41 ब्रॉन्ज के साथ कुल 107 पदक लेकर इस बार पदक तालिका में चौथा स्थान हासिल किया। पहली बार भारत ने 100 पदकों से ऊपर का आंकड़ा छुआ है। भारतीय दल के लिए 'इस बार 100 पार' का स्लोगन पहले से ही प्रचलित था और खिलाड़ी इस उम्मीद पर पूरी तरह खरे उतरे हैं।