भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रग्नानंदा ने FIDE चेस विश्व कप फाइनल में मैग्नस कार्लसन के खिलाफ दूसरे गेम में भी ड्रॉ खेला है। डेढ़ घंटे तक चले मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने 30 मूव्स के बाद मुकाबला बराबरी पर खत्म करने का फैसला लिया। अब गुरुवार को टाई-ब्रेक के जरिए विश्व चैंपियन चुना जाएगा। टूर्नामेंट का आयोजन अजरबेजान में किया जा रहा है।
दोनों खिलाड़ियों के बीच मंगलवार को फाइनल के अंतर्गत पहला मैच खेला गया था जो 35 मूव्स के बाद ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। इस दूसरे मुकाबले के बाद कार्लसन ने प्रग्नानंदा की तारीफ की और माना कि टाईब्रेक में प्रग्नानंदा बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा,
प्रग्नानंदा ने पहले ही कई मजबूत खिलाड़ियों के खिलाफ टाईब्रेक खेले हैं और इस अनुभव का फायदा उनको मिल सकता है। मुझे पता है कि वह बेहद दमदार खिलाड़ी हैं लेकिन अगर मेरा दिन अच्छा रहा तो मेरे जीतने का अवसर बना रहेगा।
विश्व कप के इस संस्करण के लिए कुल 206 खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया था। प्रग्नानंदा को इस टूर्नामेंट में 31वीं वरीयता प्राप्त थी जबकि कार्लसन दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी हैं और वह टॉप वरीयता प्राप्त हैं। कार्लसन 2011 से चेस की विश्व रैंकिंग में नंबर 1 हैं और 5 बार विश्व चेस चैंपियनशिप जीत चुके हैं, लेकिन वह चेस विश्व कप नहीं जीत पाए हैं।
पिछले साल वह तीसरे स्थान पर रहे थे। ऐसे में यह फाइनल उनके लिए काफी खास है। वहीं प्रग्नानंदा पिछले 6 महीनों में अलग-अलग प्रतियोगिताओं में कुल 3 बार कार्लसन को हरा चुके हैं और ऐसे में उन्हें भी कम नहीं आंका जा सकता।
विश्व चैंपियनशिप से अलग है विश्व कप
चेस की अंतरराष्ट्रीय गवर्निंग बॉडी FIDE द्वारा चेस विश्व कप का आयोजन किया जाता है। साल 2000 और 2002 में भारत के विश्वनाथन आनंद इसमें विजेता रहे। साल 2005 से इस टूर्नामेंट का प्रारूप बदला गया और अब यह नॉकआउट टूर्नामेंट के रूप में खेला जाता है। 2005 से लेकर साल 2019 तक टूर्नामेंट में 128 खिलाड़ी ही खेलते थे जबकि 2021 से इनकी संख्या 206 कर दी गई है।