अजरबेजान में पिछले तीन दिनों से चल रहे FIDE चेस वर्ल्ड कप फाइनल में आखिरकार विश्व नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने बाजी मार ली है। कार्लसन ने टाईब्रेक के दौर में भारत के प्रग्नानंदा को मात देते हुए पहली बार इस प्रतियोगिता को जीतने में कामयाबी हासिल की है। कार्लसन इसी के साथ चेस के सभी बड़े टूर्नामेंट जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। कार्लसन को विजेता बनने पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर जबकि प्रग्नानंदा को उपविजेता बनने पर 80 हजार अमेरिकी डॉलर की राशि प्राप्त हुई।
22 अगस्त को चेस वर्ल्ड कप के फाइनल का पहला दौर खेला गया था जो ड्रॉ रहा। 23 अगस्त को हुए दूसरे फाइनल मुकाबले में भी कार्लसन और प्रग्नानंदा का मैच ड्रॉ पर ही रोका गया। इसके बाद गुरुवार को टाईब्रेक के रूप में दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबले हुए जो कि रैपिड गेम थे यानि तय समय सीमा के अंदर खेले जाने थे। पहले मैच में कार्लसन ने काली मुहरों के साथ खेलते हुए जीत दर्ज की।
दूसरे मैच में कार्लसन सफेद मुहरों से खेल रहे थे और यहां प्रग्नानंदा के लिए जीत दर्ज करना जरूरी था। लेकिन शुरुआत से ही कार्लसन मजबूत स्थिति में रहे और 17 मूव्स के बाद ही प्रग्नानंदा ने उनसे हाथ मिलाया और दोनों खिलाड़ियों ने बराबरी पर दूसरा मैच खत्म किया।
और इस तरह प्रग्नानंदा के 0.5 अंकों के मुकाबले कुल 1.5 अंक लेकर कार्लसन वर्ल्ड चैंपियन बनने में कामयाब रहे। हालांकि प्रग्नानंदा ने इस विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाते हुए सबसे युवा उपविजेता बनने का गौरव हासिल किया है। इसके साथ ही वह अगले साल होने वाले कैंडिडेट टूर्नामेंट में भी भाग लेने के लिए क्वालिफाय कर गए हैं। कैंडिडेट टूर्नामेंट के विजेता को विश्व चेस चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिलता है।
प्रग्नानंदा को उनकी शानदार उपलब्धि पर देश भर से बधाई मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रग्नानंदा की तारीफ की और भविष्य में आने वाले टूर्नामेंट के लिए बधाई दी। प्रग्नानंदा ने पूरे टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया था। उन्होंने विश्व नंबर 2 खिलाड़ी अमेरिका के हिकारु नाकामुरा, विश्व नंबर 3 अमेरिका के फेबियानो काराउआना को मात देकर फाइनल तक का सफर तय किया था। ऐसे में भविष्य में होने वाली चेस प्रतियोगिताओं में अभी से प्रग्नानंदा को प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।