India vs England Nagpur ODI: भारत और इंग्लैंड के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में काफी उथल-पुथल देखने को मिली, क्योंकि दिग्गज बल्लेबाज कोहली घुटने में इंजरी के कारण नहीं खेल रहे हैं। जबकि ऋषभ पंत को भी मौका नहीं मिला है। वहीं यशस्वी जायसवाल और हर्षित राणा अपना डेब्यू कर रहे हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको 2 कारण बताने जा रहे हैं कि क्यों यशस्वी जायसवाल को डेब्यू कराना सही है और दो कारण क्यों ऋषभ पंत को मौका देना चाहिए था।
यशस्वी जायसवाल के डेब्यू का फैसला क्यों है सही
2. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले परखना जरूरी
यशस्वी जायसवाल ने अभी तक भारत के लिए वनडे मैच नहीं खेला था। उन्होंने टी20 और टेस्ट मैच ही खेले हैं, इसके बावजूद उनका चयन चैंपियंस ट्रॉफी के स्क्वाड में हुआ है। इसी वजह से जायसवाल को वनडे में चैंपियंस ट्रॉफी से पहले परखना बहुत जरूरी था और नागपुर में भारत को इसका मौका मिल गया। अब देखना होगा कि जायसवाल मौके का फायदा उठाते हैं या नहीं।
1. टीम इंडिया के लिए जबरदस्त रिकॉर्ड
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारत के लिए भले ही अभी तक वनडे में बल्लेबाजी ना की हो लेकिन वह टेस्ट और टी20 में खूब धमाल मचा चुके हैं। जायसवाल ने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं और टीम इंडिया को मैच जिताए हैं। उनके नाम टेस्ट में 36 पारियों में 1798 रन दर्ज हैं। वहीं टी20 में 23 पारियों में 723 रन बनाए हैं। अब उनके पास वनडे में भी धमाल मचाने का मौका होगा।
क्यों ऋषभ पंत को मौका मिलना चाहिए था
2. विराट कोहली की गैरमौजूदगी में निभा सकते थे अहम भूमिका
नागपुर में विराट कोहली नहीं खेल रहे हैं और प्लेइंग 11 में कई ऑलराउंडर खिलाड़ी शामिल हैं। विराट की कमी को कोई भी आसानी से पूरा नहीं कर सकता है लेकिन अगर ऋषभ पंत होते तो उन्हें नंबर 3 पर खिलाया जा सकता था और भारत को अपना बल्लेबाजी ऑर्डर भी नहीं इधर-उधर करने की जरूरत पड़ती।
1. ऋषभ पंत का श्रेयस अय्यर और केएल राहुल से डायरेक्ट फेस ऑफ हो सकता था
टीम इंडिया की वनडे प्लेइंग 11 में कई खिलाड़ी जगह बनाने के दावेदार हैं। ऋषभ पंत का मुकाबला भी केएल राहुल और श्रेयस अय्यर से है। ये दोनों खिलाड़ी आज खेल रहे हैं लेकिन पंत को मौका नहीं मिला। अगर उन्हें मौका मिलता तो चैंपियंस ट्रॉफी से पहले राहुल और अय्यर के साथ उनका भी टेस्ट हो जाता और जो अच्छा करता उसे बाद में नियमित रूप से मौका दिया जा सकता था।