3 Big Reasons Australia Odi Series Defeat vs Pakistan After 22 Years: ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच खेली गई वनडे सीरीज में कंगारू टीम को 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी। सीरीज में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर हावी रहे। सीरीज के पहले मैच को छोड़कर बाकी दोनों मैचों में मेजबान टीम पूरी तरह से बेबस नजर आई। पर्थ में सीरीज का निर्णायक मुकाबला खेला गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 140 रन पर ढेर हो गई थी। जवाबी पारी में पाकिस्तान टीम ने सिर्फ दो विकेट खोकर टारगेट को हासिल कर लिया था।
मुकाबले के बाद मेजबान टीम के कार्यवाहक कप्तान जोश इंग्लिस काफी निराश दिखे और उन्होंने टीम के प्रदर्शन पर भी दुख व्यक्त किया। इस आर्टिकल में उन 3 बड़े कारणों का जिक्र करेंगे, जिनके चलते ऑस्ट्रेलिया टीम 22 सालों बाद पाकिस्तान के हाथों अपने घर पर वनडे सीरीज हारी।
3. परिस्थितियों का आकलन किया बिना आक्रामक रवैया अपनाया
इस बात में कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड काफी अच्छा है, जिसका नमूना दोनों के बीच हुई वनडे सीरीज में देखने को मिला। पाकिस्तान की वहां की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अपने प्रदर्शन में सुधार किया था। दूसरी तरफ, कंगारू टीम ने परिस्थितियों का आकलन किए बिना आंख मूंदकर आक्रामक दृष्टिकोण अपनाया। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी इयान हीली ने इस दृष्टिकोण की आलोचना भी की थी, लेकिन इसके बावजूद मेजबानों ने अपने रवैये को नहीं बदला, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
2. ऑस्ट्रेलिया टीम में नहीं दिखा सीरीज जीतने का जज्बा
ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज का आयोजन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले रखा और टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए टीम के सीनियर खिलाड़ियों को वनडे सीरीज के बीच से रिलीज कर दिया गया। इससे साफ पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया टीम की प्राथमिकता बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतना है।दूसरी तरफ, मोहम्मद रिजवान ने खुद को कप्तानी में साबित करने के लिए पूरा जोर लगाया, जिसका परिणाम भी देखने को मिला। मोहम्मद रिजवान का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है।
1. ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी रही कमजोर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस ऐतिहासिक सीरीज जीतने का श्रेय पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों को मिलता है। उनकी गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बड़ी पारियां खेलने में बेबस नजर आए। सीरीज के पहले मैच को छोड़कर बाकी दोनों मैचों में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज इतने रन नहीं बना पाए कि उसके गेंदबाज टारगेट को डिफेंड कर पाएं। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने आक्रामक रवैया अपनाने का प्रयास किया, लेकिन हर बार ये तरीका काम नहीं आता। मेजबानों ने वनडे सीरीज को टी20 सीरीज की तरह खेलने की कोशिश की।