3 big reasons why playing domestic red ball cricket is beneficial for Hardik Pandya: भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या हाल ही में रेड बॉल से अभ्यास करते हुए दिखाई दिए थे, जिसके बाद फैंस ने उनकी इस कड़ी मेहनत की जमकर सराहना की है। रिपोर्ट्स आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि हार्दिक अपनी घरेलू टीम बड़ौदा के लिए लाल गेंद से घरेलू मैचों में खेलते हुए नजर आ सकते हैं, जिसकी वजह से टीम इंडिया के लिए टेस्ट फॉर्मेट में भी उनकी वापसी के कयास लगाए जाने लगे हैं।
हालांकि, टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में कहा था कि टीम इंडिया टेस्ट फॉर्मेट में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर विकल्प के लिए बेसब्र नहीं है। हालांकि, हार्दिक अगर उपलब्ध रहते हैं तो फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिहाज से वह काफी महत्वपूर्ण हो जाएंगे। हार्दिक ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टेस्ट साल 2018 में इंग्लैंड के दौरे पर खेला था। उन्होंने उसी साल बड़ौदा के लिए भी रणजी ट्रॉफी खेली थी, लेकिन लगातार चोटिल रहने के कारण सीमित ओवरों के फॉर्मेट को अपनी प्राथमिकता बना लिया। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 कारण का जिक्र करने जा रहे हैं कि आखिर क्यों हार्दिक के लिए घरेलू स्तर पर रेड बॉल क्रिकेट खेलना फायदेमंद रहेगा।
#1 क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में मिलेगी पहचान
हार्दिक पांड्या को सीधे सीनियर टीम में ना लाकर घरेलू क्रिकेट में मौका देना उनके लिए सही साबित होगा। उन्हें लाल गेंद क्रिकेट में लंबे समय से खेलते हुए नहीं देखा गया है, ऐसे में इस फॉर्मेट में खेलने के लिए रेड बॉल से पहले घरेलू क्रिकेट खेलना उचित होगा। रेड बॉल क्रिकेट में हार्दिक को मौका देने से पहले उनकी क्षमता को आंकना बेहद जरूरी हैं, क्योंकि इस फॉर्मेट में फिटनेस बहुत अहम है। हार्दिक पांड्या जिस तरह से चोटिल होते रहते हैं, ऐसे में डायरेक्ट टेस्ट फॉर्मेट खेलने पर उनका वाइट बॉल क्रिकेट भी प्रभावित हो सकता है। 2018 में हार्दिक सभी फॉर्मेट खेलते थे लेकिन अब केवल वाइट बॉल की क्रिकेट ही खेलते हैं। ऐसे में अगर वह लाल गेंद की क्रिकेट खेलते हैं तो उन्हें अपनी फिटनेस को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
#2 हार्दिक पांड्या के आत्मविश्वास में होगी वृद्धि
टीम इंडिया के लिए वापसी करने से पहले हार्दिक पांड्या का घरेलू क्रिकेट में खेलना उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद से हार्दिक ने कुछ ही मुकाबले खेले हैं। ऐसे में घेरलू क्रिकेट में खेलने के बाद उनका कॉन्फिडेंस और बढ़ जाएगा। बड़ौदा के लिए जब वो खेलेंगे, तो उनकी फिटनेस में भी सुधार होगा और लाल गेंद क्रिकेट की ताकत को बढ़ाएगा। यदि कोई कमी या परेशानी रहती है, तो हार्दिक पांड्या उसे घरेलू क्रिकेट में खेलकर पूरा कर सकते हैं, जिसके बाद उनका टीम इंडिया में वापसी का रास्ता और आसान हो जाएगा।
#3 रेड बॉल क्रिकेट खेलने से कौशल में आएगा निखार
टीम इंडिया में जगह बना चुके खिलाड़ियों की परवाह किए बिना हार्दिक को अपने टैलेंट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्रिकेट में अपने कौशल को निखारने के लिए लाल गेंद से अच्छा कोई विकल्प नहीं हो सकता है। कड़ी मेहनत और धैर्य से बुनियाद मजबूत होती है, जिसका फायदा हार्दिक पांड्या उठा सकते हैं। स्टार ऑलराउंडर जल्द ही 31 साल के होने वाले हैं और करियर के अहम मोड़ पर खड़े हैं। उन्हें अच्छे भविष्य के लिए फिटनेस और काबिलियत पर ध्यान देने की पूरी जरूरत है। लगातार लाल गेंद से क्रिकेट खेलने से उनका करियर टीम इंडिया के लिए स्थाई हो सकता है और लंबे समय तक टीम के लिए खेल सकते हैं।