3 महान कप्तान जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक दिशा देकर दुनिया में पहचान दिलाई

India v Sri Lanka - 2011 ICC World Cup Final

पहले क्रिकेट भारत में इतना लोकप्रिय नहीं था जितना कि अब लोकप्रिय बन चुका है। भारत ने क्रिकेट में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जो किसी भी देश के लिए हासिल करना आसान बात नहीं है। भारत ने संघर्ष करते हुए, मुसीबतों से जूझते हुए शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है। जिसमें कुछ खिलाड़ियों का विशेष योगदान रहा है चाहे वह सचिन तेंदुलकर का संघर्ष हो या महेंद्र सिंह धोनी का त्याग समर्पण की भावना या फिर विराट कोहली की कठिन मेहनत, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नए शिखर तक पहुंचाया है। भारतीय क्रिकेट महान खिलाड़ियों और उनके सहयोग से भरा रहा है जिन्होंने अपने नेतृत्व में टीम को एक नई पहचान दी है।

तो आइए जानते हैं उन तीन भारतीय दिग्गजों के बारे में जिनके कारण भारतीय क्रिकेट को दुनिया में पहचान मिली ...

#3 कपिल देव

Kapil Dev receiving the 1983 World Cup Trophy

शुरुआती 80 के दशक में भारतीय टीम को टॉप टीमों में नहीं गिना जाता था। अन्य टीमों के सामने भारतीय टीम कमजोर टीम मानी जाती थी लेकिन 1983 के वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम को एक नई पहचान मिली। उस समय इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया की टीम का दबदबा था लेकिन कपिल देव ने बड़े आराम से सबकुछ बदल कर रख दिया। उन्होंने विषम परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ते हुए वर्ल्ड कप खिताब को भारत के नाम किया।

उसके बाद भारतीय टीम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कपिल देव भारतीय क्रिकेट जगत को एक ऐसी दिशा देकर गए है, जो शायद ही कोई और खिलाड़ी दे सके। वह एक बेहतरीन ऑलराउंडर रह चुके है और क्रिकेट जगत में काफी रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

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#2 सौरव गांगुली

Dada!

90 के बाद का दशक और 2000 से पहले का समय सौरव गांगुली का रहा। जब कपिल देव का समय धीरे धीरे अंत की ओर था। सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट में काफी खिताब अपने नाम किए और साथ ही साथ बहुत सम्मान हासिल किया।

उनका मैदान पर आक्रमणकारी, बिना डरे रहने का रवैया और उनका मैदान को संभालने का तरीका उन्हें महान बनाता था। उनका आक्रमणकारी रवैया यह संदेश देता था कि भारत एक कमजोर टीम नहीं है और वह किसी भी टिप्पणी के खिलाफ प्रतिक्रिया देने से संकोच नहीं करेगी।

गांगुली अपने विरोधियों को करारा जवाब देते थे और उनका टीशर्ट निकाल कर घुमाना आज तक याद किया जाता है। ये घटना भारतीय क्रिकेट में कभी नहीं भूलाई जा सकती। सौरव गांगुली को उनके फैन्स दादा के नाम से बुलाते है और वह अपने फैंस के काफी चहेते भी है।

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#3 एमएस धोनी

Winning Captain's Press Conference - 2011 ICC World Cup

2007 से लेकर 2014 तक का सफर एमएस धोनी का रहा। ठीक उसी तरह जैसे कपिल देव और सौरव गांगुली का रहा था। एम एस धोनी का सफर सफलताओं से भरा रहा है और टीम को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। एमएस धोनी ने आलोचकों को नजरअंदाज करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और पूरी टीम का नेतृत्व करते हुए 2007 का टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इसके बाद 2011 के विश्व कप में भी टीम को जीत दिलाई।

एमएस धोनी का कप्तानी करने का तरीका बेहद आकर्षक था। वह हमेशा अपने टीम के खिलाड़ी साथियों का उत्साह बढ़ाते थे। धोनी ने अपने साथी खिलाड़ियों को यह भी दिखाया कि बड़े टूर्नामेंट में कैसे जीत हासिल की जाती है। एमएस धोनी ने कप्तानी में एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी भी भारतीय टीम को जीतवाई है।

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लेखक: खोझेमा अलीमनी

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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Edited by निशांत द्रविड़
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