क्रिकेट विश्व कप एक ऐसी प्रतियोगिता होती है, जिसमें दुनिया की सबसे मजबूत टीम के साथ सबसे कमजोर टीम भी समान रूप से शामिल होती है। टूर्नामेंट में शामिल मजबूत टीमें जहां अपने से कमजोर टीमों को आसानी से हराते हुए विजय अभियान जारी रखती हैं, तो कभी-कभी ये कमजोर टीमें सबसे बड़े टूर्नामेंट में मजबूत टीमों के लिए उलटफेर कर खतरा पैदा कर देती हैं।
क्रिकेट खेलने वाली सभी टीमें इस बड़े टूर्नामेंट में अपनी अलग छाप छोड़ना चाहती हैं, जिसकी वजह से वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी करती हैं। पूर्व के विश्व कप में इसके कई उदाहरण हमारे सामने आए हैं। हालांकि वर्तमान विश्वकप में एसोसिएट राष्ट्रों की संख्या शून्य है। लेकिन पिछले कई विश्वकप टूर्नामेंट में शामिल सहयोगी राष्ट्रों की टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
इन टीमों में स्कॉटलैंड, नीदरलैंड्स, बरमूडा, केन्या, कनाडा, यूएई, नामीबिया जैसी टीमें शामिल हैं। इन टीमों में से कुछ ने यादगार प्रदर्शन भी किया है, जिसमें आयरलैंड का नाम मुख्य रूप से शामिल है। आयरलैंड की टीम ने लगातार कई विश्वकप में निरंतर बेहतर प्रदर्शन किया है। इन एसोसिएट राष्ट्रों की टीमों के कई खिलाड़ी आज भी अपने प्रदर्शन के लिए याद किए जाते हैं।
आज हम आपको एसोसिएट देशों के 3 ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें क्रिकेट प्रशंसकों द्वारा हमेशा याद किया जाएगा।
#3 केविन ओ ब्रायन
2011 के विश्व कप में आयरलैंड क्रिकेट टीम का प्रदर्शन शायद कोई भी नहीं भूला होगा और उसका एकमात्र श्रेय इस क्रिकेटर को जाता है। आयरलैंड क्रिकेट टीम के खेल को ऊपर उठाने और उसे एक पहचान दिलाने में केविन ओ ब्रायन और उनके भाई नील ओ ब्रायन का महत्वपूर्ण योगदान है। 2011 के विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन ने जबरदस्त शतकीय पारी खेली थी, जिसे आज भी सबसे बेहतरीन पारियों में गिना जाता है।
केविन ओ ब्रायन ने 2011 के विश्वकप में लाजवाब प्रदर्शन किया था लेकिन फिर भी यह टीम टूर्नामेंट में क्वार्टर फाइनल तक का सफर नहीं तय कर सकी थी। केविन ओ ब्रायन ने उस विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ 63 गेंदों में 113 रनों की शतकीय पारी खेली थी।
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#2 ड्वेन लेवरॉक
2007 के विश्वकप के लिए बरमुडा जैसी टीम ने क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया था। वह विश्वकप वेस्टइंडीज में आयोजित हुआ था और इस कारण बरमुडा जैसी टीम को दर्शकों और प्रशंसकों का खासा समर्थन भी मिला था। बरमुडा ने इस विश्वकप में अपना पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था और हार का सामना किया था। लेकिन उस हार से उबरते हुए अपने दूसरे मुकाबले में इस टीम ने भारत के खिलाफ जबरदस्त शुरुआत की।
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इस मैच में 17 साल के मलाकी जोन्स ने भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को पवेलियन भेजकर अपना सपना साकार किया और इस विकेट की सबसे खास बात यह थी कि उथप्पा का कैच बरमुडा के ड्वेन लेवरॉक ने स्लिप पर क्षेत्ररक्षण करते हुए पकड़ा था। यह कैच इतना शानदार था कि इसे कैच ऑफ द डिकेड कहते हुए बरमूडा के दर्शकों ने जमकर सेलिब्रेशन किया था। इस कैच के जरिए उन्होंने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
#1 सुल्तान जरवानी
1996 के विश्व कप में संयुक्त अरब अमीरात क्रिकेट टीम ने अपना डेब्यू किया था। इस टीम की कमान एक ऐसे खिलाड़ी के हाथों में थी, जो अपनी निडरता के लिए पूरे क्रिकेट जगत में विश्व प्रसिद्ध था। जरवानी को इसलिए क्रिकेट जगत में हमेशा याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में वीरता का जबरदस्त नमूना पेश किया था।
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दरअसल उस मैच में जरवानी दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड के खिलाफ बिना हेलमेट के ही बल्लेबाजी करने उतरे थे। गेंदबाजी के दौरान डोनाल्ड को लगा कि उनकी एक बाउंसर गेंद जरवानी के सिर में लगी है लेकिन कुछ पल बाद ही वह बल्लेबाज उठा और बिना हेलमेट के ही बल्लेबाजी करता रहा। जिसके बाद सुल्तान जरवानी को उनकी निडरता के लिए हमेशा याद किया जाता है।