क्रिकेट की दुनिया के 3 बड़े सम्मान जो सचिन तेंदुलकर को आज तक नहीं मिले

Among several personal milestones, Tendulkar has surprisingly never achieved 3 cricketing honours.

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, कामयाबी और सम्मान का पर्याय बन गए हैं। उन्होंने अपने खेल के दिनों में कई मुकाम हासिल किए, जिनमें से कुछ अभी भी कोई पार नहीं कर सका हैं। भारत रत्न, पद्मश्री, पद्म विभूषण, राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, विस्डेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर और बहुत कुछ तेंदुलकर ने अपने प्रदर्शन के कारण हासिल किया है।

तेंदुलकर ने टेस्ट में 15921 रन बनाए हैं और वनडे में 18,426 रन बनाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम 100 शतक हैं। इन सभी रिकॉर्ड्स के बावजूद तीन ऐसे क्रिकेट सम्मान हैं जो अब तक सचिन को नही मिल पाए है। आइए इन पर डालते हैं एक नजर।

#3 कभी नहीं बजाई लॉर्ड्स की घंटी

England v Australia: 2nd Investec Ashes Test - Day One - Ricky Ponting rings the bell

एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर या जाने-माने क्रिकेट प्रशासक के जरिए लॉर्ड्स में पांच मिनट की घंटी बजाने की एक परंपरा 2007 में पेश की गई। घंटी, जो कि लॉर्ड्स पवेलियन के बॉलर्स बार के बाहर स्थित है, खेल की शुरूआत को सूचित करने के लिए बजाई जाती है और टेस्ट मैच की सुबह इसे बजाने के लिए आमंत्रित होना बहुत गर्व का विषय माना जाता है। संजय मांजरेकर, राहुल द्रविड़, कपिल देव, सौरव गांगुली, दिलीप वेंगसरकर और सुनील गावस्कर वे भारतीय हैं जिन्हें यह सम्मान अब तक दिया गया है।

क्यों सचिन ने कभी घंटी नहीं बजाई ?

तेंदुलकर को भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट से पहले घंटी बजाने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन खेल को बारिश के कारण दिन के शुरुआत मे ही रोक दिया गया था। तेंदुलकर ने बाद में अपने ट्विटर पर लिखा, 'आज दूसरे टेस्ट मैच शुरू करने के लिए लॉर्ड्स में घंटी बजाने के लिए तैयार था, लेकिन दुर्भाग्य से मौसम को कुछ और मंजूर था। उम्मीद है कि अगले 4 दिनों में हमें कुछ अच्छा क्रिकेट देखने को मिल जाएगा।'

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# 2 आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल नहीं है

Last month, Rahul Dravid became the fifth Indian to join the list. (image courtesy - zee news)

आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम क्रिकेट के लंबे और शानदार इतिहास से सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों की उपलब्धियों को दर्शाता है। 2009 में आईसीसी ने इसे लॉन्च किया था। भारत से केवल बिशन सिंह बेदी, कपिल देव , राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर और अनिल कुंबले को इस सूची में शामिल किया गया है।

हॉल ऑफ फेम में अन्य देशों के खिलाड़ियों की तुलना में अधिक अंग्रेजी खिलाड़ी हैं। 84 खिलाडियों में से केवल 15 खिलाड़ी ही ऐसे हैं जो इस सूची में इंग्लैंड, विंडीज और ऑस्ट्रेलिया से नहीं हैं। हॉल ऑफ फेम के आईसीसी नियमों के अनुसार, एक बल्लेबाज केवल तभी सूची के लिए योग्यता प्राप्त कर सकता है जब उसने टेस्ट या वन डे इंटरनेशनल में 8000 से अधिक रन और 20 शतक बनाए हैं। ओडीआई में 18,426 रन और टेस्ट में 15, 921 रनों के साथ, सचिन आसानी से इस मानदंड में फिट बैठते है।

क्यों शामिल नहीं है ?

लेकिन यहां एक वजह है। एक और नियम कहता है कि उन खिलाड़ियों को ही सूची में शामिल किया जा सकता है जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए हुए 5 साल हो गया हो । तेंदुलकर 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सेवानिवृत्त हुए। इसलिए वह इस साल आईसीसी हॉल ऑफ फेम बनाने के लिए योग्य नहीं थे बल्कि द्रविड़ जो 2012 में सेवानिवृत्त हुए थे को इसमें शामिल किया गया था। तेंदुलकर अगले साल सूची के लिए पात्र होंगे।

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# 1 लॉर्ड्स ऑनर बोर्ड पर नाम नहीं

Quite a few Indians have their names on the elite board, but not Sachin

शतक लगाकर, एक पारी में पांच विकेट लेकर या एक मैच में दस विकेट लेकर एक क्रिकेट खिलाड़ी इंग्लिश क्रिकेट में सबसे प्रसिद्ध ऑनर्स बोर्डों में से एक के लिए अपना रास्ता खोल देता है। लॉर्ड्स क्रिकेट स्टेडियम के 'होम' और 'अवे' ड्रेसिंग रूम के पास में लगे ये बोर्ड, लॉर्ड्स के लंबे इतिहास में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी और गेंदबाजी प्रदर्शन की यादों को ताजा करता हैं।

कारण

तेंदुलकर, जो टेस्ट और ओडीआई दोनों में लगभग सभी बल्लेबाजी रिकॉर्ड के मालिक हैं, लॉर्ड्स के सम्मान बोर्ड पर नहीं है क्योंकि क्रिकेट में उनके 51 टेस्ट शतक में से एक भी लॉर्ड्, में नहीं लगा हैं। लॉर्ड्स में तेंदुलकर ने 5 मैचों में 37 रन के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ केवल 195 रन बनाए हैं। बोर्ड पर नहीं होने वाले अन्य फेमस खिलाडियों में ब्रायन लारा, इमरान खान, रिकी पोंटिंग और शेन वॉर्न हैं।

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लेखक: उमाइमा सईद

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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Edited by सावन गुप्ता