एक सफल घरेलू सीजन के बाद भारतीय क्रिकेट टीम एक लंबे दौरे के लिए कीवी सरजमीं पर पहुंच गई है। इस दौरे पर पांच टी20, तीन वनडे और फिर दो टेस्ट (जो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा हैं) मैच होने हैं। फिलहाल टी-20 विश्व कप को ध्यान में रखकर सबसे छोटे फॉर्मेट में फोकस किया जाएगा।
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अक्टूबर में होने वाले विश्व कप से पहले दोनों टीमें अपना श्रेष्ठ संयोजन ढूंढना चाहेंगी। भारतीय टीम अभी भी कुछ ऐसे खिलाड़ियों को तलाशने की कोशिश कर रही है जो अंतिम एकादश में फिट हो सकें। भारत वही गलतियां नहीं दोहराना चाहेगा जो उसे 2019 आईसीसी वनडे विश्व कप में महंगी पड़ी थी। भारत ने पिछले कुछ महीनों में काफी खिलाड़ियों को टीम में मौका दिया है और एक सर्वश्रेष्ठ संयोजन बनाने की कोशिश की है।
हालांकि जिन खिलाड़ियों को मौका मिला है उनमें से काफी को अभी अंतिम ग्यारह में अपनी जगह सुनिश्चित करना बाकी है। यह पांच मैचों की T20 सीरीज है, इसलिए इस सीरीज के बाद विश्व कप के लिए टीम संयोजन की कुछ हद तक साफ तस्वीर सामने आनी चाहिए। टीम से कभी अंदर और कभी बाहर हो रहे कुछ खिलाड़ियों को इस सीरीज में बड़ा प्रभाव डालना होगा ताकि उनकी जगह सुनिश्चित हो सके।
आइए एक नजर डालते हैं ऐसे तीन खिलाड़ियों पर जिन्हें टीम में स्थान बनाने के लिए इस सीरीज में प्रभावित करना पड़ेगा :
3. वाशिंगटन सुंदर
तीन विभिन्न टीमों के खिलाफ घरेलू सीजन के 10 टी-20 मैचों में सुंदर केवल छह विकेट लेने में ही कामयाब हो सके। वह किफायती रहे हैं लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट लेने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में टीम में सुंदर की जगह अभी तय नहीं है और अगर वह ऐसा करना चाहते हैं तो फिर उन्हें आगामी सीरीज में कुछ विकेट लेकर बड़ा प्रभाव डालना होगा।
2. नवदीप सैनी
भुवनेश्वर कुमार की अभी हाल ही में सर्जरी हुई है और दीपक चाहर भी चोट की वजह से टीम में अप्रैल तक नहीं लौट रहे हैं। इन दोनों गेंदबाजों के उपलब्ध नहीं होने से सैनी को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सीरीज में और आगे भी काफी मौके मिलेंगे।
27 वर्षीय तेज गेंदबाज सैनी ने अपने आठ मैचों के टी-20 करियर में 11 विकेट लिए हैं। कई बार उन्होंने अपनी परफेक्ट यॉर्कर से बल्लेबाजों को चारो खाने चित कर दिया है। अगर सैनी इस सीरीज में भी प्रभाव डालते हैं तो वो वर्ल्ड कप के लिए टीम का नियमित हिस्सा हो सकते हैं।
1. रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा को भी वाशिंगटन सुंदर की ही तरह बार-बार मौका दिया जा रहा है क्योंकि वे निचले क्रम में बल्लेबाजी कर सकते हैं। हालांकि भारत के लिए खेले गए पिछले छह मैचों में जडेजा ने सिर्फ चार विकेट लिए हैं। टीम को जडेजा से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। इसमें कोई शक नहीं कि जडेजा भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ फील्डर हैं लेकिन इस दौरे पर उन्हें गेंद के साथ भी विकेट लेने पड़ेंगे।