Why Chepauk hasn't been a Fortress for CSK: इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में अब तक हर एक टीम अपने घर में बेहतर साबित हुई है। लेकिन इनमें से चेन्नई सुपर किंग्स अपने घर में कुछ ज्यादा ही घातक साबित होती रही है। एमएस धोनी की इस ब्रिगेड ने चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में अक्सर ही शानदार प्रदर्शन किया है। इसी वजह से इस मैदान को उनका गढ़ माना जाता है।
चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल के अब तक के इतिहास में चेपॉक स्टेडियम में कुल 75 मैच खेले। जिसमें 51 बार चेन्नई सुपर किंग्स ने बाजी मारी तो यहां वो सिर्फ 23 मैच हारे और 1 मैच टाई रहा। ऐसे में समझा जा सकता है कि वो यहां पर कितने हावी रहे हैं। लेकिन इस साल CSK के लिए लिए अपना चेपॉक का किला मुश्किल रहा और ये किला 5 में से 4 मैचों में हार के साथ खतरे में पड़ता दिख रहा है।
चलिए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं वो 3 कारण क्यों IPL 2025 में चेपॉक नहीं बन सका चेन्नई सुपर किंग्स का किला
3.विरोधी टीमों ने चेपॉक की पिच को बेहतर ढंग से पढ़ा
आईपीएल में एक बात जो शुरुआत में देखने को मिली है कि यहां की पिच को चेन्नई सुपर किंग्स ने सबसे बेहतर तरीके से समझा और पढ़ा। ऐसे में इस ट्रेक पर वो काफी फायदे में रहे हैं। लेकिन इस बार चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम के पिच को CSK से बेहतर तो विरोधी टीमों ने पढ़ा। ऐसे में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए विरोधी टीम के पिच को बेहतर तरीके से पढ़ने की वजह से राह मुश्किल हो गई और विरोधी टीमों ने बाजी मार ली।
2.चेन्नई सुपर किंग्स का फॉर्म और भाग्य नहीं रहा साथ
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल के इस सीजन में कुछ भी सही नहीं रहा। जहां टीम फॉर्म से बुरी तरह से प्रभावित रही। चेपॉक में खेले गए मैचों में वैसे तो चैंपियन हमेशा ही अपना रूतबा रखती है। लेकिन इस बार तो टीम में काफी अलग ही टेंशन फॉर्म की रही। बल्लेबाजी तो बुरी तरह से फ्लॉप रही। साथ ही गेंदबाजी में भी वैसा दम नहीं देखने को मिला जो मिलता रहा है। इसके साथ ही उनकी टीम के कप्तान रुतुराज कुछ मैच के बाद ही बाहर हो गए। जो चेपॉक की पिच को काफी अच्छे से समझते हैं। यानी भाग्य ने भी टीम का साथ नहीं दिया।
1.टीम और पिच में दिखी अनिश्चितता
आईपीएल के 18वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सबसे बड़ा कमजोर पक्ष ये रहा कि टीम में निश्चितता का अभाव रहा। घर में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में स्थिरता नहीं रही और लगातार टीम में बदलाव करते रहे। तो वहीं खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी अनिश्चितता रही। इतना ही नहीं यहां की पिच में भी इस बार अनिश्चितता दिखी। पिच स्पिन ट्रैक होने की बजाय फ्लेट रहे। जिस पर कोई भी टीम बाजी मार सकती है। ऐसे में चेन्नई सुपर किंग्स का स्पिन ब्रिगेड कुछ खास नहीं कर सका।