शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के लगातार दूसरे शतक के बाद इस बार दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की टीम को जीत हासिल नहीं हुई। किंग्स इलेवन पंजाब (Kings Eleven Punjab) के खिलाफ मुकाबले में दिल्ली की टीम थोड़ी पीछे दिखाई दी और नतीजा भी इसके अनुसार ही आया। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने पांच विकेट से जीत हासिल कर लगातार दूसरी जीत हासिल की। पिछली बार मुंबई इंडियंस को सुपर ओवर में पराजित किया था। दिल्ली की टीम में डेनियल सैम्स को प्रयोग के तौर पर खिलाया गया था।
बल्लेबाजी में शिखर धवन ने धाकड़ खेल दिखाया लेकिन उनका शतक इस बार बेकार गया। किंग्स इलेवन पंजाब ने 164 रनों का पीछा करते हुए जबरदस्त समझ का परिचय दिया। इस बार गेंदबाजी में भी किंग्स इलेवन का खेल बेहतर रहा और यही कारण है कि उन्हें पांच विकेट से जीत दर्ज करने में सफलता मिली। दिल्ली की टीम का प्रदर्शन हमेशा की तरह नहीं रहा लेकिन ऐसा होना स्वाभाविक है। विपक्षी टीम बेहतर खेलती है, तो पराजय भी झेलनी पड़ती है। इस आर्टिकल में दिल्ली कैपिटल्स की हार के तीन कारणों के बारे में बताया गया है।
दिल्ली कैपिटल्स की हार के 3 कारण
मोहम्मद शमी की धारदार गेंदबाजी
मोहम्मद शमी मुंबई इंडियंस के खिलाफ किये गए सुपर ओवर के बाद इस मैच में भी चार्ज नजर आए। शमी ने दिल्ली कैपिटल्स के दो प्रमुख बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर उनके कुल स्कोर में सेंधमारी का काम किया। अपने चार ओवरों में शमी ने महज 28 रन दिए। इस गेंदबाजी के कारण दिल्ली कैपिटल्स का स्कोर कम बना।
निकोलस पूरन की तूफानी बल्लेबाजी
निकोलस पूरन ने धाकड़ बल्लेबाजी करते हुए किंग्स इलेवन पंजाब की टीम को अकेले दम पर जीत की राह पे लेकर गए। पूरन ने 28 गेंदों पर आतिशी 53 रन बनाकर टीम को स्कोर के पास लेकर जाने में अपना अहम योगदान दिया। इस तेज पारी ने किंग्स इलेवन पंजाब को जीत दिलाई।
तुषार देशपांडे के महंगे ओवर
दिल्ली कैपिटल्स के सभी गेंदबाजों ने कम रन दिए लेकिन तुषार देशपांडे सबसे अलग रहे। दूसरे शब्दों में कहें तो किंग्स इलेवन पंजाब ने देशपांडे को ही पिटाई के लिए चुना था। देशपांडे ने महज 2 ओवर की गेंदबाजी में 41 रन खर्च किये और यही दिल्ली की हार के कारण बने। जहाँ सभी गेंदबाजों की इकोनोमी रेट का औसत 8 रन प्रति ओवर था वहीँ देशपांडे का इकोनोमी रेट 20 रन प्रति ओवर था। इन दो महंगे ओवरों ने दिल्ली से मैच छीन लिया।