3 कारण जिनकी वजह से पृथ्वी शॉ इंग्लैंड के खिलाफ नंबर 3 पर चेतेश्वर पुजारा की एक सही रिप्लेसमेंट साबित हो सकते हैं 

चेतेश्वर पुजारा और पृथ्वी शॉ
चेतेश्वर पुजारा और पृथ्वी शॉ

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले शुभमन गिल की चोट ने भारतीय टीम मैनेजमेंट की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और गिल पर पूरी सीरीज से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में हालियां रिपोर्टों के अनुसार टीम मैनेजमेंट ने बैकअप के तौर पर श्रीलंका में मौजूद पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड बुलाने की मांग की है। हालांकि भारतीय टीम के पास मयंक अग्रवाल और केएल राहुल के रूप में दो ओपनर मौजूद हैं लेकिन फिर भी पृथ्वी शॉ की मांग टीम मैनेजमेंट द्वारा की जा रही है।

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पृथ्वी शॉ पिछले कुछ समय से बहुत ही जबरदस्त फॉर्म में हैं और अगर उन्हें इंग्लैंड बुलाया जाता है तो फिर उनकी फॉर्म का फायदा नंबर 3 पर खिलाकर उठाया जा सकता है। पुजारा के नंबर 3 पर खेलने से अक्सर भारत की रन गति पर लगाम लग जाती है और उनके साथ बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों पर भी दवाब बन जाता है। इसके अलावा पुजारा का फॉर्म भी पिछले काफी समय से खराब चल रहा है, जिसको देखते हुए टीम मैनेजमेंट शॉ को भी नंबर 3 पर आजमा सकती है। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनकी वजह से शॉ नंबर पर पुजारा के एक सही रिप्लेसमेंट बन सकते हैं।

3 कारण जिनकी वजह से पृथ्वी शॉ नंबर 3 पर चेतेश्वर पुजारा की एक सही रिप्लेसमेंट साबित हो सकते हैं

#1 पृथ्वी शॉ का टेस्ट में अनुभव काम आ सकता है

पृथ्वी शॉ
पृथ्वी शॉ

पृथ्वी शॉ खेल के सभी प्रारूपों में अभी तक अपने पूरे करियर में एक स्पेशलिस्ट सलामी बल्लेबाज रहे हैं। वो जानते हैं कि नई गेंद को कैसे संभालना है, जो आम तौर पर अधिक स्विंग और सीम करती है। शीर्ष क्रम में उनका अनुभव उन्हें इंग्लैंड की परिस्थितियों में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने के लिए लिए किसी भी अन्य मध्यक्रम के बल्लेबाज से बेहतर विकल्प बनाता है। अगर कोई एक सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो जाता है तो फिर शॉ अपने अनुभव का इस्तेमाल करके नई गेंद खेल सकते हैं।

#2 तेजी से रन बनाने की क्षमता

पृथ्वी शॉ ने कई धमाकेदार पारियां खेली हैं
पृथ्वी शॉ ने कई धमाकेदार पारियां खेली हैं

पृथ्वी शॉ स्वाभाविक तौर पर एक आक्रामक बल्लेबाज हैं। शॉ कोई भी प्रारूप खेलें लेकिन अपना स्वाभाविक खेल नहीं बदलते हैं। टेस्ट प्रारूप में भी वो गेंदबाजों पर हावी होकर खेलते हैं। शॉ नंबर 3 पर तेजी से रन बना सकते हैं, जो काम पुजारा नहीं कर पाते हैं। हालांकि आक्रामक खेल के दौरान कई बार जल्दी आउट होने का खतरा भी रहता है लेकिन जिस दिन शॉ लय में दिखे, उस दिन वो अकेले ही खेल बदल सकते हैं और आने वाले बल्लेबाजों का काम आसान कर सकते हैं।

#3 युवा खिलाड़ी को भविष्य के लिए तैयार करना

भारत के पास भविष्य के लिए मयंक और गिल ओपनर के तौर पर मौजूद हैं
भारत के पास भविष्य के लिए मयंक और गिल ओपनर के तौर पर मौजूद हैं

भारतीय टीम के पास मौजूदा समय में ओपनिंग के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में शॉ के लिए बतौर ओपनर वापसी कर पाना थोड़ा मुश्किल ही है। शॉ अभी बहुत ही युवा हैं और उन्हें अगर नंबर 3 पर सफलता मिलती है तो फिर भारत के दृष्टिकोण से भविष्य के लिहाज से ये काफी बड़ी राहत होगी। ऐसे में पुजारा की जगह शॉ को आजमा कर नंबर 3 पर उनकी काबिलियत को परखने का ये सही मौका होगा।

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Edited by Prashant Kumar