Royal Challengers Bengaluru: WPL 2025 की शुरुआत 14 फरवरी को आरसीबी और गुजरात जायंट्स के बीच खेले जाने वाले मुकाबले से होगी। आरसीबी की टीम इस बार टूर्नामेंट में डिफेंडिंग चैंपियंस के तौर पर उतरेगी। इस टीम में स्मृति मंधाना, ऋचा घोष, एलिस पेरी, श्रेयंका पाटिल और रेणुका सिंह जैसी कई स्टार खिलाड़ी शामिल हैं।
आरसीबी की टीम इस बार भी ट्रॉफी जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। हालांकि, उसके लिए टाइटल बचा पाना काफी मुश्किल होगा। आइए जानते हैं कि वो कौन से 3 कारण हैं जिनकी वजह से शायद आरसीबी WPL 2025 में टाइटल नहीं बचा पाएगी।
3. तेज गेंदबाजी आक्रमण में मजबूती की कमी
भारतीय महिला टीम की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह इस सीजन में भी आरसीबी के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करेंगी। WPL के पिछले दोनों सीजन में वो अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहीं थी। उन्होंने अब तक 16 डब्ल्यूपीएल मैचों में केवल तीन विकेट लिए हैं। टूर्नामेंट में उनका खराब प्रदर्शन नए सीजन की शुरुआत से पहले एक बड़ी चिंता का विषय होगा।
दूसरी तरफ, एलिस पेरी को बैक में चोट लगी थी जिसकी वजह से वो शायद कम गेंदबाजी करें। किम गार्थ, हीदर ग्राहम और जोशिता वीजे के रूप में टीम के पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये खिलाड़ी कैसे प्रदर्शन करती हैं।
2. कुछ खिलाड़ियों का आउट ऑफ फॉर्म में होना
आरसीबी के कुछ प्रमुख खिलाड़ियों का फॉर्म में ना होना भी टीम के लिए एक चिंता का विषय है।एलिस पेरी ने WPL के पिछले सीजन में बल्ले से जमकर धमाल मचाया था, लेकिन उनकी मौजूदा फॉर्म ज्यादा अच्छी नहीं है। पिछले तीन टी20 मैचों में वो सिर्फ 21 रन बना पाई हैं। डैनी वायट भी पिछले समय से व्हाइट बॉल क्रिकेट में रन बनाने के लिए संघर्ष करती नजर आई हैं।
इसके अलावा श्रेयंका पाटिल और आशा शोभना जैसी खिलाड़ियों को खेलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है। दोनों खिलाड़ियों ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच टी20 वर्ल्ड कप 2024 में खेला था, जिसका आयोजन अक्टूबर में हुआ था।
1. चोट की समस्या और खिलाड़ियों की अनुपलब्धता के कारण कॉम्बिनेशन में बदलाव
WPL 2025 की शुरुआत से पहले ही तीन प्रमुख प्लेयर्स आरसीबी का साथ छोड़ चुकी हैं। इनमें न्यूजीलैंड की सोफी डिवाइन, सोफी मोलिनक्स और केट क्रॉस का नाम शामिल है। भले ही फ्रेंचाइजी ने इनके रिप्लेसमेंटस का ऐलान कर दिया है, लेकिन इससे टीम के कॉम्बिनेशन में बदलाव आ गया है। इसका असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ना स्वाभाविक है।