सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने आईपीएल में लगातर दूसरा मैच भी गंवा दिया। कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद की टीम कहीं भी मुकाबले में नहीं दिखी। इस बार पिछले मैच की तुलना में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ज्यादा सुदृढ़ नजर आ रही थी लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। डेविड वॉर्नर के ऊपर भी इस मैच में हार के बाद दबाव बढ़ेगा। सनराइजर्स हैदराबाद में इस बार भी केन विलियमसन को नहीं खिलाया गया। पिछले मैच में भी यही गलती डेविड वॉर्नर ने की थी।
कोलकाता नाइटराइडर्स को सनराइजर्स हैदराबाद से मिले 143 रन के मामूली लक्ष्य को हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं हुई। उन्होंने इसे तीन विकेट खोकर ही हासिल कर लिया। केकेआर के बल्लेबाजों को ज्यादा तूफानी बल्लेबाजी करने की जरूरत नहीं पड़ी और उन्होंने आराम से लक्ष्य हासिल कर लिया। हैदराबाद के लिए इस मैच से सीखने के अलावा कुछ नहीं था। अगले मैच में उन्हें और ज्यादा बेहतर रणनीति के साथ मैदान पर उतरने की जरूरत होगी। इस आर्टिकल में सनराइजर्स हैदराबाद की हार के तीन कारणों के बारे में बताया गया है।
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केकेआर के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद की हार के कारण
धीमी बल्लेबाजी
सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाजों ने अपेक्षाकृत धीमी बल्लेबाजी की। डेविड वॉर्नर ने अपनी स्वाभाविक स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी नहीं की। रिद्धिमान साहा को तेज बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया था लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 30 गेंद खेलने के बाद भी 100 से कम रहा। इससे हैदराबाद के कुल स्कोर में प्रभाव दिखा और वे 150 के पार भी नहीं जा पाए। यहाँ से केकेआर को हराना आसान नहीं था।
दिनेश कार्तिक की बेहतरीन कप्तानी
दिनेश कार्तिक ने सनराइजर्स हैदराबाद की रणनीति पर पानी फेरने का काम करते हुए सुझबुझ से गेंदबाजों को बदला। उन्होंने कुल 7 गेंदबाजों से गेंदबाजी कराई और विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को सिर्फ सोचने के अलावा कुछ करने नहीं दिया। गेंदबाज बार-बार बदलने से हैदराबाद के बल्लेबाज टिकने का प्रयास ही करते रहे।
शुभमन गिल की धाकड़ पारी
सुनील नारेन ओपन के लिए आए और जीरो रन पर आउट होकर चले गए। ऐसे समय में शुभमन गिल ने एक छोर पकड़ा और अन्य बल्लेबाजों से भी उन्हें साथ मिला। वह अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद भी क्रीज पर टिके रहे और टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। उनकी नाबाद 70 रन की पारी ने सनराइजर्स हैदराबाद की राह में रोड़े अटकाने का काम किया।