IND vs ENG, T20I Series: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टी20 सीरीज का रोमांच जारी है। पहले दोनों मैचों में मेजबान टीम का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम इंडिया दोनों मुकाबले जीतने में सफल रही है और सीरीज में 2-0 की लीड ले चुकी है। चेन्नई में खेले गए दूसरे टी20 में युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा की ओर से कमाल का प्रदर्शन देखने को मिला था।
मालूम हो कि इंग्लैंड ने टीम इंडिया को जीत के लिए 166 रन का टारगेट दिया था। पहले लग रहा था कि भारतीय टीम इस टारगेट को आसानी से हासिल कर लेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने उम्दा प्रदर्शन किया था। तिलक वर्मा इकलौते ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने इंग्लिश गेंदबाजों की नाक में दम किया और नाबाद 72 रन बनाकर टीम को 2 विकेट से रोमांचक जीत दिलाई।
तिलक ने अपनी इस मैच जिताऊ पारी से सभी का दिल जीत लिया। आइए जानते हैं उन 3 कारण कि क्यों 72* रन की ये पारी तिलक वर्मा के टी20 करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारी है।
3. शानदार तरीके से स्थिति के अनुसार की बल्लेबाजी
संजू सैमसन का विकेट गिरने के बाद तिलक वर्मा बल्लेबाजी करने के लिए क्रीज पर उतरे थे। उन्होंने शुरुआत में ही गेंदबाजों पर हमला बोल दिया और कुछ बढ़िया हिट्स लगाए। लेकिन जब दूसरे छोर से विकेट गिरने लगे, तो तिलक ने बड़े शॉट्स खेलने की बजाय स्ट्राइक को रोटेट करने पर ध्यान दिया। अपनी नाबाद 72 रनों की पारी में तिलक ने 22 रन दौड़कर बनाए।
2. विरोधी टीम के प्रमुख गेंदबाज को किया टारगेट
अपनी पारी के दौरान तिलक वर्मा ने इंग्लैंड के धाकड़ तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को टारगेट किया। आर्चर ने पहले दो ओवरों में 24 रन देकर एक विकेट झटका था। इसके बाद उनके तीसरे ओवर में 22 वर्षीय तिलक ने 1 बाउंड्री और 2 छक्के लगाए। वहीं, तिलक ने आर्चर को चौथे ओवर में भी टारगेट किया। उन्होंने आर्चर की 9 गेंदों का सामना करने के बाद 30 रन बनाए थे।
1. सही समय पर गेंदबाजों पर किया प्रहार
तिलक वर्मा ने शुरुआत में तेज गति से रन बनाने की रणनीति अपनाई थी। पहली 15 गेंदों में उनके बल्ले से 26 रन आए थे। लेकिन जब टीम इंडिया के लगातार विकेट गिरे, तो तिलक ने अपने गेयर चेंज कर लिए और अगली 15 गेंदों पर सिर्फ 11 रन बनाए।
वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल के आउट होने के बाद तिलक को लगा कि अब ऐसे काम नहीं चलेगा और तेजी से रन बनाने होंगे, तब उन्होंने समझदारी से बल्लेबाजी की। उन्होंने ऐसे शॉट्स खेले, जिसमें रिस्क कम था। तिलक 39 गेंदों पर फिफ्टी बनाने में सफल रहे। वह अंत तक डटे रहे और टीम को जीत दिलाकर लौटे।