क्रिकेट के खेल में टेस्ट प्रारूप सबसे कठिन माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आपको हर एक कदम पर चुनौती देता है।टेस्ट क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है जहां पर सबसे ज्यादा खिलाड़ी के धैर्य और अनुशासन की परीक्षा होती है। टेस्ट क्रिकेट में एक बल्लेबाज के तौर पर खुद को सफल बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप तकनीकी रूप से कितने सक्षम हैं।
टेस्ट क्रिकेट की सबसे खास बात यह है कि पांच दिन चलने वाला यह खेल न केवल बल्लेबाज बल्कि गेंदबाजों को भी हर परिस्थिति में खुद को ढालने की चुनौती देता है। ऐसे में हर खिलाड़ी हर परिस्थिति में अपने प्रदर्शन को बढ़ाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में हमने बहुत से ऐसे क्रिकेटरों को देखा है जो घरेलू परिस्थितियों में तो बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं लेकिन जैसे ही वह विदेशी सरजमीं पर कदम रखते हैं उनके प्रदर्शन में काफी गिरावट आ जाती है।
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इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको तीन ऐसे वर्तमान क्रिकेटरों के बारे में बताने वाले हैं जो अपने घर पर तो बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं लेकिन विदेश में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहता है।
#1 स्टुअर्ट ब्रॉड
दिसंबर 2007 में श्रीलंका के खिलाफ इंग्लैंड के लिए अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने तब से लेकर आज तक इंग्लैंड के लिए कुल 138 टेस्ट मुकाबले खेले हैं और 485 विकेट लेने में सफल रहे हैं।
33 वर्षीय ब्रॉड ने इंग्लैंड के लिए अपनी सरजमीं पर खेलते हुए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हालांकि देश के बाहर ब्रॉड का प्रदर्शन उतना बेहतरीन नहीं रहा है। ब्रॉड इंग्लैंड के लिए एक महान गेंदबाज रहे हैं, और वह आज के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक हैं, लेकिन विदेशी परिस्थितियों में उनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन नहीं रहा है और विशेषकर ऑस्ट्रेलिया और भारत में।
ब्रॉड ने ऑस्ट्रेलिया में 12 टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने 37.17 की औसत से 34 विकेट लिए हैं। उपमहाद्वीप में, इंग्लिश पेसर ने 18 टेस्ट में 38.14 के औसत से 41 विकेट हासिल किए हैं। अगर हम केवल भारत में उनके प्रदर्शन की बात करें तो भारत में उन्होंने 6 टेस्ट में 53.90 की औसत से मात्र 10 विकेट हासिल किए हैं जो कि ब्रॉड को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता।
#2 डेविड वॉर्नर
ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों प्रारूपों में सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलने वाले डेविड वॉर्नर ने वनडे और टी-20 क्रिकेट में तो विश्व भर में जाकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है, हालांकि टेस्ट क्रिकेट में विदेशी सरजमीं पर वॉर्नर के प्रदर्शन में जरूर गिरावट आती है।
ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर एकमात्र दक्षिण अफ्रीका एक ऐसा देश है जहां वार्नर ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, दक्षिण अफ्रीका में वार्नर अब तक 6 मैचों में 63.33 की औसत से 760 रन बना चुके हैं। हालांकि भारत और इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में वॉर्नर बेहतरीन प्रदर्शन करने में अब तक सफल नहीं रहे हैं।
इंग्लैंड में खेले गए कुल 13 टेस्ट मुक़ाबलों में वार्नर की औसत 26.04 की है, वहीं वॉर्नर ने भारत में आठ टेस्ट मैचों में 24.25 की औसत से केवल 388 रन बनाए हैं। कुल मिलाकर, वार्नर ने 39 विदेशी टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 33.17 के औसत से 2521 रन बनाए हैं, जो कि उनके द्वारा घर पर खेले गए 43 टेस्ट मुक़ाबलों में 65.94 की औसत से बहुत ज्यादा कम है।
#3 रोहित शर्मा
रोहित शर्मा का नाम इस सूची में देख कर एक बार आप शायद जरूर हैरान हों लेकिन रोहित शर्मा के विदेशी सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े इसी तरफ इशारा करते हैं।
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में लगातार घरेलू परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन किया है और एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज के रूप में सामने आए हैं। रोहित शर्मा ने भारत में खेलते हुए कुल 14 टेस्ट मुकाबलों में 88.33 की औसत के साथ 1325 रन बनाए हैं। इस दौरान रोहित के बल्ले से 5 अर्धशतक, दो दोहरे शतक और एक शतक शामिल है। 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत में खेलते हुए रोहित शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया था और तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला में दो शतक और एक दोहरा शतक लगाया था।
हालांकि जब बाद विदेशी सरजमीं की आती है तो वहां पर टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा के आंकड़े इतने अच्छे नहीं हैं। रोहित शर्मा ने 18 विदेशी टेस्ट मुकाबलों में 26.32 के औसत से सिर्फ 816 रन ही बनाए हैं जिसमें मात्र पांच अर्धशतक ही शामिल हैं।