साल 2019 क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक खास साल रहा क्योंकि उन्होंने पूरे साल बेहतरीन क्रिकेट का लुत्फ उठाया है। ऑस्ट्रेलिया में 70 साल बाद भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत भारतीय प्रशंसकों के लिए साल का सबसे बड़ा तोफा रहा है। विश्व कप 2019 की जीत इंग्लैंड के क्रिकेट फैंस के लिए एक सपने के सच होने जैसा था। इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया द्वारा एशेज की जीत ने भी सभी का ध्यान अपनी ओर खिंचा था।
इस साल इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स, भारत के लिए रोहित शर्मा, ऑस्ट्रेलिया के लिए पैट कमिंस और पाकिस्तान के लिए बाबर आजम जैसे खिलाड़ी हीरो रहे हैं। इन सबके बीच, हमने कुछ युवा खिलाड़ियों को भी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना नाम बनाते हुए देखा।
जैसे की सब जानते हैं युवा खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय टीम में उनके घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद किया जाता है। इस साल भी कुछ युवा खिलाड़ियों ने अपने देश की राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने अपने शानदार से प्रदर्शन से फैंस का दिल तो जीता ही साथ में टीम में अपनी जगह भी पक्की की। आज हम इस आर्टिकल में ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बात करने वाले हैं।
3. जोफ्रा आर्चर (इंग्लैंड)
इंग्लैंड के 24 वर्षीय युवा गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने इसी साल अपना अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। विश्व कप 2019 के लिए इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में इनको चुना गया था। विश्व कप से पहले जोफ्रा ने सिर्फ एक वनडे मुकाबला खेला था वो भी आयरलैंड के खिलाफ। जिसमें आर्चर को सिर्फ एक विकेट मिला था। लेकिन इसके बावजूद घरेलू क्रिकेट में इनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इनको टीम में जगह मिल गई।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड द्वारा मिले इस अवसर का आर्चर ने पूरी तरह से फ़ायदा उठाया, और विश्व कप में खेले गए 13 मुकाबलों में इन्होनें 24.5 की औसत से 22 विकेट अपने नाम किये। विश्व कप में इनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए इनको जल्द ही इंग्लैंड की टेस्ट टीम में भी जगह मिली।
एशेज सीरीज में आर्चर ने 4 मुकाबलों में 27.29 की औसत से 22 विकेट लिए। इस दौरान जोफ्रा ने दो बार पांच-पांच विकेट भी हासिल किये, और इंग्लैंड टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
2. मयंक अग्रवाल (भारत)
मयंक अग्रवाल ने भारत की राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल जैसी लीग में मयंक सालों से अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे थे। लेकिन इसके बावजूद इनकी जगह टीम में नहीं बन पा रहे थे।
लेकिन साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मयंक को एक मौका मिला। इस सीरीज में मयंक को केएल राहुल के खराब प्रदर्शन की वजह से जगह मिली थी। राहुल लगातार इस सीरीज में फ्लॉप हो रहे थे। इस मिले मौके का मयंक ने पूरा लाभ उठाया और ओपनिंग करते हुए 161 गेंदों पर 76 रनों की बहुमूल्य पारी खेली।
इस मैचों की दोनों पारियों में मयंक ने कुल 118 रन बनाये। जिसके बाद से मयंक भारत की टेस्ट टीम का एक अहम हिस्सा बन गए। अपने 9 टेस्ट मैचों के करियर में मयंक अब तक 67 की औसत से 872 रन बना चुके हैं। जिसमें इनके 3 शतक (2 दोहरे) और 3 अर्धशतक भी शामिल हैं।
1. मार्नस लैबुशेन (ऑस्ट्रेलिया)
मार्नस लैबुशेन यकीनन ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए इस साल की सबसे अच्छी खोज रहे है। अपने टेस्ट डेब्यू से पहले लाबुशेन के पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बड़े आंकड़े नहीं थे। एशेज मे डेब्यू से पहले, उनकी बल्लेबाजी औसत सिर्फ 26.25 की थी। एशेज सीरीज में भी इनको चोटिल स्टीव स्मिथ के विकल्प के तौर पर टीम में जगह दी गई थी।
लेकिन लैबुशेन ने इस मौके को लपकते अपनी क़ाबलियत साबित की। आपको बता दें, लैबुशेन ने इस साल केवल 11 टेस्ट मैच खेलते हुए 56.43 की शानदार औसत से 1104 रन बनाए।
जिसमें तीन शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं। अपने करियर के 12 मैच खेलते हुए लाबुशेन ने आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में भी अपनी जगह बना ली है। लैबुशेन मौजूदा समय में 786 अंकों के साथ टेस्ट रैंकिंग में पांचवें स्थान पर बने हुए हैं।