अपने देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलना हर एक खिलाड़ी का सपना होता है। हालांकि कुछ खिलाड़ी अपने सपने को पूरा कर पाते हैं, वहीं पर कुछ खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते। कुछ ऐसे भी खिलाड़ी रहते हैं जिन्हें अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिलता है। विशेषकर भारत जैसे देश में जहां पर पर क्रिकेट के खेल में इतनी प्रतिस्पर्धा है, वहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना और भी मुश्किल काम हो जाता है। कई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेल कर ही संन्यास की घोषणा कर देते हैं।
हालांकि, कुछ ऐसे खिलाड़ी भी होते हैं जो घरेलू क्रिकेट तो अपने देश के लिए खेलते हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह किसी दूसरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान दो अलग-अलग देशों के लिए खेलने का सौभाग्य मिला।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको पांच ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो अलग-अलग देशों का प्रतिनिधित्व किया है:
#1 केप्लर वेसल्स
केपलर वेसल्स ने 1982 में ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। इस दौरान वेसल्स ने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए कुल 24 टेस्ट मुकाबले खेले और न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला खेलने के बाद 1985 में संन्यास ले लिया।
हालांकि 6 साल बाद केपलर ने फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की और इस बार अपनी घरेलू टीम साउथ अफ्रीका के लिए खेले। वेसल्स ने साउथ अफ्रीका के लिए वर्ष 1991 से 1994 के बीच 16 टेस्ट और 55 वनडे मैच खेले।
#2 इयोन मोर्गन
इंग्लैंड के मौजूदा सीमित ओवरों के कप्तान इयोन मोर्गन अब तक अपने सफल करियर का आनंद ले रहे हैं। हालांकि, डबलिन में जन्मे मोर्गन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत अपने देश आयरलैंड के लिए हुई थी। मोर्गन ने 2006 से 2009 तक आयरलैंड टीम के लिए 23 एकदिवसीय मैच खेले और 2007 विश्व कप में आयरलैंड टीम का हिस्सा थे।
अपने क्रिकेट करियर में बड़े मौकों की खोज में मोर्गन ने 2009 में इंग्लैंड का रूख किया। मोर्गन ने इंग्लैंड के लिए 16 टेस्ट मैच और 236 एकदिवसीय मुकाबले खेले हैं। इंग्लैंड ने 2019 में मोर्गन की ही कप्तानी में एकदिवसीय वर्ल्ड कप जीता था।