टेस्ट क्रिकेट खेलना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। क्रिकेट की दुनिया में जिन खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा टैलेंटिड कहा जाता हैं, वो भी इस फॉर्मेट में कभी कभी अपनी छाप नहीं छोड़ नहीं पाते। कुछ खिलाड़ी अपने आप को इस फॉर्मेट में ढाल नहीं पाते, तो कुछ बाकी फॉर्मेट खेलने के लिए इस प्रारूप से कम उम्र में ही रिटायर हो जाते हैं। कुछ बल्लेबाज़ शॉर्ट फॉर्मेट में अपनी सफलता को टेस्ट क्रिकेट में दोहरा नहीं पाएं। टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों को दूसरे फॉरमेट की तुलना में ज्यादा मदद मिलती है, इसलिए यहाँ बल्लेबाज़ इतने खुलकर शॉट्स नहीं खेल पाते। आइये नज़र डालते है उन 5 बल्लेबाजों पर, जिनकी टेस्ट क्रिकेट में औसत काफी खराब हैं। # रोहित शर्मा पिछले कुछ सालों में वनडे और टी20 क्रिकेट में रोहित शर्मा इंडिया के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक रहे है, जोकि इंडिया को अच्छी शुरुआत दिलाने में मदद करते है। जब वो अपनी लय में होते है, तो उन्हें रौकना काफी मुश्किल हो जाता है, कुछ सालों पहले श्रीलंका के खिलाफ रोहित द्वारा खेली गई 264 रनों की पारी कौन भूल सकता है। लेकिन जब बात टेस्ट क्रिकेट की होती है, तो किस्मत उनके साथ बिल्कुल भी नहीं होती। उन्हें 30 से ज्यादा रन बनाने में काफी दिक्कत आती है, यहाँ तक कि वो खराब गेंदो का भी अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाते। इसी कारण अब तक खेले 15 मुकाबलों में उनकी औसत सिर्फ 33.18 की रही है, जिसमें उनके नाम 2 सेंचुरी और 4 हाफ सेंचुरी दर्ज है, जोकि उनकी काबिलियत से मेल नहीं खाती। # मुशफ़िकर रहीम साल 2005 में बांग्लादेश के लिए डैब्यू करने के बाद से अब तक मुशफ़िकर रहीम अपनी टीम के मिडिल ऑर्डर का अहम हिस्सा है। उन्होंने कई बार बांग्लादेश को अपने दम पर मैच जिताएं है, लेकिन उनके आंकड़े कभी भी उनकी काबिलयात को दर्शा नहीं पाएं। अब तक खेले 48 टेस्ट मैच में रहीम ने 32.31 की औसत से रन बनाए है, जिसमें 3 शतक और 15 अर्ध शतक शामिल है। लेकिन किसी भी बांग्लादेशी फैन के लिए रहीम के बिना कोई भी टीम नहीं बन सकती। वहाँ पर लोग उनसे काफी प्यार करते हैं। लेकिन इतने प्यार के बावजूद भी वनडे में भी उनकी औसत 31.62 ही है। # मार्लन सैमुअल्स भारत में इस साल हुए टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में आखिरी ओवर में कार्लोस ब्रैथवेट द्वारा लगाएं गए चार छक्कों की मदद से वेस्ट इंडीज को खिताब जिताने से पहले मार्लन सैमुअल्स ने 85 रन की पारी खेलकर टीम को मुश्किल से उभारा था। जमैका के इस बल्लेबाज़ ने कई बार वेस्ट इंडीज को मुश्किल से निकाला है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वो अपनी छाप नहीं छोड़ पाएं है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने अब तक खेले 67 टेस्ट मैच खेले है, जिसमें उन्होंने 33.12 की औसत से रन बनाए है। उन्होंने इस बीच 7 शतक लगाए है, लेकिन भारत के खिलाफ चल रही सीरीज में वो अपनी टीम का हिस्सा बने हुए है। मार्लन को हमेशा ही बड़े शॉट्स खेलने के लिए जाना जाता है, इसी कारण वो टेस्ट क्रिकेट में वो सफल नहीं पाए है। # मोहम्मद हफीज साल 2003 में पाकिस्तान के लिए डैब्यू करने के बाद हफीज टीम के नियमित सदस्य 2011 के बाद ही बने। वो पाकिस्तान के सबसे अच्छे बल्लेबाज़ बन सकते थे, लेकिन वो कभी भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाएं। हफीज ज्यादा रन इसलिए नहीं बना पाएं, क्योंकि वो तेज़ी से 30 -40 रन बनाने के चक्कर में आउट हो जाते है। इसी कारण वो उनके नाम ज्यादा टेस्ट शतक नहीं है। हफीज ने अब तक खेले 50 टेस्ट मैच में 39.32 की औसत से रन बनाए है, जिसमें उनके नाम 7 शतक दर्ज है। यह रिकॉर्ड है जोकि उनके जैसे खिलाड़ी को शोभा नहीं देती। पिछले कुछ सालों से वो पाकिस्तान के लिए ओपनिंग भी करने लगे है। # दिनेश रामदीन एक बड़ा कारण की दिनेश रामदीन ने वेस्ट इंडीज के लिए 74 टेस्ट मैच खेले है कि वो एक शानदार विकेट कीपर है। उनकी कीपिंग ने हमेशा ही उनकी बल्लेबाज़ी को छुपाए रखा। हालांकि रामदीन के नाम टेस्ट में चार टेस्ट शतक दर्ज है, लेकिन फिर भी उनकी टेस्ट औसत 25.87 की रही, जोकि के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ के लिए काफी खराब हैं। क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में उनके चयन को उन्होंने हर बार गलत साबित किया और वो कभी भी अच्छा नहीं कर पाए। वो विकेटों के बीच में अच्छा भागते है और वैसे ही अपनी पारी को आगे बढ़ाते है। भारत के खिलाफ मौजूदा सीरीज से पहले उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। लेखक- देबदूत दास, अनुवादक- मयंक मेहता