क्रिकेट और फुटबॉल में काफी चीजे एक जैसी हैं, लेकिन जो एक चीज जो दोनों खेलो में सबसे अलग हैं, वो हैं बाकी खेलों की तरह इसमे में भी एक विनर और एक लूजर होता हैं, लेकिन इन दोनों खेलों में एक परिणाम और संभव हैं और वो हैं मैच टाई होने का।
फुटबॉल में ड्रॉ और क्रिकेट में टाई का एक ही मतलब हैं, लेकिन इन दोनों की फ्रीक्वेंसी एक जैसी नहीं हैं। जहां एक तरफ फुटबॉल में मैच ड्रॉ होना आम बात हैं, तो वही दूसरी तरफ क्रिकेट मैच टाई होने का मतलब हैं एक गोलकीपर ने अपना गोल खुद ही कर दिया हो। क्रिकेट के अब तक इतिहास में सिर्फ 38 मैच ही टाई हुए हैं। जब भी कोई मैच टाई होता हैं, तो वो यादगार बन जाता हैं।
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तो आइए नज़र डालते हैं, वनडे इतिहास के 5 हाई-स्कोरिंग टाई मैच पर:
इंग्लैंड Vs श्रीलंका- पहला वनडे, ट्रेंट ब्रिज 2016
21 जून 2016 को इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच सीरीज का पहला मुकाबला खेला गया। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले श्रीलंका को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया, लेकिन श्रीलंका के ओपनर्स टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पाए और टीम का स्कोर एक समय 56-3 हो गया था, इसे देखकर तो ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका की टीम बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहेगी। हालांकि टीम को उसके बाद कप्तान मैथ्यूज, दिनेश चंडीमल और सीकुगे प्रसन्ना की पारियों की मदद से टीम ने 286-9 का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया।
श्रीलंका की टीम 286 के स्कोर से काफी खुश थी और इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड के 4 विकेट पहले 10 ओवर्स में ही ले लिए थे। जोस बटलर की शानदार पारी के बावजूद भी टीम को आखिरी ओवर में 14 रन की दरकार थी और मैदान में क्रिस वॉक्स 89 रन बनाकर खेल रहे थे। पहली चार गेंदों में सिर्फ 4 रन ही आए और टीम को अभी भी 2 गेंदो पर 10 रन की दरकार थी।
इंग्लैंड के लिए काम और मुश्किल हो जाता अगर ओवर की 5वीं गेंद पर मिस-फील्डिंग नहीं होती, जिसकी वजह से इंग्लैंड को तीन रन मिल गए। उसके बाद आखिरी गेंद पर लियाम प्लंकेट ने लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्का लगाकर मैच को टाई करा दिया।
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#) न्यूजीलैंड Vs भारत- तीसरा वनडे, ऑकलैंड 2014
जनवरी 2014 में भारत और न्यूजीलैंड का मुकाबला ऑकलैंड में सीरीज का तीसरा मैच खेला गया। भारतीय टीम सीरीज़ में 2-0 से पीछे थी। तीसरे मुक़ाबले में भारत को हर हाल में जीत चाहिए थी, उस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले न्यूज़ीलैंड को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया। हालांकि न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवरों में 314 रन बनाए।
रनों का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। हालांकि टीम को राहत तब मिली जब सुरेश रैना और एमएस धोनी ने टीम को पारी को संभला। रैना 31 रन बनाकर आउट हो गए और धोनी भी अपने अर्धशतक के बाद ज्यादा देर तक टिक नहीं सके। भारत को अभी भी जीत के लिए 14.2 ओवरों में 131 रनों की दरकार थी।
रविंद्र जडेजा अभी भी मैदान में मौजूद थे और उन्होंने गेंद के साथ भी काफी अच्छा काम किया था। जडेजा ने पहले अश्विन के साथ 7वें विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की, उसके बाद उन्हें टेल का भी अच्छा साथ मिला और मैच इस तरह फस गया कि भारत को आखिरी ओवर में 18 रन की दरकार थी और अंतिम तीन गेंदों पर 12 रन की। जडेजा ने पहले चौका लगाया, फिर अगली गेंद पर छक्का, लेकिन वो अंतिम गेंद पर सिर्फ 1 रन ही ले पाए और मैच टाई हो गया। जडेजा को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला और उनके प्रदर्शन की वजह से भारत इस मैच को बचाने में कामयाब हो पाया।
भारत vs वेस्टइंडीज- दूसरा वनडे, अक्टूबर 2018
अक्टूबर 2018 में विशाखापट्टनम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली के शानदार शतक (157) और अंबाती रायडू (73) के अर्धशतक की बदौलत 321-6 का विशाल स्कोर खड़ा किया।
वेस्टइंडीज ने शाई होप (123*) के नाबाद शतक और शिमरोन हेटमायर के तूफानी अर्धशतक (94) की बदौलत शानदार तरीके से लक्ष्य का पीछा किया। वेस्टइंडीज को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 14 रनों की दरकार थी और उमेश यादव ने पहली 5 गेंदों में सिर्फ 9 रन दिए। हालांकि आखिरी गेंद पर शाई होप ने चौका लगाते हुए मैच को टाई कराया और भारत को जीतने से रोका।
भारत Vs इंग्लैंड- आईसीसी वर्ल्ड कप, बैंगलोर 2011
2011 वर्ल्ड कप में भारत दूसरे सबसे हाई स्कोरिंग टाई मैच का हिस्सा बना, यह मुक़ाबला था भारत और इंग्लैंड के बीच।
भारत ने सचिन तेंदुलकर के शतक के अलावा गौतम गंभीर और युवराज सिंह के अर्धशतक की बदौलत 338 रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि यह स्कोर काफी बड़ा हो सकता था, अगर भारत का निचला क्रम सस्ते में आउट ना हुआ होता। फिर भी इंडिया को जीत की उम्मीद तो थी।
इंग्लैंड के लिए कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस के शतक और इयान बेल के अर्धशतक की बदौलत भारत की हार तय लग रही थी। भारत को मैच में वापसी कराई ज़हीर खान ने, जिन्होंने पुरानी गेंद से 6 गेंद के अंदर तीन विकेट अपने नाम किए। इंग्लैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 14 रन की दरकार थी। तभी मैच इंग्लैंड की तरफ जाता नज़र आ रहा था, लेकिन स्वान आखिरी गेंद पर दो रन नहीं बना पाए और वो सिर्फ एक रन ही बना पाए और मैच टाई हो गया।
न्यूज़ीलैंड Vs इंग्लैंड- चौथा वनडे, नेपियर 2008
यह मुक़ाबला काफी यादगार मैच में से एक था, क्योंकि यह सबसे हाई स्कोरिंग टाई मैच था। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने उस मैच में मिलकर 680 रन बनाए।
टॉस जीतने के बाद पहली गेंदबाजी करने का फैसला न्यूज़ीलैंड के खिलाफ गया और इंग्लैंड के ओपनर एलिस्टर कुक और फिल मस्टर्ड ने पहले विकेट के लिए 158 रनों की साझेदारी की, जिसमे दोनों ही ओपनर्स ने अर्धशतक लगाया। हालांकि जेसी राइडर ने दोनों ओपनर को लगातार गेंदो पर आउट किया, लेकिन केविन पीटरसन और पॉल कॉलिंगवुड ने इंग्लैंड का स्कोर 6 विकेट के नुकसान पर 340 तक पहुंचा दिया था।
चेज़ करते हुए जेसी राइडर ने टीम को ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाई और ऐसा लग रहा था कि वो आसानी से जीत जाएंगे। कीवी टीम ने विकेट लगातार अंतराल पर विकेट गिरते रहे, लेकिन जेमी हाउ ने एक छोर पर खड़ा होकर शानदार शतक लगाया।
जेमी हाउ जब रन आउट हुए, तब टीम को आखिरी गेंद पर 2 रन की दरकार थी, लेकिन वो सिर्फ एक रन ही बना पाए और वो मैच टाई हो गया।