आईपीएल नीलामी में अब सिर्फ एक सप्ताह का ही समय बचा है। इस नीलामी के लिए 1003 खिलाड़ियों ने पंजीकरण किया है जिनमें 232 विदेशी खिलाड़ी हैं।
आईपीएल की मीडिया एडवाइजरी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय टीमों में 70 स्लॉट खाली हैं, जिनको भरने के लिए 800 अनकैप्ड खिलाड़ी, 200 कैप्ड खिलाड़ी और एसोसिएट नेशंस के तीन खिलाड़ी प्रतियोगिता में होंगे।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन 800 अनकैप्ड खिलाड़ियों में से 746 भारतीय हैं। आईपीएल में इस बार बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, उत्तराखंड और पुडुचेरी जैसे नौ राज्यों के खिलाड़ी भी शामिल हैं जो कि आईपीएल के इतिहास में पहली बार हुआ है।
इस प्रकार, आईपीएल नीलामी में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी होंगे जिन्हें शायद कोई खरीदार नहीं मिले। तो आइये एक नज़र डालते हैं ऐसे 5 खिलाड़ियों पर:
#5. विनय कुमार
कर्नाटक के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ विनय कुमार ने आईपीएल इतिहास में 105 मैच खेले हैं। उन्होंने अपना आईपीएल करियर एक औसत गेंदबाज के रूप में शुरू किया था । हालांकि, आईपीएल सीज़न 2010 में विनय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उस सीज़न में 16 विकेट चटकाए थे। विनय ने सीज़न 2011, 2012 और 2013 में क्रमशः 12, 19, और 23 विकेट लिए थे।
हालांकि, आईपीएल सीज़न 2014 से कर्नाटक के इस गेंदबाज का पतन शुरू हो गया और हर आने वाले सीज़न में उनकी फॉर्म गिरती चली गई। लेकिन आईपीएल 2018 में उनका प्रदर्शन सबसे निचले स्तर का रहा। इसमें उन्होंने केवल दो मैच खेले और 16.95 की महंगी इकोनॉमी रेट के साथ सिर्फ दो विकेट ही हासिल किये। जिसके कारण, केकेआर ने विनय को टीम से रिलीज़ कर दिया। इस प्रकार, अपनी बढ़ती उम्र और ख़राब फॉर्म की वजह से यह मुमकिन है कि विनय कुमार को आईपीएल नीलामी में कोई खरीदार ना मिले।
#4. एंजेलो मैथ्यूज़
श्रीलंका के दिग्गज ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज़ का आईपीएल करियर काफी सामान्य रहा है। उनका सर्वश्रेष्ठ सीजन 2010 था जिसमें उन्होंने 233 रन बनाये और आठ विकेट लिए थे। तब से, आईपीएल में उनका प्रदर्शन कमोबेश औसत दर्ज़े का रहा है।
आईपीएल 2017 में, मैथ्यूज़ ने डीडी (अब दिल्ली कैपिटल्स) के लिए केवल तीन मैच खेले थे और बिना कोई विकेट लिए केवल 32 रन बनाए। नतीजतन, उन्हें आईपीएल 2018 के लिए टीम में रिटेन नहीं किया गया और अंत में उन्हें आईपीएल के ग्यारहवें संस्करण की नीलामी में कोई खरीदार भी नहीं मिला।
श्रीलंकाई ऑलराउंडर पिछले कुछ समय से फॉर्म में नहीं हैं और मुमकिन है कि इस महीने होने वाली नीलामी में भी उनके लिए कोई फ्रैंचाइज़ी बोली ना लगाए।
इसके अलावा, मैथ्यूज़ का आधार मूल्य 2 करोड़ रूपये श्रेणी में पड़ता है जो कि उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए बहुत अधिक कहा जा सकता है। ऐसे में आगामी आईपीएल नीलामी में शायद ही कोई फ्रैंचाइज़ी उन्हें खरीदना चाहे।
#3. नमन ओझा
दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने 2009 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से अपने आईपीएल करियर का आगाज़ किया था, जहां उन्होंने आठ मैचों में 168 रन बनाए थे। इसके बाद अगले आईपीएल के लिए भी रॉयल्स ने उन्हें टीम में बरकरार रखा और ओझा ने इसमें भी प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 31.41 की औसत से 377 रन बनाए।
लेकिन आईपीएल 2015 में उन्होंने अपनी लय खो दी और अपनी 10 पारियों में सिर्फ 13. 70 की औसत से महज़ 137 रन बनाए। इसके बावजूद अगले सीज़न में भी रॉयल्स ने उन्हें टीम में बरकरार रखा।
लेकिन अगले दो सीज़न में भी उनके निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए रॉयल्स ने उन्हें टीम में रिटेन नहीं किया। जिसके बाद वह आईपीएल 2018 में डीडी (दिल्ली कैपिटल्स) में चले गए। इस सीज़न में उन्हें सिर्फ एक ही मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने सिर्फ 1 ही रन बनाया। आगामी नीलामी में बहुत सारे युवा विकेटकीपरों के नाम आएंगे तो ऐसे में, ओझा कोई कोई खरीदार मिलना बहुत मुश्किल लगता है।
#2. लियाम प्लंकेट
इंग्लैंड के प्रतिभाशाली तेज़ गेंदबाज़ लियाम प्लंकेट आईपीएल 2018 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के फ्रंटलाइन गेंदबाज, कगिसो रबाड़ा के सीज़न की शुरुआत से पहले ही टीम से बाहर होने पर उनके प्रतिस्थापन के तौर पर टीम में शामिल हुए थे।
यह प्लंकेट का आईपीएल में पहला सीज़न था। इसमें प्लंकेट ने दिल्ली के लिए सात मैचों में 9.00 की इकोनॉमी रेट से सिर्फ चार विकेट लिए थे। आईपीएल के अपने पहले मैच में 17 रन देकर 3 विकेट लेने वाले इंग्लिश गेंदबाज़ आगे आने वाले मैचों में अपना यह प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए और वह शेष छह मैचों में सिर्फ एक ही विकेट हासिल कर पाए।
इसलिए, आईपीएल 2018 में उनके प्रदर्शन को देखते हुए शायद ही कोई टीम आगामी नीलामी में उनके लिए बोली लगायेगी। इसके अलावा, अगले साल होने वाले विश्व कप को देखते हुए वह पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे, इसलिए सभी फ्रैंचाइज़ियां उनपर कोई दाँव नहीं लगाना चाहेंगी।
#1. युवराज सिंह
युवराज सिंह का क्रिकेट करियर अब ढलान पर है। भारतीय टीम के लिए उन्होंने अपना आखिरी मैच जून 2017 में खेला था और तब से वह टीम से बाहर हैं। इसके अलावा, अपनी खराब फॉर्म की वजह से युवराज ने आईपीएल 2018 में भी बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया था।
किंग्स इलेवन पंजाब ने नीलामी में 2 करोड़ रुपये में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को टीम चुना था लेकिन युवराज ने इस सीज़न मेंं खेले आठ मैचों में केवल 10.83 की औसत और 89.04 की स्ट्राइक रेट पर महज़ 65 रन बनाए। इसके अलावा, अपनी गेंदबाज़ी में भी वह कोई कमाल नहीं दिखा सके।
युवराज ने आईपीएल 2018 में सिर्फ चार ओवरों की गेंदबाजी की और बिना कोई विकेट लिए 11.50 की महंगी इकोनॉमी रेट से रन लुटा डाले थे। उन्हें किंग्स इलेवन द्वारा हाल ही में टीम से रिलीज़ किया गया है।
इस प्रकार, आगामी नीलामी में उन्हें कोई खरीदार मिलना बहुत मुश्किल लगता है।