#3 डेनियल विटोरी
आईपीएल के पहले तीन साल तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में क्वालिटी टेस्ट खिलाड़ी ज्यादा थे। 2011 में उन्होंने एबी डीविलियर्स, तिलकरत्ने दिलशान और डेनियल विटोरी जैसे क्वालिटी टी-20 खिलाड़ियों को खरीदा। टीम प्रबंधन ने न्यूजीलैंड के लेफ्ट आर्म स्पिनर डेनियल विटोरी को टीम का कप्तान नियुक्त किया। आरसीबी ने उस सीजन फाइनल तक का सफर किया लेकिन वो चेन्नई के हाथों हार गए।
आईपीएल 2012 में कप्तान विटोरी का प्रदर्शन खराब था और वो बीच के ओवरों में विकेट नहीं ले पा रहे थे, वहीँ उनके साथी खिलाड़ी मुरलीधरन टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। प्लेइंग इलेवन में 4 खिलाड़ियों के नियम की वजह से विटोरी ने खुद को ड्रॉप किया और विराट को टीम का कप्तान बनाया गया।
#2 कुमार संगकारा
2012 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने डेक्कन चार्जर्स आईपीएल फ्रैंचाइजी को टर्मिनेट कर दिया था। लेकिन टीम के खिलाड़ियों को नई टीम सनराइजर्स हैदराबाद के तहत बरकरार रखा गया था। टीम का कप्तान कुमार संगकारा को बनाया गया। हैदराबाद ने शुरू के 7 में 5 मैचों में जीत दर्ज की थी। हालाँकि यह शानदार प्रदर्शन उन्होंने गेंदबाजों की बदौलत किया था।
टीम के बल्लेबाज और कप्तान संगकारा का प्रदर्शन काफी खराब था। संगकारा ने 9 पारियों में मात्र 120 रन बनाये और प्लेऑफ की रेस में बने रहने के लिए संगकारा ने खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया। टीम कैमरून वाइट की कप्तानी में आखिर के 4 में से 3 मैच जीतकर प्लेऑफ तक पहुंची।
#1 शिखर धवन
2014 सीजन से पहले सनराइजर्स हैदराबाद ने सिर्फ शिखर धवन और डेल स्टेन को रिटेन करने फैसला किया था। फ्रैंचाइजी ने नीलामी में डेविड वॉर्नर, एरोन फिंच, केएल राहुल और भुवनेश्वर कुमार जैसे क्वालिटी प्लेयर्स खरीदे। धवन को टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उनके पास एक मजबूत स्क्वाड था और उस सीजन में अच्छा करने की उम्मीद थी।
कप्तानी के दवाब में धवन का बल्ले से प्रदर्शन खास नहीं रहा और इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ रहा था। अपने खराब प्रदर्शन को देखते हुए धवन ने कप्तानी की जिम्मेदारी बीच सीजन ही डैरेन सैमी को सौंप दी। हालाँकि टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी और लीग स्टेज से बाहर हो गयी।