टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का सबसे कठिन प्रारूप माना जाता है। एक बल्लेबाज की असली परीक्षा टेस्ट मैच में होती है और खासकर चौथी पारी में बल्लेबाजी करना तो खासा मुश्किल हो जाता है। टेस्ट मैच की चौथी पारी में रन बनाने में बल्लेबाजों को काफी संघर्ष करना पड़ता है।
28 बल्लेबाज ऐसे हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में 1000 से ज्यादा रन बनाये हैं। इन बल्लेबाजों में पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन का नाम भी है। सचिन ने टेस्ट की चौथी पारी में 3 शतक जड़े हैं मगर उनके नाम टेस्ट मैच की चौथी पारी में एक भी दोहरा शतक नहीं दर्ज है।
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इस आर्टिकल के माध्यम से हम उन खिलाड़ियों के बारे में चर्चा करने जा रहे जिन्होंने टेस्ट मैच की चौथी पारी में दोहरा शतक बनाया है:
#5 गॉर्डन ग्रीनिज (वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड 1984 में लॉर्ड्स में): 214 नाबाद
1983-84 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से पीछे होने के बाद इंग्लैंड के कप्तान डेविड गोवर ने दूसरे टेस्ट के पांचवे दिन वेस्टइंडीज के लिए 78 ओवर में 342 रन का लक्ष्य दिया। पहली पारी में वेस्टइंडीज को 245 रन पर आउट आउट करने के बाद इंग्लैंड की टीम उम्मीद कर रही थी कि वो मैच जीतेंगे या फिर ड्रॉ जायेगा। हालाँकि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और यह बात सही साबित हुयी।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की तरफ से ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज ने चौथी पारी में एक ऐतिहासिक पारी खेली वेस्टइंडीज को जीत दिलाई। ग्रीनिज ने टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक जमाया। अपनी 214 रनों की नाबाद पारी में उन्होंने 29 चौके और 2 छक्के लगाए। उनकी इस पारी की वजह से वेस्टइंडीज ने यह मैच 9 विकेट से जीता।
#4 विलियम एडरिच (इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका डरबन में 1939): 219
विलियम एडरिच उन 18 खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 39000 से ज्यादा रन बनाये हैं। एडरिच की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच 1938-39 सीरीज के पांचवें मैच में आई थी। यह मैच डरबन के किंग्समीड में खेला गया था। यह वह समय था जब टीमें एक टेस्ट मैच तब खेलती थी जब तक उसका कोई नतीजा नहीं निकलता था।
पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने 530 रन बनाये और इंग्लैंड को पहली पारी में 316 रन पर ऑलआउट कर दिया था। इसके बाद इंग्लैंड को फॉलोआन दिए बिना दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी बार बल्लेबाजी की और दूसरी पारी में 481 रनों पर पूरी टीम ढेर हो गयी। इंग्लैंड को जीत के लिए 696 रनों का लक्ष्य दिया।
सलामी बल्लेबाज के आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए एडरिच टेस्ट इतिहास के दूसरा खिलाड़ी बन गए जिन्होंने चौथी पारी में दोहरा शतक बनाया। जब वह 219 रन बनाकर आउट हुए , तब इंग्लैंड ने बोर्ड पर 447-3 रन लगा दिए थे। बाद में दोनों कप्तानों की आपसी सहमति से मैच ड्रॉ कर दिया गया।
# 3 सुनील गावस्कर (भारत बनाम इंग्लैंड, लंदन, 1979): 221
सुनील गावस्कर सभी चार पारियों में दोहरा शतक बनाने वाले टेस्ट इतिहास के एकमात्र खिलाड़ी हैं। गावस्कर ने 1979-80 में भारत और इंग्लैंड के बीच लंदन के केनिंग्टन ओवल के चौथे टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक बनाया था। इंग्लैंड के 305 के जवाब में, भारत की पहली पारी 202 रनों पर सिमट गयी और इंग्लैंड को 103 रनों की पहली पारी की बढ़त हासिल हुयी। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 334-8 पर घोषित की और भारत को 438 रन का टारगेट दिया।
जवाब में मैच के चौथे दिन भारत ने बिना विकेट खोये 76 रन बना लिए और सभी को मैच के ड्रॉ होने की उम्मीद थी। गावस्कर ने 443 गेंदों में 221 रन बनाये और मैच ड्रॉ करने में अहम भूमिका निभाई।
#2 नैथन एस्टल ( न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड, 2002 में क्राइस्टचर्च में): 222
नैथन एस्टल की यह पारी क्राइस्टचर्च में इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में खेले गए पहले टेस्ट की चौथी पारी में आयी थी। पहली पारी में न्यूजीलैंड को 147 रन पर ऑलआउट करने के बाद इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने 550 रनों का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड लगातार विकेट खोती रही लेकिन एस्टल ने दूसरे छोर से रन बनाना जारी रखा। एस्टल ने मात्र 153 गेंदों में दोहरा शतक जड़ दिया। एस्टल 222 रन बनाकर आउट हो गए और अंत में न्यूजीलैंड मैच हार गयी।
#1 जॉर्ज हेडली (वेस्ट इंडीज बनाम इंग्लैंड सबीना पार्क, 1930): 223
इंग्लैंड ने सबीना पार्क में अपने 1929-30 के वेस्टइंडीज दौरे के चौथे टेस्ट में पहली पारी में 849 रन बनाये और जवाब में मेजबानों को 286 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इंग्लैंड ने इसके बाद दोबारा बल्लेबाजी की और 272-9 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। इस तरह वेस्टइंडीज को जीतने के लिए 835 रन का लक्ष्य मिला।
वेस्टइंडीज के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये जॉर्ज हेडली ने 385 गेंदों में 223 रन बनाये। टेस्ट की चौथी पारी में आज भी व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड हेडली के नाम है।