आरंभ से ही ऑस्ट्रेलिया इस खेल का एक मजबूत पक्ष रहा है। 20 वीं और 21वीं सदी के अधिकांश हिस्से में इस खेल के तीनों प्रारूप खासकर टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने विश्व क्रिकेट को एडम गिलक्रिस्ट, डॉन ब्रैडमैन, रिकी पोंटिंग, शेन वॉर्न, ग्लेन मैकग्राथ, ब्रेट ली जैसे एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ियों को दिया है जो ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट जगत में एक नई ऊंचाई पर ले कर गए।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का स्वरूप पिछले कई वर्षों में काफी बदल गया है। रिकी पोंटिंग और माइकल क्लार्क की क्रिकेट से अलविदा कहने के बाद से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अपने गिरावट पर है और यह अब तक के अपने सबसे खराब स्तर पर तक पहुंची जब 2018 में डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ को गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले में दोषी पाया गया और उन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 1 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। ऑस्ट्रेलियाई टीम क्रिकेट का सबसे मजबूत खेमा मानी जाती रही है।
शायद ही कभी उन्होंने अपने घर में कोई टेस्ट सीरीज हारी हो। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1988 के बाद से ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने देश में केवल छह बार टेस्ट सीरीज में हार का सामना किया है। किसी भी अन्य देश के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा सबसे कठिन माना जाता है। हर टीम का एक सपना होता है कि वह ऑस्ट्रेलिया में जाकर उनके खिलाफ टेस्ट सीरीज जीते हालांकि ऐसा करना सबके लिए मुमकिन नहीं है। कई तो ऐसे कप्तान हुए जिन्हें ऑस्ट्रेलिया में कभी भी सफलता नहीं मिली।
हालांकि आज हम ऐसे कप्तानों के बारे में बात करने वाले हैं जो 1988 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीते हैं।
#6. सर विवियन रिचर्ड्स, वेस्टइंडीज
एक समय था जब वेस्टइंडीज विश्व के प्रमुख टीमों में से एक थी। उस समय वेस्टइंडीज टीम में गॉर्डन ग्रीनिज, कार्ल हूपर, विवियन रिचर्ड्स, डेस्मंड हेन्स, कर्टली एम्ब्रोस, कॉर्टनी वाल्श जैसे बेहतरीन खिलाड़ी हुआ करते थे। उन्होंने हर जगह निर्भीक क्रिकेट खेला।
1988/89 में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। सर विवियन रिचर्ड्स की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के प्रभुत्व को ध्वस्त करते हुए मेजबान को 3-1 से करारी शिकस्त दी थी। श्रृंखला के पहले तीन मुकाबले एकतरफा थे क्योंकि वेस्टइंडीज हर विभाग में आस्ट्रेलिया पर हावी रहा। ऑस्ट्रेलिया ने चौथे टेस्ट में वापसी की लेकिन श्रृंखला के नतीजे को बदलने में नाकाम रहा।
कर्टली एंब्रोस ने श्रृंखला में सर्वाधिक 26 विकेट लिए वहीं डेसमंड हेंस बल्लेबाजी के मामलों में अग्रणी रहे।
#5. सर रिची रिचर्डसन, वेस्टइंडीज
वेस्टइंडीज ने 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। यह टक्कर बेहद कांटे की मानी जा रही थी। सीरीज के पहले मैच में अंतिम दिन वेस्टइंडीज ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 231 रन पर 8 विकेट खो दिए थे लेकिन पहला टेस्ट ड्रॉ रहा।
हालांकि दूसरे मुकाबले में मार्क वॉग और एलन बॉर्डर के शानदार शतकों के बदौलत ऑस्ट्रेलिया 139 रनों से जीत दर्ज करते हुए श्रृंखला में बढ़त बना ली थी। तीसरे टेस्ट में दोनों टीमों ने अपनी पहली पारी में 500 से अधिक रन बनाए थे और यह मैच ड्रा रहा। लेकिन वेस्टइंडीज ने चौथे टेस्ट मैच को महज 1 रन से जीता।
यह मुकाबला वेस्टइंडीज के लिए सबसे बेहतरीन मुकाबलों में से एक बन गया क्योंकि वेस्टइंडीज ने इस जीत के लिए 185 रन का बचाव करते हुए महज 1 रन से जीता था। पर्थ में हुए अंतिम मुकाबले में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 25 रनों से हरा दिया और इस तरह रिची रिचर्ड्सन की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से पराजित किया।
#4. एंड्रू स्ट्रॉस, इंग्लैंड
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड शुरुआत से ही इस खेल में एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। 2010/11 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया था। ब्रिसबेन में खेल गया पहला मुकाबला ड्रॉ रहा लेकिन दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड ने बेहतरीन वापसी करते हुए पारी और 71 रनों से जीत दर्ज की जिसमें केविन पीटरसन के 227 रन और एलिस्टर कुक के शानदार शतक का अहम योगदान रहा।
पर्थ में हुए तीसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पलटवार करते हुए माइक हसी के शानदार 116 और 61 रनों की बदौलत जीत दर्ज करते हुए इंग्लैंड को 227 रनों से हराकर श्रृंखला के पहले मैच का बदला पूरा कर लिया। लेकिन इंग्लैंड ने चौथे और पांचवें टेस्ट मैं जीत दर्ज करते हुए ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज में 3-1 से हरा दिया।
इंग्लैंड ने चौथा टेस्ट पारी और 157 रनों वही पांचवा टेस्ट पारी और 83 रनों के अंतर से जीता। कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस ने पूरे सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया। वही एलिस्टर कुक ने पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज में 766 रन बनाए थे।
#3. ग्रीम स्मिथ, दक्षिण अफ्रीका
इस सूची में अगले कप्तान है साउथ अफ्रीका के बेहतरीन खिलाड़ी ग्रीम स्मिथ। पिछले 30 सालों में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट श्रृंखला जीतने वाले ग्रीम स्मिथ दुनिया के एकमात्र कप्तान है। उन्होंने यह कारनामा पहली बार 2008/09 में दक्षिण अफ्रीका के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 2-1 श्रृंखला से जीत कर किया था।
पर्थ में खेले गए पहले मुकाबले के चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका ने 414 रनों का सफलतापूर्वक पीछा किया जो इतिहास में दर्ज हो गया। वहीं दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट मुकाबले में 9 विकेट से जीत दर्ज की। 2012 मैं दक्षिण अफ्रीका ने ग्रीम स्मिथ की कप्तानी में एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया।
ग्रीम स्मिथ ने अपने कारनामे को दोहराया जब दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया। पहले दो टेस्ट मुकाबलों का नतीजा ड्रा रहा। वहीं तीसरे और अंतिम मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने आस्ट्रेलिया को 309 रनों बड़े अंतर से हराकर सीरीज अपने नाम कर ली।
#2. फाफ डू प्लेसी, दक्षिण अफ्रीका
पिछले कुछ दशकों में जहां एक ओर विश्व के अन्य देश ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ संघर्षरत नजर आये वहीं दक्षिण अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया को हर मोर्चे पर चुनौती देता दिखा चाहे वह अपने देश में खेल रहे हो या किसी अन्य देश में।
पिछले 30 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतने वाले फाफ डू प्लेसी दक्षिण अफ्रीका के दूसरे कप्तान बने जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका को आस्ट्रेलियाई धरती पर लगातार तीसरे टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज कराई। फाफ डू प्लेसी के नेतृत्व में किए गए इस दौरे के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने 177 रनों के विशाल अंतर से विजय प्राप्त किया।
वहीं दूसरे मुकाबले में काइल एबट के 9/118 और क्विंटन डी कॉक के धमाकेदार शतक की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 80 रनों से हराया। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टेस्ट में वापसी की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। फाफ डू प्लेसिस ने दक्षिण अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीसरी बार टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज की।
#1. विराट कोहली, भारत
विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराने वाली सबसे हालिया टीम है। भारत एक अपेक्षाकृत अनुभवहीन टीम के साथ श्रृंखला खेलने उतरा था। इस सीरीज के लिए विराट कोहली पर बतौर कप्तान बहुत दबाव था।
भारत ने सीरीज की शुरुआत एडिलेड में एक बड़ी जीत के साथ की लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए भारत को हरा दिया। शुरुआती बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कोहली ने मेलबर्न टेस्ट के लिए अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों को छोड़ने का बड़ा फैसला किया और मौका मिला पदार्पण कर रहे मयंक अग्रवाल को।
मयंक अगरवाल और हनुमा विहारी को पारी खोलने का अवसर मिला। भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों के साझा प्रदर्शन की वजह से भारत ने तीसरे मुकाबले में जीत दर्ज करते हुए 2-1 से बढ़त बना ली। सिडनी में हुआ अंतिम टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ के रूप में समाप्त हुआ। इसी के साथ भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट श्रृंखला में जीत हासिल की और भारत ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने वाला पहला एशियाई देश बन गया और विराट कोहली ऐसे करने वाले पहले एशियाई कप्तान।