6 दिग्गज खिलाड़ी जो आईपीएल में फाइनल खेले बिना ही बने चैंपियन

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आईपीएल विश्व की सबसे चर्चित टी20 लीग है। जिसमें देश-विदेश के कई खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। उनमें से कई खिलाड़ियों का भविष्य बहुत दिनों तक रहता है तो वहीं कई खिलाड़ियों का करियर जल्दी ही समाप्त हो जाता है। आईपीएल में अब तक बहुत कम ही ऐसे ख़िलाड़ी बचे हैं जिन्होंने अपना करियर 2008 में शुरू किया था और अब तक वे आईपीएल का हिस्सा हों।

कई खिलाड़ी आईपीएल इतिहास में ऐसे भी रहे जिन्होंने पूरे सीजन आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके आईपीएल का खिताब जिताने में अपने टीम की मदद की लेकिन कई ऐसे भी खिलाड़ी हैं जो पूरे सीजन में ज्यादा मैच नहीं खेले लेकिन उनकी टीम फाइनल जीत गई और वे चैंपियन बन गए।

आज हम आपको ऐसे ही 6 दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आईपीएल में बिना फाइनल खेले ही चैंपियन बन गए।

वीवीएस लक्ष्मण (2009):

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वीवीएस लक्ष्मण ने अपना आईपीएल करियर डेक्कन चार्जर्स की ओर से 2008 में शुरू किया था। उन्हें उस सीजन डेक्कन चार्जर्स का कप्तान बनाया गया था लेकिन खराब प्रदर्शन के कारण उन्होंने बीच में ही कप्तानी छोड़ दी जिसके बाद एडम गिलक्रिस्ट को कप्तान बनाया गया। वीवीएस लक्ष्मण ने साल 2010 तक डेक्कन चार्जर्स का प्रतिनिधित्व किया था।

एडम गिलक्रिस्ट की अगुवाई में साल 2009 में डेक्कन चार्जर्स ने आईपीएल का खिताब जीता था, यह आईपीएल का दूसरा संस्करण था। उस सीजन वीवीएस लक्ष्मण ने मात्र 5 मैचों में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 3.80 की औसत से मात्र 19 रन बनाए थे। 2009 का आईपीएल फाइनल जोहान्सबर्ग में डेक्कन चार्जर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच खेला गया था। जिसमें डेक्कन चार्जर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 143 रन बनाए थे जबकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर लक्ष्य का पीछा करते हुए मात्र 137 रन ही बना सकी। मजेदार बात यह है कि वीवीएस लक्ष्मण इस मैच में डेक्कन चार्जर्स टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन फिर भी वे चैंपियन बन गए।

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ब्रेंडन मैकलम (2012):

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ब्रेंडन मैकलम ने अपना आईपीएल करियर 2008 में कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से शुरू किया था। उन्होंने 2008-10 और 2012-13 तक कोलकाता नाइटराइडर्स टीम का प्रतिनिधित्व किया था। साल 2012 में ब्रेंडन मैकलम ने 12 मैचों 24.08 की औसत से 289 रन बनाए थे।

साल 2012 में कोलकाता नाइटराइडर्स में गौतम गंभीर की अगुवाई में पहली बार आईपीएल का खिताब जीता था। 2012 का आईपीएल फाइनल कोलकाता नाइटराइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया था। दिग्गज कीवी बल्लेबाज ब्रेंडन मैकलम इस मैच का हिस्सा नहीं थे। लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स के खिताब जीतने पर वे भी चैंपियन बन गए।

सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग (2013):

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सचिन तेंदुलकर ने अपना आईपीएल करियर 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से शुरू किया था जबकि रिकी पोंटिंग ने अपना आईपीएल करियर 2008 में कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से शुरू किया था। साल 2013 में जब मुंबई इंडियंस ने पहली बार आईपीएल का खिताब जीता था तब सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग मुंबई टीम का हिस्सा थे।

सचिन तेंदुलकर ने उस सीजन 14 मैचों में 22.07 की औसत से 287 रन बनाए थे जबकि रिकी पोंटिंग ने 6 मैचों की 5 पारियों में 10.80 की औसत से 52 रन बनाए थे। ये दोनों दिग्गज बल्लेबाज चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हुए फाइनल मैच में मुंबई की टीम का हिस्सा नहीं थे। लेकिन मुंबई इंडियंस टीम के जीतने पर तेंदुलकर और पोंटिंग भी चैंपियन बने।

आशीष नेहरा (2016):

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भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज गेंदबाज आशीष नेहरा ने अपना आईपीएल करियर 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से शुरू किया था। साल 2016-17 तक वे सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा रहे। साल 2016 में आशीष नेहरा ने सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए 8 मैचों में 22.01 की औसत से 9 विकेट चटकाए।

साल 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से फाइनल खेला था जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद को 7 रन से जीत हासिल हुई थी। आशीष नेहरा फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद के चैंपियन बनने के कारण नेहरा भी चैंपियन बने।

हरभजन सिंह (2017 & 2018):

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दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जो दो बार बिना आईपीएल का फाइनल खेले चैंपियन बने थे। हरभजन सिंह ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत साल 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से किया था। वे 2017 तक मुंबई टीम का हिस्सा थे फिर वे 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा बने। साल 2017 में हरभजन सिंह ने मुंबई की ओर से 11 मैचों 33.25 की औसत से 8 विकेट चटकाए थे जबकि साल 2018 में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हुए 13 मैचों की 12 पारियों में 38.57 की औसत से 7 विकेट चटकाए थे।

साल 2017 में मुंबई इंडियंस ने जब मुंबई इंडियंस ने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ फाइनल खेला था तब हरभजन सिंह उस टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन मुम्बई के चैंपियन बनने के कारण हरभजन सिंह भी चैंपियन बने थे।

साल 2018 में जब चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फाइनल खेला तो भी हरभजन सिंह की जगह कर्ण शर्मा को मौका दिया गया था लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के चैंपियन बनने के कारण हरभजन सिंह भी चैंपियन बने।

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