इंडियन प्रीमीयर लीग (आईपीएल) भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए हमेशा से मनोरंजन और रोमांच का एक प्रमुख स्रोत रहा है। 2018 में टूर्नामेंट अपने 11वें संस्करण में प्रवेश करने जा रही है और इसी के साथ दर्शकों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि अभी तो रोमांच होने वाले नीलामी को लेकर ही बना हुआ है।
आईपीएल सिर्फ भारतीय दर्शकों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए मनोरंजन का सबसे बड़ा स्रोत है। आईपीएल का हर सत्र पिछले सत्र से बेहतर होता है। हर साल इस टूर्नामेंट में हम कुछ महान और आश्चर्यजनक प्रदर्शनों के गवाह बनते हैं। तो आज चर्चा आईपीएल में हुए ऐसे ही कुछ प्रदर्शनों की:
#8 डेविड मिलर, 101 रन (किंग्स इलेवन पंजाब बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर)
यह पारी निश्चित रूप से आईपीएल में खेली गई सबसे बड़ी पारियों में से एक है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के 191 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी किंग्स इलेवन पंजाब की टीम एक समय 64/4 के स्कोर पर बुरी तरह से जूझ रही थी। पंजाब टीम को जीत की कोई आश नजर नहीं आ रही थी। लेकिन 10वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए डेविड मिलर ने एक करिश्माई पारी खेल अपने टीम को जीत दिला दिया।
पारी की शुरूआत में उनको एक जीवनदान मिला जब विराट कोहली ने उनका एक कैच टपका दिया। इसके बाद मिलर ने इस जीवनदान का बखूबी फायदा उठाया और आरसीबी के हर गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
आरसीबी के गेंदबाजों ने उनको आउट करने की बहुत कोशिश की लेकिन सब बेकार हो गया। इस प्रदर्शन के कारण पंजाब ने 10 ओवरों में आवश्यक 130 रनों के लगभग असंभव लक्ष्य को 18 वें ओवर में ही हासिल कर लिया।
मिलर ने आईपीएल के इतिहास में तीसरा सबसे तेज शतक बनाया। उन्होंने 38 गेंदों में 101 रन बनाए और अपनी टीम को जीत दिला दी। इस पारी के बाद डेविड मिलर क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा नाम बन गए।
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#7 एबी डीविलियर्स, 47 (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम डेक्कन चार्जर्स, 2012)
47 रनों की पारी को कभी भी बड़ा या महान पारी नहीं कहा जा सकता, लेकिन यहां पर मामला कुछ अलग है। क्योंकि इस पारी में एबी डीविलियर्स ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक डेल स्टेन की बखिया उधेड़ कर रख दी थी और इस पारी को कोई भी क्रिकेट प्रेमी नहीं भूल सकता।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को इस मैच में एक समय 18 गेंदों पर 38 रन चाहिए थे। यह एक प्राप्त करने योग्य लक्ष्य लग सकता है। लेकिन अगर इन तीन ओवरों में से दो ओवर डेल स्टेन को डालने हो तो इसे इतना आसान भी नहीं कहा जा सकता। खासकर तब जब स्टेन ने अपने पहले दो ओवरों में सिर्फ सात रन ही दिए हो। लेकिन इस मुश्किल लक्ष्य को आसान बना डाला मिस्टर 360 डिग्री कहे जाने वाले डीविलियर्स ने।
डीविलियर्स ने टीम की जरूरत के 38 रनों में से 23 रन 18 वें ओवर में ही बना दिए। डीविलियर्स ने इस ओवर में दर्शकों को हैरान और गेंदबाज को परेशान कर देने वाले शॉट्स खेले। यह आश्चर्यजनक दिनों में से एक था जब डेल स्टेन ने एक ओवर में 23 रन दिए हो। इस ओवर की वजह से आरसीबी को 20 वें ओवर का सामना करने की जरूरत ही नहीं पड़ी और उन्होंने 19 वें ओवर में ही मैच को जीत लिया।
जिस दबाव के समय और जिस गेंदबाजी आक्रमण के सामने डीविलियर्स ने यह 47 रनों की पारी खेली थी उसे कतई भी आसान नहीं कहा जा सकता। इस कारण वह इस सूची में जगह बनाने में सफल हुए।
#6 वीरेन्दर सहवाग, 119 (दिल्ली डेयरडेविल्स बनाम डेक्कन चार्जर्स, 2012)
आईपीएल सीजन 5 में हैदराबाद की टीम डेक्कन चार्जर्स बुरी तरह से संघर्ष कर रही थी। उन्होंने लंबे समय में अपने घर में एक भी मैच नहीं जीता थी। इस मैच में डेक्कन के प्रशंसकों ने सोचा कि वे जीत के काफी करीब हैं क्योंकि डेक्कन के बल्लेबाजों ने बोर्ड पर 175 रन का स्कोर टांग दिया था।
दिल्ली डेयरडेविल्स की शुरूआत भी खराब रही और वह छठे ओवर में 25/3 के स्कोर पर संघर्ष कर रहा था। लेकिन इसके बाद जो हुआ उसे सहवाग का करिश्मा ही कह सकते हैं।
सहवाग ने इसके बाद अपने शॉट्स खेलने शुरू किए और जल्द ही डेक्कन चार्जर्स की टीम दबाव में आ गई। सहवाग ने पूरी तरह से डेक्कन के गेंदबाजी लाइन-अप को बिखेर कर रख दिया, जिसमें डेल स्टेन, इशांत शर्मा और अमित मिश्रा जैसे बड़े नाम शामिल थे।
सहवाग ने अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म का प्रदर्शन करते हुए ट्रैविस बर्ट के साथ चौथे विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी कर डाली। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन 61 रनों में बर्ट के केवल 4 रन थे।
सहवाग ने शानदार शतक जड़ते हुए अपने तथ्य यह है कि इस पारी को और भी अधिक खास बना दिया। दिल्ली इस मैच से पहले 'करो या मरो' की स्थिति में थी। उन्हें टूर्नामेंट में बने रहने के लिए सिर्फ जीतने का विकल्प था और सहवाग की आतिशी पारी की बदौलत वह ऐसा करने में कामयाब भी रहा।
#5 एबी डीविलियर्स, 129 (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर बनाम गुजरात लॉयंस, 2016)
कोई भी क्रिकेट प्रशंसक डीविलियर्स द्वारा आईपीएल 2016 में गुजरात लायंस के खिलाफ खेले गए इस पारी को आसानी से नहीं भूल सकता। क्रिस गेल और विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के लिए ओपनिंग करने आए। हालांकि गेल कुछ ज्यादा देर तक नहीं टिक सके और गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए सिर्फ चौथे ओवर में ही पवेलियन वापिस लौट गए ।
इसके एबी डीविलियर्स क्रीज पर आए और आते ही छा गए। उनके खेल ने गुजरात के लिए दुःस्वप्न और आरसीबी प्रशंसकों के लिए खुशी का काम किया। उन्होंने पहले ओवर में ही शिविल कौशिक पर एक्स्ट्रा कवर की दिशा में छक्का जड़ा। जब वह चौथे ओवर में बैटिंग के लिए आए थे तो आरसीबी बुरी तरह से संघर्ष कर रहा था लेकिन सातवें ओवर के अंत तक डीविलियर्स ने आरसीबी को विनिंग ट्रैक पर ला दिया।
डीविलियर्स ने 12 छक्के जड़े, जो उस सीजन में एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के का रिकॉर्ड बना। उन्होंने कोहली के साथ मिलकर टीम को 248 रन तक पहुंचाया, जो कि आईपीएल में दूसरा सर्वोच्च स्कोर है।
#4 विराट कोहली, 109 (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर बनाम गुजरात लॉयंस, 2016)
आईपीएल 2016 के दौरान विराट कोहली यकीनन अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे। वह इस सीजन में शतक ऐसे बना रहे थे जैसा कि शतक बनाना कोई मजाक हो।उन्होंने आईपीएल के इस सीजन में चार शतक जड़े थे। यह एक ऐसी उपलब्धि थी जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।
गुजरात के खिलाफ जिस मैच में डीविलियर्स ने 129 रन की पारी खेली थी उस मैच में विराट ने भी ने 109 रनों की पारी खेली। यह विराट का इस सीजन का तीसरा शतक था। इसके साथ वह आईपीएल के एक सीजन में तीन शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए थे।
विराट के इस सीजन के चार शतकों में यह शतक सर्वश्रेष्ठ था। पारी के दौरान विराट ने सिर्फ स्ट्राइक रोटेटर की भूमिका निभाई क्योंकि दूसरे छोर से एबी डीविलियर्स गेंदों को धमाकेदार तरीके से सीमा पार कर रहे थे। गेल के शुरुआती ओवरों में ही आउट हो जाने के बाद विराट ने एक साझेदारी के निर्माण पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
16 ओवर के समाप्त होने पर विराट सिर्फ 51 रन बनाकर खेल रहे थे। इस तरह शतक कहीं से भी संभव नहीं दिख रहा था। लेकिन विराट ने सिर्फ 13 गेंदों में अपना दूसरा अर्धशतक पूरा कर शतक पूरा किया। विध्वंस करते हुए उन्होंने एक ओवर में 30 रन बनाए, उन्होंने एबी के साथ 229 रन की साझेदारी की, जो टी-20 में सर्वोच्च साझेदारी है।
#3 वीरेंदर सहवाग, 122 (किंग्स इलेवन पंजाब बनाम चेन्नई सुपर किंग्स, 2014)
आईपीएल के सातवें सीजन में सहवाग गजब के फॉर्म में थे और गेंद पर बहुत अच्छी तरह से प्रहार कर रहे थे। हालांकि वह अच्छी शुरूआत को एक बड़ी पारी में नहीं बदल पा रहे थे।
लेकिन इस मैच में वह शुरूआत को एक बड़ी पारी में बदलने में सफल रहें। यह पारी भी उस समय आई जब उनकी टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी। पंजाब की टीम सीजन के पहले क्वालीफायर में सीएसके के खिलाफ खेल रही थी। इससे पहले पंजाब कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था। लेकिन इस बार वह फाइनल में पहुंचने की उम्मीद कर रहा था क्योंकि वह पूरे सीजन में अच्छा खेला था।
इस दबाव भरे मैच में सहवाग ने एक ऐसी पारी खेली कि हर्षा भोगले को कहने के लिए मजबूर किया कि, "यदि आप सहवाग के इस खेल को नहीं देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपको क्रिकेट ही पसंद नहीं है।"
उन्होंने सीएसके के गेंदबाजों की इतनी धुनाई कि 11 से कम के इकोनॉमी रेट वाले एकमात्र गेंदबाज ईश्वर पांडे बचे। हालांकि उनका भी इकोनॉमी रेट 8.75 था। सहवाग ने 58 गेंदों में 122 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 8 विशाल छक्के और 12 चौके जड़े थे।
#2 सुरेश रैना, 87 (चेन्नई सुपर किंग्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब, 2014)
सहवाग की 122 रनों की पारी की बदौलत सीएसके 227 रनों का विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहा था। सीएसके की शुरूआत भी खराब रही और वह सिर्फ एक रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवा चुके थे। फाफ डू प्लेसिस ने गोल्डेन डक पर आउट हुए थे। इसके बाद सुरेश रैना क्रीज पर आए।
विशाल लक्ष्य के दबाव के बीच सुरेश रैना ने एक ऐसी पारी खेली जो निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ में से एक है। वह क्रीज पर ऐसे आए जैसे कि वह किसी मिशन पर आए हो। उन्होंने आते ही गेंदबाजों की धुनाई शुरू कर दी। कुछ ओवरों के भीतर ही पंजाब के गेंदबाजों को पता ही नहीं था कि अब क्या करना है। रैना इन गेंदबाजों के साथ जैसे खेल रहे थे।
रैना ने सिर्फ 25 गेंदों में 87 रन की पारी खेली। इन 87 रनों में उन्होंने 12 चौके और 6 छक्के लगाए। दूसरे शब्दों में उन्होंने अपने 87 रनों में 84 रन सिर्फ बॉउंड्रीज से बनाए। उन्होंने 348 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो वास्तव में अविश्वसनीय था। सभी का मानना था कि सीएसके जीतने जा रहा है लेकिन तभी रैना रन आउट हो गए।
जिस तेजी से रैना खेल रहे थे, लग रहा था कि वह गेल के 30-बॉल के सबसे तेज शतक के रिकॉर्ड का तोड़ देंगे। लेकिन किस्मत को उस दिन शायद यह मंजूर नहीं था।
#1 क्रिस गेल, 175 (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम पुणे वॉरियर्स, 2013)
हर कोई क्रिस गेल को बल्लेबाजी का दैत्य कहता है। उनको गेंदबाजों का बखिया उधेड़ने के लिए खास तौर पर जाना जाता है। लेकिन इस पारी में गेल अपने विध्वंसकारी स्वरूप को एक नए स्तर पर ले गए। यह दिन कोई क्रिकेट प्रेमी नहीं भूल सकता है जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में गेल गेंदों को सीमापार भेज रहे थे और क्षेत्ररक्षक हास्यास्पद रूप से मूक-दर्शक बने खड़े थे। उस दिन गेल के सलामी जोड़ीदार तिलकरत्ने दिलशान भी एक दर्शक की तरह ही लग रहे थे।
गेल ने इस मैच में 175 रन बनाए, जो टी -20 मैचों में लगभग असंभव सा दिखता था। अपने 175 रन के विशाल स्कोर में गेल ने 17 छक्के लगाए। सरल शब्दों में उन्होंने 175 रनों में से 102 रन सिर्फ छक्कों की मदद से बनाए थे। वास्तव में इस दिन क्रिस गेल किसी भी गेंदबाज को माफ करने के मूड में नहीं थे। उन्होंने सिर्फ 30 गेंदो में तीन अंकों की संख्या को पार किया। इस रिकॉर्ड पारी की मदद से बैंगलोर ने 263/5 के स्कोर का रिकॉर्ड बनाया।
इस पारी ने दुनिया को यह महसूस कराया कि क्रिस गेल के विध्वंस की कोई सीमा नहीं है। यह एक दिन का 'गेल शो' था। इस सूची में कुछ अन्य पारियों का भी उल्लेख जरूरी है - जैसे-ब्रेंडन मैकुलम, 158 (केकेआर बनाम आरसीबी, 2008) और एबी डीविलियर्स, 133 (आरसीबी बनाम मुंबई इंडियंस)।