#2 सुरेश रैना, 87 (चेन्नई सुपर किंग्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब, 2014)
सहवाग की 122 रनों की पारी की बदौलत सीएसके 227 रनों का विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहा था। सीएसके की शुरूआत भी खराब रही और वह सिर्फ एक रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवा चुके थे। फाफ डू प्लेसिस ने गोल्डेन डक पर आउट हुए थे। इसके बाद सुरेश रैना क्रीज पर आए।
विशाल लक्ष्य के दबाव के बीच सुरेश रैना ने एक ऐसी पारी खेली जो निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ में से एक है। वह क्रीज पर ऐसे आए जैसे कि वह किसी मिशन पर आए हो। उन्होंने आते ही गेंदबाजों की धुनाई शुरू कर दी। कुछ ओवरों के भीतर ही पंजाब के गेंदबाजों को पता ही नहीं था कि अब क्या करना है। रैना इन गेंदबाजों के साथ जैसे खेल रहे थे।
रैना ने सिर्फ 25 गेंदों में 87 रन की पारी खेली। इन 87 रनों में उन्होंने 12 चौके और 6 छक्के लगाए। दूसरे शब्दों में उन्होंने अपने 87 रनों में 84 रन सिर्फ बॉउंड्रीज से बनाए। उन्होंने 348 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो वास्तव में अविश्वसनीय था। सभी का मानना था कि सीएसके जीतने जा रहा है लेकिन तभी रैना रन आउट हो गए।
जिस तेजी से रैना खेल रहे थे, लग रहा था कि वह गेल के 30-बॉल के सबसे तेज शतक के रिकॉर्ड का तोड़ देंगे। लेकिन किस्मत को उस दिन शायद यह मंजूर नहीं था।