Alastair Cook supports Ravindra Jadeja-Washington Sundar decision: मैनचेस्टर टेस्ट का पांचवां दिन बेहद रोमांचकारी रहा। भारत यह मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा। मैच के अंतिम पलों में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने रवींद्र जडेजा को मैच खत्म करने का अनुरोध किया।जडेजा ने स्टोक्स की बात नहीं मानी और मैच चलता गया और तब तक चला जब तक वाशिंगटन सुंदर का शतक पूरा नहीं हुआ। इस वजह से स्टोक्स और जडेजा की तो कहा-सुनी भी हो गई।रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के साथ हैं एलिस्टेयर कुकइंग्लैंड के दिग्गज एलिस्टेयर कुक ने जडेजा और सुंदर के इस फैसले को सराहा है। उन्होंने कहा कि वो समझते हैं कि जडेजा और सुंदर ने मैदान पर रुककर शतक पूरा करने का फैसला क्यों लिया? बीबीसी स्पोर्ट से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,"उनके लिए खेल जारी रखने का फैसला सही था, क्योंकि उन्हें इससे जो लय मिल रही थी, वह काफ़ी अहम थी। जब आप मैदान पर 140 ओवर तक फील्डिंग कर चुके होते हैं तो जाहिर है कि निराशा होती ही है। इंग्लैंड के लिए ये थोड़ी सी निराशा की बात थी, लेकिन मैं समझता हूं कि भारत ने ऐसा क्यों किया?"अपनी बात जारी रखते हुए कुक ने आगे कहा,"पांच साल बाद जब आप स्कोरकार्ड देखेंगे, तो आपको इस मैच को बचाने के लिए दो शानदार शतक दिखाई देंगे। जाहिर है, शुभमन गिल का शतक भी शामिल है। ऐसे में हैरी ब्रुक की 37 मील प्रति घंटे की गेंद को कोई याद नहीं रखेगा।"बताते चलें कि कुक के अलावा भारतीय कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर ने भी जडेजा के इस फैसले को सराहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा कि रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर अपने शतक के पूरी तरह हकदार थे और उन्हें वह पूरा करने का मौका मिलना चाहिए था। गंभीर ने तो इंग्लैंड की धुलाई कर दी और कहा,"अगर कोई एक बल्लेबाज 90 पर है और दूसरा 85 पर, तो क्या वे अपने शतक के हकदार नहीं हैं? अगर इंग्लैंड के खिलाड़ी इसी स्थिति में होते तो क्या वे मैदान छोड़कर चले जाते? नहीं। हमारे लड़कों ने हर मुश्किल का सामना किया। उन्होंने वो शतक कमाए हैं। हम यहां किसी को खुश करने नहीं आए हैं।"