इंग्लैंड (England Cricket team) के पूर्व कप्तान माइकल वॉन (Michael Vaughan) ने कई क्षेत्रों में प्रकाश डाला, जहां थ्री लायंस की टीम कुछ समय में पिछड़ी है। वॉन का मानना है कि यह गलतियां एशेज 2021 (Ashes Series) अभियान में इंग्लैंड पर भारी पड़ रही हैं।
द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में वॉन ने इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी पर सवाल किया। उनका मानना है कि इंग्लैंड ने टी20 क्रिकेट पर ज्यादा जोर दिया कि खिलाड़ियों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज को छोड़कर आईपीएल में शिरकत की।
वॉन ने ध्यान दिलाया कि कैसे इंग्लैंड ने इस साल की शुरूआत में भारत को चेन्नई में पहले टेस्ट में मात देकर हैरान किया। हालांकि, प्रमुख खिलाड़ियों को शेष कार्यक्रम में आराम देने के फैसले ने संकेत दिया कि उनका ध्यान लाल गेंद क्रिकेट पर नहीं है।
वॉन ने लिखा, 'भारत में गिरावट शुरू हुई जब चेन्नई में इंग्लैंड जीता। इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट पर टी20 को तरजीह दी जब खिलाड़ियों को आराम देना शुरू किया और उस सीरीज में उन्हें रोटेट किया। टी20 टीम को और प्यार की जरूरत नहीं। पिछले कुछ सालों से टेस्ट क्रिकेट ऐसा प्रारूप है, जहां हमेशा ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।'
वॉन ने इंग्लैंड के टीम सेलेक्शन पर भी सवाल किए। उन्होंने कहा कि अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को पहले टेस्ट में नहीं खिलाना मूर्खता थी। वॉन का मानना है कि इंग्लैंड ने इसी प्रकार की एक और गलती की थी कि गर्म परिस्थितियों में स्पिनर को नहीं खिलाया।
उन्होंने कहा, 'ब्रिस्बेन में पहले टेस्ट के लिए सेलेक्शन खराब था और फिर दूसरे टेस्ट, जब उन्हें पता था कि बहुत गर्मी है, तो स्पिनर या ऐसे किसी को शामिल नहीं किया, जो गति प्रदान कर सके।'
इंग्लैंड को सुधार करना जरूरी: माइकल वॉन
वॉन ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि आंकड़ों के आधार पर फैसले लिए गए। 47 साल के वॉन चाहते हैं कि इंग्लैंड की टीम अपनी गलती स्वीकार करे कि उसने बड़ी गलतियां की।
उन्होंने लिखा, 'इंग्लैंड की टीम यहां खेलने के बजाय आंकड़ों और जानकारी पर गई। उदाहरण के लिए स्टुअर्ट ब्रॉड को ब्रिस्बेन में खेलना चाहिए था। उन्हें नहीं चुनना और डेविड वॉर्नर को पहली गेंद अराउंड द विकेट से डालना पूरी तरह बेवकूफी थी।'
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 26 दिसंबर से तीसरा टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा।