Former Pakistan Bolwer Azeem Hafeez story: क्रिकेट में अब तक हमने ऐसी कई भीषण दुर्घटनाओं के बारे में सुना है, जिसके चलते खिलाड़ियों को हमेशा के लिए खेल से दूरी बनानी पड़ी है। हालांकि, महज कुछ क्रिकेटर ही इन आपदाओं से बाहर निकलकर वापसी करने में सफल रहे हैं। आमतौर पर तेज गेंदबाज का करियर अन्य खिलाड़ियों की तुलना में छोटा होता है, क्योंकि उन्हें कई बार चोट और हैमस्ट्रिंग का सामना करना पड़ता है। वहीं, एक गेंदबाज के लिए सबसे अहम उसकी उंगलियां होती हैं, जिसकी मदद से वह अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने का प्रयास करता है। ऐसे में क्या आपने महज तीन उंगली वाले गेंदबाज के बारे में सुना है।
आज हम आपको ऐसे ही एक खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने जन्म से मिली अपनी कमजोरी को सबसे बड़ी ताकत में तब्दील करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज अजीम हफीज की। 1963 में जन्म लेने वाले अजीम की पैदा होने के दौरान से ही दाहिने हाथ की 2 उंगली गायब थीं। हालांकि, अपने आसपास क्रिकेट का बढ़ता क्रेज देखकर उनका झुकाव भी इसकी ओर हो गया। अपने सपने को पूरा करते हुए अजीम गेंदबाजी करने लगे और पिच पर उन्हें सफलता भी मिली। उन्हें मुख्य रूप से एक स्विंग गेंदबाज के रूप में पहचान मिली। इस दौरान अजीम ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, जिसकी बदौलत उन्हें महज 20 वर्ष की आयु में पाकिस्तान टीम में चुना गया और उन्होंने सितंबर 1983 को भारत के खिलाफ अपना डेब्यू किया। अपने डेब्यू मुकाबले में अजीम ने भारतीय दिग्गज कपिल देव का विकेट भी चटकाया था। सीरीज में अजीम ने 10 विकेट अपने नाम किए थे।
अजीम ने पाकिस्तान के लिए खेले कुल 33 अतंरराष्ट्रीय मुकाबले
1983 में भारत के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने के बाद अजीम खान ने पाकिस्तान के लिए कुल 18 टेस्ट और 15 वनडे मुकाबले खेले। इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 63 विकेट हासिल किए, वहीं वनडे में अजीम के नाम 15 विकेट दर्ज हैं। बता दें कि, अजीम बाएं हाथ से गेंदबाजी करते थे और जाहिर तौर पर दाहिने हाथ से गेंद की ग्रिप बनाने में उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा होगा। हालांकि, अपनी कमजोरी को सबसे बड़ी ताकत बनाते हुए अजीम हफीज एक बेहतरीन स्विंग गेंदबाज के रूप में उभरकर सामने आए लेकिन बाद में वसीम अकरम के आगमन से उनका करियर जल्द ही समाप्त हो गया।