पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म (Babar Azam) ने पूर्व कप्तान सरफराज अहमद (Sarfaraz Ahmed) की वापसी पर आखिरकार खुलकर बात की है। पाकिस्तान को 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले पूर्व कप्तान सरफराज अहमद करीब 4 साल से ड्रॉप थे।
हाल ही में हुई न्यूजीलैंड सीरीज में उनकी वापसी हुई है और उन्होंने सिर्फ 4 पारियों में 335 रन बना दिए। इसके अलावा दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भी सरफराज ने 118 रनों की शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को हार से बचाया।
पत्रकार ने बाबर से पूछा तीखा सवाल
सरफराज की वापसी पर पत्रकारों ने कप्तान बाबर आज़म से पूछा कि, सरफराज को चार साल मौका नहीं मिला, लेकिन जब उसको मौका मिला, उसने अपनी सिलेक्शन प्रूव की। उसने सिर्फ सेंचुरी ही नहीं बनाई बल्कि पाकिस्तान की इज्जत भी बचाई। आप नहीं समझते तो उसको इंग्लैंड के सीरीज में भी चांस मिलना चाहिए था? क्या आपको पछतावा है कि वो चार साल से टीम में नहीं थे?
पत्रकार के इस सवाल पर पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने कहा कि,
"बिल्कुल, मैंने पहले भी जब टेस्ट मैच की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी, उस वक्त भी कहा था कि, जिस तरह उस बंदे ने इंतजार किया, उस बंदे ने हिम्मत नहीं हारी। वो डेडीकेशन से अपनी ट्रेनिंग, विकेटकीपिंग, बैटिंग करता रहा है। उसने इंतजार किया और अपने प्लान्स को अच्छे से पेश किए। मुश्किल परिस्थिति में बैटिंग की और टीम को निकाला। यही एक सीनियर प्लेयर की निशानी होती है कि मुश्किल टाइम में वो आपको एक अलग पारी खेलकर दे। ड्रीम कमबैक था उसके लिए"
बाबर ने ली कप्तानी और रिजवान ने विकेटकीपिंग
2019 वर्ल्ड कप के बाद सरफराज से कप्तानी ले ली गई थी और फिर उन्हें टीम से ड्रॉप भी कर दिया गया था। उनकी जगह मोहम्मद रिजवान ने सभी फॉर्मेट में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाल ली थी। हालांकि, उसके बाद उन्हें दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर स्क्वॉड में शामिल किया गया था, लेकिन प्लेइंग इलेवन में खेलने की जगह नहीं मिली थी।
हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ हुई टेस्ट सीरीज में आखिरकार सरफराज को रिजवान की जगह प्लेइंग इलेवन में भी जगह मिली और इस मौके को उन्होंने दोनों हाथ से लपका है। सरफराज ने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 86 और दूसरी पारी में 53 रनों की पारी खेली।
वहीं, दूसरे टेस्ट मैच में सरफराज ने पहली पारी में 78 और दूसरी पारी में एक शानदार शतक लगाकर 118 रनों की पारी खेली और अपनी टीम को हार से तो बचाया ही और जीत के करीब भी लेकर चले गए थे। अगल दूसरी छोर से किसी और बल्लेबाज का साथ मिला होता तो शायद न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में सरफराज अपनी टीम को जीत भी दिला सकते थे।