BCCI 6 hour Meeting Dicussion: भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड टीम की मेजबानी की थी। दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी, जिसमें मेजबानों को 0-3 से मुंह की खानी पड़ी थी। अब बीसीसीआई ने इस शर्मनाक हार की समीक्षा की है। 6 घंटे तक चली इस मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मीटिंग में कप्तान रोहित शर्मा, कोच गौतम गंभीर, अजित अगरकर, जय शाह और बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी शामिल थे।
6 घंटे तक चली BCCI की मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मीटिंग में टीम मैनेजमेंट द्वारा लिए गए कुछ फैसलों को लेकर सवाल किए गए। गंभीर की कोचिंग शैली को लेकर भी बात हुई, उनका तरीका पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ से बिल्कुल अलग है और टीम के ऊपर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है, ये जानने की कोशिश हुई। इस मामले से जुड़े बीसीसीआई के एक सीनियर सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया,
यह छह घंटे की मैराथन बैठक थी, जो इस तरह की हार के बाद स्पष्ट रूप से तय थी। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जा रही है और बीसीसीआई निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि टीम वापस पटरी पर आ जाए एवं यह जानना चाहेगा कि थिंक-टैंक (गंभीर-रोहित-अगरकर) इस बारे में क्या सोच रहे हैं।
पता चला है कि बीसीसीआई के अधिकारी इस बात से खुश नहीं थे कि तेज गेंदबाज और टीम के उप कप्तान बुमराह को तीसरे टेस्ट के लिए आराम दिया गया और टीम ने पुणे में इसी तरह की सतह पर हारने के बाद पूरी तरह से टर्न लेने वाली पिच को क्यों चुना। सूत्र ने आगे बताया कि बुमराह को रेस्ट देने को लेकर चर्चा हुई, हालांकि यह एहतियाती कदम था। भारत के इन ट्रैक पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद रैंक टर्नर का चयन करना कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा हुई।
तीनों को सुझाव देने के लिए कहा गया कि किस तरह सुधारात्मक उपाय किए जा सकते हैं। यह पुष्टि नहीं की जा सकती कि गंभीर की कोचिंग शैली पर सवाल उठाए गए या नहीं, लेकिन यह समझा जा रहा है कि भारतीय टीम के थिंक टैंक में कुछ लोग मुख्य कोच के साथ एकमत नहीं हैं। टी20 स्पेशलिस्ट ऑलराउंडर नितीश रेड्डी और रणजी ट्रॉफी में केवल 10 मैच खेलने वाले नए तेज गेंदबाज हर्षित राणा का चयन कम से कम सर्वसम्मति से नहीं हुआ है