Brian Lara is not happy with CWI: वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने हाल ही में खिलाड़ियों के करियर विकल्पों को लेकर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की जमकर आलोचना की है। उनका मानना है कि मौजूदा हालात ऐसे बन गए हैं कि निकोलस पूरन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी इंटरनेशनल क्रिकेट से जल्द संन्यास लेकर दुनिया भर में चल रही अलग-अलग लीग की तरफ़ जा रहे हैं जहां उन्हें बेहतर आर्थिक अवसर मिलते हैं।
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ियों फिल टफनेल, डेविड लॉयड, माइकल वॉन और एलेस्टेयर कुक द्वारा होस्ट किए गए 'स्टिक टू क्रिकेट' पॉडकास्ट पर बात करते हुए लारा ने कहा,
आज खिलाड़ी खुद तय कर रहे हैं कि उन्हें अपने करियर में क्या करना है। निकोलस पूरन इसका ताजा उदाहरण हैं जिन्होंने महज 29 वर्ष की उम्र में संन्यास का फैसला किया। कारण साफ है कि उन्हें दुनिया की कई टी-20 लीग में खेलने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं जिससे वह अच्छी कमाई कर पा रहे हैं। मुझे इस से कोई दिक़्क़त नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि वेस्टइंडीज क्रिकेट प्रशासन ने कभी भी अपने खिलाड़ियों को नेशनल टीम के प्रति प्रतिबद्ध बनाए रखने के लिए जरूरी प्रयास नहीं किए। जबकि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों के क्रिकेट बोर्ड इस दिशा में लगातार काम करते हैं।
पूरन का इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा
गौरतलब है कि निकोलस पूरन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान कर सभी को चौंका दिया था। महज 29 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए 106 टी-20 और 61 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 4,200 से भी अधिक रन बनाए हैं। IPL सहित अन्य टी20 लीग में उनके प्रदर्शन की जमकर सराहना होती रही है।
आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार पारियां खेली हैं। निकोलस पूरन का संन्यास का फैसला वो भी 2026 टी20 विश्व कप से पहले वेस्टइंडीज टीम के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पूरन जिस तरह से टी20 में मैच जिताऊ पारियां खेलते हैं वेस्टइंडीज़ के लिए वाक़ई यह बड़ा नुकसान है। बता दें कि 2026 टी20 वर्ल्ड कप भारत और श्रीलंका में होना है। साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर भारत डिफेंडिंग चैंपियन है।