क्रिकेट हमेशा से एक जाना माना और दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय खेल रहा है। भारत जैसे विशाल देश मे इसके करोड़ों चाहनेवाले हैं। छोटी उम्र के बच्चों से लेकर बडी उम्र वाले प्रशंसक भी बल्ला और गेंद लेकर इसे खेलते दिखाई देते हैं।
हालांकि आम तौर पर इसे खेलने के लिए बल्ला और गेंद की ज़रूरत होती है, लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसके अलग-अलग प्रारूप हैं और सभी के खेलने के अलग-अलग नियम है। यहां इस आर्टिकल में हम इसी का जिक्र करेंगे।
क्रिकेट के नियम मैरीलिबोन क्रिकेट क्लब (MCC) द्वारा स्थापित नियमों का एक समूह है जो निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर के क्रिकेट के नियमों की व्याख्या करता है। दुनिया भर में इस खेल के नियम इंटरनेशनल क्रिकेट कॉउंसिल (ICC) के साथ विचार विमर्श के बाद ही बदला जाता है। ICC विश्व भर में क्रिकेट की प्रतियोगिताओं की नियंत्रक तथा नियामक संस्था है।
क्रिकेट के तीन फॉरमेट हैं:
- टेस्ट क्रिकेट (5 दिन तक खेले जाने वाला क्रिकेट)
- एकदिवसीय क्रिकेट (50 ओवर का क्रिकेट)
- टी-20 क्रिकेट (20 ओवर का क्रिकेट)
क्रिकेट के आम नियम
क्रिकेट का खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। ये खेल एक बड़े मैदान में खेला जाता है और इस मैदान के बीच में एक 'पिच' बनाई जाती है जो 22 गज़ लम्बी और 10 फुट चौड़ी होती है। इसके दोनों तरफ़ 28 इंच ऊँचे तीन 'स्टम्प' लगे रहते हैं और इन स्टम्पों के बीच में दो 'गिल्लियाँ' लगी रहती हैं। ये तीनों स्टम्प इतने पास–पास गाड़े जाते हैं कि जिसमें से गेंद न गुज़र सके। गेंद की परिधि 9 इंच की होती है। क्रिकेट का गेंद एक ख़ास ढंग का होता है। जिसका भार 5.5 औंस से कम और 5.75 औंस से अधिक नहीं होता। हर टीम का अपना एक कप्तान होता है, जो कि इन ग्यारह खिलाड़ियों में ही शामिल होता है।
इसके अलावा मैदान में दो अंपायर होते हैं, जिनका फ़ैसला दोनों टीमों को मान्य होता है तो वहीं तीसरा वीडियो अंपायर होता है जिसकी भी मदद ली जा सकती है। दोनों टीमों में से कौन–सी टीम पहले बल्लेबाज़ी करेगी इसका फ़ैसला सिक्के की उछाल से, जिसे 'टॉस' कहा जाता है, किया जाता है। टॉस टीम का कप्तान करता है और टॉस जीतने वाला कप्तान तय करता है कि कौन सी टीम पहले बल्लेबाज़ी करेगी। दसवें खिलाड़ी के आउट होते ही सारी टीम को आउट हुआ मान लिया जाता है।
क्रिकेट के खेल में बल्लेबाज और गेंदबाज होते है। दोनों टीमों को बारी- बारी से बल्लेबाज़ी और गेंदबाजी करने का मौका मिलता है। इनमें विशेषग्य बल्लेबाज और गेंदबाज होते हैं तो वहीं एक विकेटकीपर होता है।
पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम अपने सीमित समय में या दस खिलाड़ी आउट होने के पहले अधिक से अधिक स्कोर करने की कोशिश करती है तो वहीं गेंदबाजी करने वाली टीम उन्हें ज्यादा स्कोर न करने से रोकने का प्रयास करती है। दोनों दल बारी-बारी से बल्लेबाज़ी (एक पारी) और गेंदबाज़ी करते हैं व एक पारी के समाप्त होने पर आपस में जगह बदल लेते हैं। पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम द्वारा बनाये स्कोर को पार करने की कोशिश दूसरी टीम करती है वहीं पहली टीम उनके खोलड़ियों को आउट कर के ऐसा करने से रोकने की कोशिश करती है।
गेंदबाज और बल्लेबाज के अलावा इसमें
विकेट-कीपरविकेट-कीपर गेंदबाजी करने वाली टीम की ओर से वह नामित खिलाड़ी है जो बल्लेबाज के स्टंपों के पीछे खड़े रहने के लिए अधिकृत है। वह अपनी टीम का एक मात्र खिलाड़ी है जिसे दस्ताने और बाहरी लेग गार्ड पहनने की अनुमति दी गयी है। क्षेत्ररक्षक गेंदबाजी पक्ष के सभी ग्यारह क्रिकेटर क्षेत्ररक्षक होते हैं। क्षेत्ररक्षकों को गेंद पकड़ने के लिए, रनों और चौकों को रोकने के लिए और गेंद को कैच कर या रन आउट के रूप में बल्लेबाज को आउट करने के लिए मैदान पर तैनात किया जाता है।
क्रिकेट में रन बनाने के तरीके:
[caption id="attachment_231244" align="aligncenter" width="594"] इस खेल में तीन तरह से रन बनाए जा सकते हैं।[/caption]
विकेट के बीच दौड़ कर: पिच के दोनों तरफ स्टम्प होते हैं और दोनों तरफ एक-एक बल्लेबाज खड़ा होता हैं खेलने वाला बल्लेबाज बॉल को मारता हैं और रन लेने के लिए दोनों बल्लेबाज सामने वाले स्टम्प की तरफ दौड़ते हैं।. इस वक्त गेंदबाजी करने वाली टीम की कोशिश होती हैं कि वो गेंद को पकड़ कर बल्लेबाज के स्टम्प तक पहुँचने से पहले स्टम्प को गेंद से मार कर आउट करे या जल्द से जल्द गेंद पकड़कर बल्लेबाज को कम से कम रन बनाने दे।
चौका: जब बल्लेबाज गेंद को मारता हैं और गेंद मैदान पर दौड़ती हुई निर्धारित सीमा के पार जाती हैं तब उसे चौका अर्थात चार रन कहे जाते हैं।
छक्का: जब बल्लेबाज गेंद को मारता हैं और वो हवा में बिना टप्पा खाये सीमा के पार जाती हैं तब उसे छक्का अथवा 6 कहे जाते हैं।
अतिरिक्त रन: इसके अलावा गेंदबाज की गलत बॉल के कारण सामने वाली टीम को प्रत्येक गलत बॉल पर एक रन दिया जाता हैं।
गेंदबाजी के तरीके:
गेंदबाजों को मुख्य तौर पर दो भागों में बांटा गया है। 1. तेज़ गेंदबाज 2. स्पिन गेंदबाज सभी गेंदबाज 6 गेंद का एक ओवर फेंकते हैं और उसमें सामने वाले बल्लेबाज को आउट करने या स्कोर न करने देने की कोशिश करते हैं।
गलत बॉल के तरीके:
नो बॉल:
गेंदबाज द्वारा नियम के विरुद्ध गेंद डालना अर्थात 1. गलत तरह से हाथों का इस्तेमाल 2. गेंद की ऊँचाई बल्लेबाज से कई गुना ज्यादा उपर होना 3. फील्डर का गलत पोजीशन पर होना 4. गेंदबाज का पैर रिटर्न क्रीज़ से बाहर होना, इसे "नो बॉल" कहा जाता हैं जिसके लिए सामने वाली टीम को एक अतिरिक्त रन दिया जाता हैं और उस बॉल पर रन आउट के अलावा कोई आउट मान्य नहीं होता। साथ ही एक फ्री हिट फि जाती है और गेंदबाज को वापस गेंदबाजी करनी पड़ती है। फ्री हिट पर बल्लेबाज रनआउट या स्टंप आउट के अलावा किसी और ढंग से आउट नहीं किया जा सकता।
वाइड बॉल: जब गेंद बल्लेबाज से बहुत दूर होती हैं जिसे वो किसी भी कंडीशन मे खेल नहीं सकता उसे गेंदबाज की गलती माना जाता हैं और बल्लेबाज टीम को अतिरिक्त रन दिया जाता हैं।
बाई: जब बॉल बल्ले से टच नही करती और विकेट कीपर भी उसे छोड़ देता हैं उस वक्त बल्लेबाजों को रन दौड़ने का वक्त मिल जाता हैं उसे बाई बॉल कहते हैं।
लेग बाई: जब बॉल बल्ले से न टकराकर बल्लेबाज से टकराती हैं और दूर चली जाती हैं उस वक्त भी बल्लेबाज को रन दौड़ने का मौका मिल जाता हैं उसे लेग बाई कहते हैं।
आउट होने के प्रकार:
बोल्ड: बल्लेबाजी करते समय अगर गेंद फेंकने के बाद अगर स्टंप से जा टकराई और गिल्लियां गिर जाती है उसे बोल्ड कहते हैं अगर टकराने पर गिल्लियां नहीं हिली या गिरी तो नॉट आउट होता हैं।
कैच:
बल्लेबाज से गेंद को हवा में मारा और बिना टप्पा खाये उसे फील्डर ने पकड़ लिया तो उसे कैच आउट कहते हैं।
लेग बिफोर विकेट (LBW):
जब गेंद बल्लेबाज के पैर से टकराती हैं ऐसा कई बार होता हैं लेकिन जब ऐसा लगे की बॉल लेग से ना टकराती तो विकेट पर लग सकती थी उस वक्त एलबीडबल्यू आउट दिया जाता हैं।
रन आउट:
जब बल्लेबाज रन के लिए विकेट के बीच दौड़ते हैं तब अगर बॉल किसी भी फील्डर ने पकड़ ली और बल्लेबाज के विकेट तक पहुँचने से पहले विकेट को हिट कर दिया तब उसे रन आउट माना जाता हैं।
हिट विकेट:
जब बल्लेबाज की गलती से विकेट गिर जाता हैं उसे हिट विकेट कहते हैं।
गेंद दो बार मारना:
बल्लेबाज को गेंद एक बार ही खेलने की अनुमति होती हैं अगर वह आउट होने के डर से उसे फिर से टच करता हैं तो आउट दिया जाता हैं।
स्टंप्ड आउट:
जब बल्लेबाज बॉल को टच नहीं करता और रन के लिए दौड़ता हैं उस वक्त विकेट कीपर बॉल से उसे आउट कर सकता हैं अगर विकेट कीपर दूर से विकेट पर बॉल फेंक कर मारता हैं तो उसे रन आउट कहते हैं लेकिन जब वो हाथ में बॉल लेकर विकेट टच करता हैं तो उसे स्टंप्ड आउट कहते हैं।
बल्लेबाज़ द्वारा गेंद पकड़ना:
अगर बल्लेबाज गेंद को हाथ से पकड़ ले या आउट से बचने के लिए उसे हाथ से टच करे तो वह आउट माना जाता हैं।
टाइम आउट:
एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद अगर दूसरा बल्लेबाज 3 मिनिट के अंदर खेलने नहीं पहुंचा तो वह आउट माना जाता हैं। इसे टाइम आउट कहते हैं।
बाधा डालना: जब बल्लेबाज दूसरी टीम के खिलाड़ियों को बॉल पकड़ते वक्त जन बुझकर उनके सामने आ जाये तब उसे आउट कर दिया जाता हैं।
टेस्ट क्रिकेट:
[caption id="attachment_231091" align="aligncenter" width="594"] टेस्ट क्रिकेट जिसे सबसे उच्च दर्जे का फॉरमेट माना जाता है वो पांच दिन तक चलने वाला क्रिकेट खेल है जिसमें दोनों टीमों को दो-दो पारी खेलने का मौका मिलता है। एक दिन में अधिकतर 90 ओवर खेले जाते हैं और इसे तीन सेशन में बांटा गया है। इसमें भी खेल के नियम सामान्य हैं। हालांकि सीमित ओवर के खेल के उल्ट यहां गेंदबाज पर ओवर की कोई सीमा नहीं होती। इसे खेलते हुए खिलाड़ी सफेद जर्सी पहनते हैं।[/caption]
एकदिवसीय क्रिकेट (ODI):
एकदिवसीय क्रिकेट जिसे वनडे भी कहा जाता है 50-50 ओवर का खेल है। इस फॉरमेट में दोनों टीम केवल एक-एक बार बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते हैं। इसमें भी खेल के नियम सामान्य होते हैं। गेंदबाजी करते हुए गेंदबाज यहां अधिक्तम 10 ओवर गेंदबाजी कर सकता है। वनडे क्रिकेट रंगीन जर्सी में खेला जाता है।
इसमें पावर प्ले का नियम भी होता है जिसे तीन भागों में बांटा गया है। पावरप्ले के लिए कुछ ओवर निर्धारित किए जाते हैं। इस दौरान क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम को 30 गज के घेरे के बाहर एक निश्चित संख्या में क्षेत्ररक्षक रखने की इजाजत होती है। अनिवार्य पावर प्ले: पहले दस ओवर में केवल दो खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होंगे। गेंदबाजी पावर प्ले: 11वें ओवर से 40वें ओवर तक किसी भी लगातार 5 ओवर तक केवल चार खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होंगे। बल्लेबाजी पावर प्ले: 40वें ओवर से 50वें ओवर तक किसी भी लगातार 5 ओवर तक केवल पांच खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होंगे।
टी-20 क्रिकेट:
ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट को आधुनिक क्रिकेट कहा जाता है और मौजूदा समय मे ये सबसे लोकप्रिय फॉरमेट वाला क्रिकेट है। जैसा इसका नाम है ये 20-20 ओवर का खेल होता है।
कुल 20 ओवर में से पांच गेंदबाज में प्रत्येक गेंदबाज अधिकतम 4 ओवर ही करेंगे। शुरू के छह ओवर पावर प्ले होगा।
गेंदबाज कभी भी पोम्पिंग क्रीज का अतिक्रमण करता है तो वह नो बॉल होगा. बैटिंग टीम को इसके बदले 1 रन मिलेगा और बॉल भी मान्य नहीं होगी. इसके बाद की गेंद फ्री हिट होगी जिस पर बल्लेबाज आउट नहीं होगा सिवाय रनआउट के।
अंपायर को लगता है कि कोई टीम बेवजह समय बर्बाद कर रहा है तो वह अपनी बुद्धिमत्ता के अनुसार उस टीम को 5 रन बतौर जुर्माना के काट लेगा।
समान्य ट्वेंटी 20 क्रिकेट में मध्यांतर 20 मिनट का होता है. अगर किसी कारण से मैच के ओवर कम होते हैं तो मध्यांतर का समय 10 मिनट का हो जाता है।
अगर दोनों टीम पांच ओवर का मैच खेल लेती है तो मैच निरस्त नही होगा।
टीम के रन रेट को काउंट करने के लिए प्रत्येक ओवर बनाये गये रन के विरूद्ध दूसरे टीम के स्कोर किये गये रन से कम कर दिया जाता है।
टी-20 क्रिकेट कभी भी बिना नातीजे के खत्म नहीं होता और अगर दोनों टीमों बराबरी का स्कोर बनाती है तो दोनों के बीच एक-एक ओवर का खेल होता है जिसे सुपर ओवर कहा जाता है। इसमें दोनों टीमों की ओर से अधिक्तम तीन बल्लेबाज़ बल्लेबाजी कर सकते हैं और केवल एक गेंदबाज गेंदबाजी कर सकता है। इसमें सबसे ज्यादा स्कोर करने वाली टीम मैच जीतती है। यदि इसमें भी टाई हो जाता है तो फिर जो कोई टीम सबसे ज्यादा सिक्सर लगायी होती है उसे जीत मिल जायेगी, यहाँ तक इसमें भी टाई हो तो फिर चौकों के आधार विजेेता तय किया जाता है।