भारत ने 2 अप्रैल 2011 को फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और वो सिर्फ एक ही मुकाबला हारी थी, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़ी टीमों की भी शिकस्त दी थी।
पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिले थे, कई उलटफेर भी हुए थे। बांग्लादेश और आयरलैंड ने इंग्लैंड को हराया, तो भारत और इंग्लैंड के बीच हाई स्कोरिंग मुकाबला टाई रहा। इसके अलावा कई खिलाड़ियों के लिए यह टूर्नामेंट काफी अच्छा रहा।
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अब हम नजर डालेंगे 2011 वर्ल्डकप की बेस्ट इलेवन पर:
#) सलामी बल्लेबाज
सचिन तेंदुलकर और तिलकरत्ने दिलशान
2011 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दो बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और सचिन तेंदुलकर ही रहे। यह ही वजह रही कि इन दोनों टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया और फाइनल तक का सफर किया। दिलशान ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 9 मुकाबलों में 62.50 की औसत और 90.74 की स्ट्राइक रेट से 500 रन बनाए। इस बीच उनके बल्ले से 2 शतक और 2 अर्धशतक भी निकले।
सचिन तेंदुलकर 2011 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 9 मुकाबलों में 53.55 की औसत और 91.88 की स्ट्राइक रेट से 482 रन बनाए। इस बीच उन्होंने दो शतक और दो अर्धशतक भी लगाए। सचिन पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे थे।
#) गौतम गंभीर और कुमार संगाकारा
2011 वर्ल्ड कप में गौतम गंभीर का प्रदर्शन काफी शानदार रहा और वो भारत की जीत के अनसंग हीरो में से एक रहे हैं। गंभीर ने टूर्नामेंट में खेले गए 9 मुकाबलों में 43.66 की औसत से 382 रन बनाए, इसमें 4 अर्धशतकीय पारी शामिल हैं। आपको बता दें कि गंभीर ने दो मुश्किल मैच क्वार्टर फाइनल और फाइनल में भी अर्धशतक लगाया, जिसके कारण ही भारत चैंपियन बन पाया।
श्रीलंका को अपनी कप्तानी में फाइनल तक पहुंचाने वाले कुमार संगाकारा इस टीम के कप्तान और विकेटकीपर रहेंगे। उन्होंने बल्ले के साथ बेहतरीन प्रदर्शन तो किया ही, बल्कि उनकी कप्तानी भी शानदार रही। संगाकारा ने 9 मैचों में 93 की औसत से 465 रन बनाए, इसमें 3 अर्धशतक और एक शतक शामिल हैं। संगाकारा टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर रहे थे।
#) एबी डीविलियर्स और युवराज सिंह
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एबी डीविलियर्स भी इस टीम का हिस्सा होंगे। एबी डीविलियर्स ने 5 मुकाबलों में 88.25 की औसत और 108.28 के स्ट्राइक रेट से 353 रन बनाए। एबी डीविलियर्स ने इस बीच 2 शतक और एक अर्धशतक भी लगाया। उनका सर्वाधिक स्कोर 134 रन रहा।
युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप में पूरी तरह से अपने नाम किया। बल्ले और गेंद के साथ जो बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उन्होंने टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई। युवी ने 9 मैचों की 8 पारियों में 90.50 की बेहतरीन औसत से 362 रन बनाए और गेंद के साथ भी 15 विकेट चटकाए। युवी ने 4 अर्धशतक और एक शतक भी लगाया। युवी को 4 बार मैन ऑफ द मैच चुना गया और वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे।
#) शाहिद अफरीदी और मुथैया मुरलीधरन
2011 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी ने ही लिए। उन्होंने 8 मुकाबलों में 12.85 की औसत और 3.62 की इकॉनमी रेट से 21 विकेट लिए। अफरीदी ने टूर्नामेंट में दो बार मैच में 5 विकेट भी लिए। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 16 रन देकर 5 विकेट लेना रहा। शाहिद अफरीदी ने टूर्नामेंट में 74.3 ओवर डालते हुए 270 रन दिए।
श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन इस टीम के दूसरे स्पिनर होंगे। मुरलीधरन ने टूर्नामेंट में खेले 9 मुकाबलों में 19.40 की औसत और 4.09 की इकॉनमी रेट से 15 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25 रन देकर 4 विकेट लेना रहा।
#) जहीर खान, डेल स्टेन और टिम साउदी
भारत की वर्ल्ड कप जीत के एक और अनसंग हीरो जहीर खान ही रहे। जहीर खान ने पूरे टूर्नामेंट में जरूरत पड़ने पर भारत को महत्वपूर्ण विकेट दिलाए और वो सयुंक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने 9 मुकाबलों में 18.76 की औसत और 4.83 की इकॉनमी रेट से 21 विकेट लिए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20 रन देकर तीन विकेट लेना रहा। फाइनल में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ शानदार स्पेल डाला था।
2011 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे नंबर पर न्यूजीलैंड के टिम साउदी रहे। उन्होंने 8 मैच में 17.33 की औसत और 4.31 की इकॉनमी रेट से 18 विकेट चटकाए। टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा। टिम साउदी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 13 रन देकर 3 विकेट लेना रहा।
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज गेंदबाज डेल स्टेन इस टीम के तीसरे तेज गेंदबाज और 11वें खिलाड़ी होंगे। उन्होंने 6 मुकाबलों में 16 की औसत और 4.15 की इकॉनमी रेट से 12 विकेट लिए। उन्होंने एक बार मैच में 5 विकेट भी लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 50 रन देकर 5 विकेट लेना रहा, जोकि भारत के खिलाफ नागपुर में आया।